राज्यों ने बढ़ाई इस खुफिया एजेंसी की मुश्किलें, कहीं फायदा न उठा ले पाकिस्तान!

14 hours ago

Last Updated:July 09, 2025, 10:35 IST

New Tension of Intelligence Agencies: राज्‍यों की वजह से इन दिनों देश की प्रमुख खुफिया एजेंसी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. लगातार अनुरोध करने के बावजूद राज्‍य सरकारें केंद्र की बातों को नजरअंदाज कर रहे हैं. क्...और पढ़ें

राज्यों ने बढ़ाई इस खुफिया एजेंसी की मुश्किलें, कहीं फायदा न उठा ले पाकिस्तान!

हाइलाइट्स

कुछ राज्‍य सरकारों ने बढ़ाई गृह मंत्रालय की टेंशन.कई बार पत्र लिखने के बावजूद नहीं मान रहे हैं बात.राज्‍यों के रुख से खुफिया एजेंसियों की बढ़ीं मुश्किलें.

New Tension of Intelligence Agencies: क्‍या देश की सुरक्षा की जिम्‍मेदारी सिर्फ केंद्र सरकार की है? क्‍या सीमापार से लेकर सीमावर्ती राज्‍यों तक पनप रही साजिशों को नाकाम करने में जिम्‍मेदारी भी सिर्फ केंद्र सरकार की ही है? बीतें कुछ महीनों से राज्‍य सरकार के रुख को देखते हुए यही लग रहा है. राज्‍य सरकारों के इस रुख की वजह से केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों की मुश्किलें भी काफी बढ़ गई हैं. शायद यही वजह है कि कुछ समय पहले गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को पत्र लिखा गया है.

दरअसल, यह पूरा मामला आईपीएस की प्रतिनियुक्ति से जुड़ा हुआ है. नियमानुसार, प्रत्येक कैडर में 40 फीसदी पद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व (सीडीआर) पदों के रूप में निर्धारित हैं. शिकायत यह है कि कुछ राज्‍य लंबे समय से आईपीएस अधिकारियों का नॉमिनेशन केंद्रीय प्रतिनियुक्तियों के लिए नहीं भेज रहे हैं. जिसकी वजह से सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन (सीपीओ) और सेंट्रल आर्म्‍ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) में आईपीएस ऑफिसर्स की कमी से जूझ रहे हैं.

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आईबी में आईपीएस कितनी खाली हैं पोस्‍ट
आलम यह है कि देश की सुरक्षा को पुख्‍ता रखने में अहम भूमिका निभाने वाली खुफिया एजेंसियां भी इस कमी से अछूती नहीं हैं. आपको बता दें कि गृह मंत्रालय ने प्रमुख खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्‍यूरो (आईबी) में प्रतिनियुक्ति में आने वाले आईपीएस के लिए 194 पोस्‍ट रिजर्व कर रखी हैं. इसमें डायरेक्‍टर जनरल (डीजी) की 1, स्‍पेशल डायरेक्‍टर जनरल (एसडीजी) की 2, एडिशनल डायरेक्‍टर जनरल (एडीजी) की 8, इंस्‍पेक्‍टर जनरल (आईजी) की 37, डिप्‍टी इंस्‍पेक्‍टर जनरल (डीआईजी) के 63 और सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) की 83 पोस्‍ट हैं.

वहीं, 23 जून 2025 तक की बात करें तो आईबी ने डीजी से लेकर आईजी तक के लिए निर्धारित सभी 48 पोस्‍ट तो भरी हुई हैं, पर डीआईजी और एसपी लेबल पर आईपीएस अधिकारियों की भारी कमी है. आईबी में डीआईजी की जहां 63 पोस्‍ट निर्धारित हैं, जिसमें 37 पोस्‍ट अभी भी खाली हैं. वहीं एसपी लेबल के आईपीएस अधिकारियों की बात करें तो 83 में से 51 पद खाली पड़े हुए हैं. अब लाजमी है कि जब एसपी की 62 फीसदी पोस्‍ट खाली हों तो उसका असर नकेवल आईबी के ऑपरेशन पर पड़ेगा, बल्कि मौजूदा अधिकारियों पर काम का अतिरिक्‍त बोझ होगा.

एनआईए भी आईपीएस की कमी से अझूती नहीं
यह हालात सिर्फ आईबी तक ही नहीं हैं. देश विरोधी गतिविधियों की जांच करने वाली नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) भी कुछ इसी तरह कमी से जूझ रही है. एनआईए में आईपीएस के लिए निर्धारित एडीजी की एक, आईजी की दो, डीआईजी की एक और एसपी की नौ पोस्‍ट खाली है. हालांकि, 27 जून को महाराष्‍ट्र कैडर के केएम मल्लिकार्जुन प्रसन्‍ना को एनआईए में आईजी के पद पर तैनात किया गया है. जिसके बाद, आईजी का अब एक ही पद खाली है. खुफिया एजेंसियों में खाली इन पदों को देखते हुए डर यह भी है कि पाकिस्‍तान कहीं इसका फायदा न उठा ले.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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