रूस-युक्रेन युद्ध में एक और हरियाणवी की मौत, 5 लापता:एक का VIDEO मैसेज- कभी भी मौत आएगी; धोखे से आर्मी में जॉइनिंग करवाई

9 hours ago

रूस-युक्रेन युद्ध में मारा गया हिसार का युवक सोनू। यूक्रेन के ड्रोन ने उस पर हमला किया।

रूस-युक्रेन युद्ध में हरियाणा के एक और युवक की मौत हो गई है। इस बार हिसार के गांव मदनहेड़ी के 28 वर्षीय सोनू की मौत की पुष्टि हुई है। सोनू के बड़े भाई अनिल ने बताया कि सोनू को जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर युद्ध में भेजा गया था।

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रूस आर्मी के कमांडर का फोन उनके पास आया, जिसमें बताया कि यूक्रेन के ड्रोन अटैक में सोनू मारा गया है। सोनू के शव को एयरलिफ्ट कर बुधवार सुबह तक भारत लाया जा सकता है। इससे पहले कैथल के 22 वर्षीय कर्मचंद की मौत हो गई थी। उसे भी धोखे से रशियन आर्मी में भर्ती किया गया था।

हिसार के गांव मदनहेड़ी के ही अमन का 4 दिन पहले परिवार के पास एक वीडियो मैसेज आया। करीब 1 मिनट के वीडियो में अमन ने बताया कि 25 अगस्त को उसे धोखे से रशियन आर्मी में भर्ती किया गया। कहा गया कि गार्ड की नौकरी है। 12 दिन की ट्रेनिंग के बाद सीधे बॉर्डर पर लड़ने भेज दिया। कभी भी मौत हो सकती है। रोजाना बमबारी होती है और कोई न कोई आंखों के सामने मारा जाता है।

पिछले दिनों विदेश मंत्रालय की ओर से 27 युवाओं की लिस्ट जारी हुई थी, जिनके रूस की आर्मी में भर्ती होने की पुष्टि थी। इनमें हरियाणा के 7 नाम थे। इनमें फतेहाबाद, हिसार व कैथल के 2-2 और एक कलानौर का युवक है। इनमें से 5 युवकों का परिवारों का लंबे समय से कोई संपर्क नहीं है।

रशियन आर्मी में भर्ती सोनू सबसे पीछे खड़ा होकर विक्ट्री साइन बनाता हुआ।

रशियन आर्मी में भर्ती सोनू सबसे पीछे खड़ा होकर विक्ट्री साइन बनाता हुआ।

जवान के भाई ने ये अहम बातें बताईं...

मई 2024 में फॉरेन लैंग्वेज कोर्स करने गया था रूस: सोनू के भाई अनिल ने बताया कि उनका भाई और गांव का 24 वर्षीय अमन मई 2024 में रूस गए थे। तब वे फॉरेन लैंग्वेज का कोर्स करने गए थे। आमतौर पर रूस व पुराने USSR के गणराज्यों में युवा किसी न किसी कोर्स के बहाने जाते हैं। वहां आसानी से काम मिल जाता है।3 सितंबर को हुई थी आखिरी बार बात: अनिल ने बताया कि सोनू ने 3 सितंबर को आखिरी बार फोन कर बताया था कि उसे जबरन रशियन आर्मी में भर्ती किया जा रहा है और जल्द युद्ध में भेजा जाएगा। इसके बाद 19 सितंबर को रूस से एक पत्र मिला, जिसमें बताया गया कि वह 6 सितंबर से लापता है और अब उसका शव मिल गया है, लेकिन परिवार का कहना है कि रूसी सेना ने जो शव बताया, वह किसी और का है।6 अक्टूबर को रूस से लेटर आया: अनिल का कहना है कि 6 अक्टूबर को भी परिवार के पास रूस की सेना के एक अधिकारी ने पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है कि सोनू की युद्ध में मौत हो चुकी है। हालांकि, इसके बाद रूस स्थित भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि नहीं की थी। भारतीय दूतावास से भी परिवार का संपर्क हुआ। जिसमें कहा गया कि मौत की जानकारी सही है। बुधवार सुबह 5 बजे तक शव भारत आ सकता है।शव की पहचान करना मुश्किल: अनिल ने बताया कि सोनू के शव की फोटो रूस आर्मी ने भेजी है, मगर वह पहचान में नहीं आ रही। शव पूरी तरह क्षत-विक्षत हालत में है। शव पर बर्फ सा सफेद कुछ जमा हुआ है।
रशियन आर्मी में भर्ती अमन ने वीडियो जारी कर जान बचाने की गुहार लगाई।

