Last Updated:October 24, 2025, 09:24 IST
Tata Trust vs Mehli Mistry : टाटा ट्रस्ट ने विवादों को सुलझाने के लिए मेहली मिस्त्री को आजीवन ट्रस्टी बनाए जाने का प्रस्ताव दिया है. यह प्रस्ताव मंजूर होता है तो समूह के भीतर जारी विवादों पर भी विराम लग जाएगा.
मेहली मिस्त्री को लाइफटाइम ट्रस्टी बनाने का ऑफर मिला है. नई दिल्ली. टाटा समूह में विवादों के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. टाटा ट्रस्ट ने अपनी तीन प्रमुख चैरिटेबल संस्थाओं में मेहली मिस्त्री को ट्रस्टी (न्यासी) के रूप में दोबारा नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया है. साथ ही उन्हें आजीवन ट्रस्टी बनाए रखने की भी पेशकश की गई है. घटनाक्रम से परिचित सूत्रों ने कहा कि टाटा ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने ट्रस्ट के अन्य सदस्यों को इस आशय के प्रस्ताव से अवगत करा दिया है और उनकी सहमति से जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.
इस प्रस्ताव के तहत मेहली मिस्त्री को सर रतन टाटा ट्रस्ट, सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और बाई हीराबाई जमसेतजी टाटा नवसारी चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन में दोबारा नियुक्त किया जाना है. टाटा समूह के दिवंगत प्रमुख रतन टाटा के करीबी माने जाते रहे मिस्त्री पहली बार वर्ष 2022 में टाटा ट्रस्ट में नियुक्त हुए थे. उनका तीन साल का कार्यकाल 28 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. टाटा ट्रस्ट ने फिलहाल इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
ट्रस्ट ने क्या रखी है शर्त
टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है. टाटा संस 156 साल पुराने टाटा समूह की कंपनियों की प्रवर्तक कंपनी है. सूत्रों के मुताबिक, मिस्त्री और तीन अन्य ट्रस्टी प्रमित झवेरी, जहांगीर एचसी जहांगीर और डेरियस खम्बाटा ने वेणु श्रीनिवासन को ट्रस्टी और वाइस चेयरमैन के रूप में दोबारा नियुक्ति को मंजूरी देते समय यह शर्त रखी थी कि भविष्य में किसी भी ट्रस्टी का नवीनीकरण केवल सर्वसम्मति से ही हो, अन्यथा उनकी स्वीकृतियां रद्द की जा सकती हैं.
मिस्त्री को लेकर नहीं बनी सहमति
ट्रस्ट ने भले ही अपनी तरफ से ऑफर दिया है, लेकिन मिस्त्री के आजीवन कार्यकाल को लेकर ट्रस्ट के भीतर मतभेद की खबरें हैं. एक पक्ष को मौजूदा चेयरमैन नोएल टाटा के साथ माना जा रहा है, जबकि दूसरा पक्ष रतन टाटा के पुराने समर्थकों से संबंधित है. यह मामला सरकार तक भी पहुंचा जिसके बाद नोएल टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी.
प्रस्ताव से क्या होगा बदलाव
पिछले दिनों टाटा समूह के विवाद को लेकर सरकार ने दोनों पक्षों को सुझाव दिया था कि वे मामले का समाधान आपसी सहमति से करें और इसे सार्वजनिक मतभेदों में न बदलने दें, क्योंकि टाटा समूह का भारतीय अर्थव्यवस्था में विशेष महत्व है. यही वजह है कि टाटा ट्रस्ट ने मेहली को लेकर यह प्रस्ताव दिया है. अगर मेहली के आजीवन ट्रस्टी बनाए जाने के प्रस्ताव पर सहमति बन जाती है तो समूह के भीतर जारी विवादों पर भी विराम लग सकता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 24, 2025, 09:22 IST

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