'राहुल ने स्मृति के डर से अमेठी छोड़ा': कांग्रेस के प्लान को BJP करेगी पंक्चर

2 weeks ago
'BJP यह कहेगी कि राहुल गांधी ने ईरानी से हारने के डर से अमेठी छोड़ दिया.' (फाइल फोटो) 'BJP यह कहेगी कि राहुल गांधी ने ईरानी से हारने के डर से अमेठी छोड़ दिया.' (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अमेठी और रायबरेली के लिए भाजपा की प्रचार लाइन अब तय हो गई है, जिसमें राहुल गांधी ने अपनी सीट बदल ली है और कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ अमेठी से अपने परिवार के विश्वासपात्र को मैदान में उतारा है. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी लोगों के बीच यह कहेगी कि राहुल गांधी ने ईरानी से हारने के डर से अमेठी छोड़ दिया और अब अमेठी से उनकी रिकॉर्ड जीत को कोई रोक नहीं सकता है.

भाजपा सूत्रों ने बताया कि केएल शर्मा अमेठी के लिए एक बाहरी व्यक्ति हैं और दो दशकों से अधिक समय से रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रबंधक रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि बीजेपी मतदाताओं से यह भी कहेगी कि रायबरेली में राहुल गांधी को वोट देने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि अगर वह दोनों सीटें जीतते हैं तो वह यह सीट भी छोड़ देंगे और वायनाड को बरकरार रखेंगे.

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एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने News18 को बताया कि ‘विलंब ने अंतिम क्षण तक अनिर्णय और कमजोरी दिखाई है; यही हाल है कांग्रेस पार्टी का. मतदाताओं के लिए भी यह स्पष्ट है कि राहुल गांधी चुनाव लड़ने के लिए अनिच्छुक थे और वह रायबरेली भी छोड़ देंगे क्योंकि वह वायनाड छोड़ने के मूड में नहीं हैं.’

उपचुनाव में उतरेंगी प्रियंका- BJP 
बीजेपी एक अभियान भी चलाएगी जिसमें लोगों से कहा जाएगा कि वे रायबरेली में बीजेपी उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह जैसे स्थानीय व्यक्ति को वोट दें जो सांसद के रूप में हमेशा उपलब्ध रहेंगे और राहुल गांधी पर दांव नहीं लगाएं. क्योंकि अगर राहुल जीतते हैं तो उपचुनाव की जरूरत होगी. एक भाजपा नेता ने पूछा कि ‘क्या प्रियंका गांधी वाड्रा फिर उपचुनाव में मैदान में उतरेंगी?’

भाजपा उम्मीद कर रही है कि सिंह रायबरेली में बड़ा उलटफेर कर सकते हैं क्योंकि लोकसभा क्षेत्र के दो प्रमुख विधायकों, अदिति सिंह और मनोज पांडे को उनके पीछे अपना जोर लगाने के लिए कहा जाएगा. 2014 में इस सीट पर सोनिया गांधी की जीत का अंतर 3.5 लाख वोटों का था. 2019 में जब प्रताप पहली बार यहां से लड़े तो यह घटकर 1.67 लाख रह गया. इसलिए, जिस व्यक्ति ने 2019 में सोनिया के अंतर को आधा कर दिया था, उसे भाजपा ने रायबरेली में एक और मौका दिया है.

वास्तव में, कहानी ईरानी के समान है जिन्होंने 2009 में राहुल गांधी के 3.5 लाख के अंतर को घटाकर 2019 में लगभग एक लाख कर दिया और अंततः 2019 में उन्हें 55,000 वोटों से हरा दिया. पार्टी सूत्रों ने कहा कि बीजेपी को उम्मीद है कि वह फिर से रायबरेली में दोबारा चुनाव लड़ेगी, इसलिए यही रणनीति अपनाई गई है.

Tags: Congress, Loksabha Elections, Rahul gandhi, Smriti Irani

FIRST PUBLISHED :

May 3, 2024, 10:28 IST

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