लोग बेरोजगार हैं... CJI सूर्यकांत के सामने पेश हुए वकील ने क्यों दी ये दलील?

4 hours ago

Last Updated:December 11, 2025, 13:55 IST

Supreme Court CJI News: ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध को चुनौती देने का मामला चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब जनवरी में होगी सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगा. CJI सूर्यकांत ने कहा कि मैं इसे जनवरी में तीन जजों की पीठ के सामने सूचीबद्ध करूंगा और तब तक पीठ की संरचना आदि पर निर्णय हो जाएगा. गुरुवार को वरिष्ठ वकील आर्यामा सुंदरम ने CJI सूर्यकांत के सामने यह मामला रखा और कहा कि ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका जस्टिस जेबी परदीवाला के सामने सूचीबद्ध होनी थी, लेकिन मामला स्थगित हो गया है. हमें बताया गया है कि हम इस मामले को CJI के सामने रखें.

लोग बेरोजगार हैं... CJI सूर्यकांत के सामने पेश हुए वकील ने क्यों दी ये दलील?ऑनलाइन गेमिंग ऐप बैन मामले पर सीजेआई सूर्यकांत की बेंच पर सुनवाई हुई

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत की कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान पेश वकील ने दलील ने दी कि जज साहब बेरोजगारी बढ़ रही है और इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द हो. असल में यह मामला ऑनलाइन गेमिंग पर लगाई गई रोक के खिलाफ था. सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो कोई फैसला नहीं हो सका है. वकील की दलीलों पर CJI सूर्यकांत ने कहा कि इस मामले को जनवरी में तीन जजों की स्पेशल बेंच के सामने लिस्ट किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकीलों ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर लगाई गई रोक पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि इस प्रतिबंध की वजह से हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं, इसलिए इस पर तुरंत निर्णय जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं हो सकी सुनवाई?
CJI सूर्यकांत ने कहा कि यह मामला बेहद महत्वपूर्ण है और इसे जनवरी में तीन जजों की विशेष पीठ के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि तब तक पीठ में तब तक कौन-कौन से जज होंगे इस पर भी आखिर फैसला हो जाएगा.

याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा?
वरिष्ठ वकील आर्यामा सुंदरम ने CJI के सामने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग बैन को चुनौती देने वाली याचिकाएं पहले जस्टिस जेबी परदीवाला के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट थीं. परदीवाला बेंच ने राज्य अधिनियमों को चुनौती देने वाले मामलों की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन अधिकार-क्षेत्र से जुड़ा एक और मुद्दा है, जो CJI के सामने आना चाहिए था. सुंदरम ने तत्काल प्रभाव की जरूरत बताते हुए कहा कि जज साहब, लोग बेरोजगार हैं… इसलिए इस मामले में तुरंत कार्रवाई होने की जरूरत है. उनका तर्क था कि ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में प्रतिबंध लगने से कई स्टार्टअप, कंपनियां और कर्मचारी प्रभावित हैं, और हजारों की रोज़ी-रोटी दांव पर है.

वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने बताया कि उन्होंने इस मामले में विस्तृत तर्क पहले ही परदीवाला बेंच के सामने रख दिए हैं. उस मामले में फैसला सुरक्षित रखा जा चुका है. अब यह जरूरी है कि अधिकार-क्षेत्र और केंद्रीय-राज्य शक्तियों पर भी कोर्ट स्पष्ट निर्देश दे.

क्या है यह पूरा मामला?
कई राज्यों ने ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग (RMG), फैंटेसी गेम्स, पोकर, ऑनलाइन रम्मी आदि पर कानून बनाकर प्रतिबंध लगाया है. गेमिंग कंपनियों का कहना है कि ये ‘कौशल के खेल’ हैं न कि जुए का रूप है. प्रतिबंध से स्टार्टअप ईकोसिस्टम, निवेशकों और उद्योग में काम करने वालों को बड़ा नुकसान हुआ है. सरकार का तर्क है कि युवाओं की सुरक्षा और लत को रोकने के लिए कड़े कदम जरूरी हैं.

CJI सूर्यकांत ने क्या कहा?

CJI सूर्यकांत ने कहा कि जिस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है, उससे यह स्पष्ट होगा कि राज्य सरकारों की शक्ति कहां तक है और कब केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत की संघीय संरचना ऐसे मामलों में मार्गदर्शन देती है और इसलिए तीन-जजों की बेंच द्वारा सुनवाई उचित होगी.

अब क्या होगा?
अब यह केस जनवरी 2026 में तीन-जजों की बेंच के सामने सुना जाएगा. मुकदमे में यह भी तय होगा कि क्या राज्य सरकारें ऐसे गेम्स पर पाबंदी लगाने की हकदार हैं? या यह विषय केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है? क्या ऑनलाइन गेमिंग को जुआ माना जाए या कौशल का खेल? और क्या प्रतिबंध से प्रभावित लोगों की आजीविका की भरपाई सरकारों को करनी चाहिए?

About the Author

अरुण बिंजोला

अरुण ब‍िंजोला इस वक्‍त न्‍यूज 18 में बतौर एसोसिएट एड‍िटर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वह करीब 15 सालों से पत्रकार‍िता में सक्र‍िए हैं और प‍िछले 10 सालों से ड‍िजिटल मीड‍िया में काम कर रहे हैं. करीब एक साल से न्‍यूज 1...और पढ़ें

Location :

Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

December 11, 2025, 13:55 IST

homenation

लोग बेरोजगार हैं... CJI सूर्यकांत के सामने पेश हुए वकील ने क्यों दी ये दलील?

Read Full Article at Source