रशियन आर्मी में भर्ती अमन ने वीडियो जारी कर जान बचाने की गुहार लगाई।

कर्मचंद की भी 6 सितंबर को मौत हुई, 18 अक्टूबर को देश की मिट्टी नसीब हुई कैथल जिले के गांव जनेदपुर के 22 वर्षीय कर्मचंद के साथ भी ऐसा हुआ था। वह जर्मनी जाना चाहता था। एजेंट ने यही भरोसा दिलाया था, लेकिन जर्मनी के बजाय रूस भेज दिया। जहां उसे सेना में भर्ती कर दिया गया। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। युद्ध के दौरान 6 सितंबर को बम गिरने से कर्मचंद की मौत हो गई। करीब डेढ़ महीने बाद 17 अक्तूबर को उसका पार्थिव शरीर भारत लौटा और 18 अक्तूबर को गांव में अंतिम संस्कार किया गया।

फतेहाबाद के अंकित व विजय से 11 सितंबर के बाद संपर्क नहीं फतेहाबाद जिले के गांव कुम्हारिया के 2 युवक अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया भी जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में धकेल दिए गए हैं। विजय पूनिया का बीती 26 अक्टूबर को 22वां जन्मदिन था। उसके परिवार में मां सुमन देवी और छोटा भाई सुनील कुमार हैं। विजय के छोटे भाई सुनील कुमार ने बताया कि भाई से आखिरी बार 13 सितंबर की शाम को बात हुई थी।

अंकित जांगड़ा के भाई रघुवीर जांगड़ा ने बताया कि उनका परिवार लगातार अंकित और विजय की वापसी की राह देख रहा है। उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी से आस है कि वह इन बच्चों को वापस जरूर लेकर आएंगे। अब ताे 11 सितंबर के बाद दोबारा भाई से बात करने को भी तरस गए हैं।

युवकों की लिस्ट दिखाते सामाजिक कार्यकर्ता जयभगवान।

युवकों की लिस्ट दिखाते सामाजिक कार्यकर्ता जयभगवान।

हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड समेत 6 राज्यों 27 युवा फंसे भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से 27 नामों की एक लिस्ट जारी की गई। जिसमें 6 राज्यों के युवाओं के नाम हैं, जिनकी रशियन आर्मी में भर्ती होने की पुष्टि हुई है। इनमें हरियाणा के 6 नाम हैं। बाकी नाम राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर व तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के नाम शामिल हैं।

3 को दिल्ली में जंतर-मंतर पर होगा प्रदर्शन रशियन आर्मी में जबरन या धोखे से भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में धकेले गए युवकों के परिजन अब 3 नवंबर को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। दिल्ली पुलिस से उन्हें 3 घंटे की परमिशन मिली है। इन परिवारों की लड़ाई लड़ने के लिए रोहतक के महम क्षेत्र के गांव मदीना गिंधरान निवासी सामाजिक कार्यकर्ता जयभगवान ने बीड़ा उठाया है। जयभगवान ने यूक्रेन में फंसे युवकों के परिजनों को जोड़ते हुए वॉट्सऐप ग्रुप बनाया है।

जयभगवान ने दैनिक भास्कर एप से बातचीत में बताया कि जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस के पार्लियामेंट थाने से परमिशन ली गई है। 3 नवंबर को दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन के लिए परमिशन मिली है।

मंत्री-सांसद विदेश मंत्रालय और दूतावास को भेज चुके मेल जयभगवान ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा से विदेश मंत्रालय और रूस में भारतीय दूतावास को मेल भिजवाई है। मगर विदेश मंत्रालय से यही जवाब आ रहा है कि प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए, अब जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई जाएगी ताकि केंद्र सरकार और गंभीरता से प्रयास कर सकें।

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