राजस्थान में चलेगा 'राजनीति के जादूगर' का जादू, अशोक गहलोत पलट सकते हैं बाजी?

1 month ago

होम

/

न्यूज

/

राष्ट्र

/

राजस्थान में चलेगा 'राजनीति के जादूगर' का जादू, अशोक गहलोत पलट सकते हैं बाजी?

कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अशोक गहलोत के सहारे लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने की तैयारी में जुटी है.

कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अशोक गहलोत के सहारे लोकसभा चुनाव की वैतरणी पार करने की तैयारी में जुटी है.

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में अभी तक 15 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. 10 सीटों पर अभी तक उलझन बनी हुई है. इनम ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 18, 2024, 14:57 ISTEditor picture

लोकसभा चुनावों में राजस्थान पर सभी की निगाहें हैं. राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं. यहां दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. राजस्थान में लोकसभा चुनावों के लिए 19 और 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. पहले चरण में 12 सीट और दूसरे चरण में 13 सीटों पर मतदान कराया जाएगा. राजस्थान में ना तो बीजेपी ने और ना ही कांग्रेस ने, किसी भी दल ने अभी तक अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. बीजेपी ने 15 और कांग्रेस ने 10 प्रत्याशियों की घोषणा की है.

पहले चरण में 19 अप्रैल को जयपुर, जयपुर ग्रामीण, गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझुनू, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर में मतदान होगा. दूसरे चरण में 26 अप्रैल को अजमेर, उदयपुर, माधोपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चितौड़गढ़, जालौर, झालावाड़-बारां, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद और टोंक-सवाई माधोपुर सीटों पर वोट डाले जाएंगे.

इस बार लोकसभा चुनावों में राजस्थान में जहां एक तरफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी- बीजेपी को अपने मजबूत संगठन का फायदा मिलने की उम्मीद है तो वहीं कांग्रेस को ‘राजनीति के जादूगर’ कहे जाने वाले पार्टी के दिग्गज नेता अशोक गहलोत की राजनीतिक पकड़ से बाजी पलटने की उम्मीद है. हालांकि अशोक गहलोत राजस्थान में कुछ चमत्कार करने में अभी तक नाकाम रहे हैं.

अशोक गहलोत बनेंगे राजनीति के जादूगर
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की राजस्थान की राजनीति में अच्छी पकड़ मानी जाती है. 1998 से 2003 के बीच उनकी छवि साफ-स्वच्छ और ईमानदार नेता की रही है. हालांकि, अभी तक गहलोत पर कोई बड़े आरोप नहीं लगे हैं. 1998 में जब वे पहली बार सूबे के मुखिया बने तो वे तमाम राजनीतिक चमक-दमक से दूर रहे. उन्होंने अपने परिवार को हमेशा राजनीति से दूर रखा. लेकिन कब तक वे राजनीति की मोहमाया से खुद को दूर रख पाते.

राजस्थान में कांग्रेस अशोक गहलोत के भरोसे है. अशोक गहलोत जैसे दिग्गज नेता की राजनीतिक सूझबूझ कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर सकती है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की युवाओं और गुर्जर समुदाय के बीच लोकप्रियता भी पार्टी के लिए बड़ा आधार है. हालांकि गहलोत और पायलट के बीच सत्ता संघर्ष भी किसी से छिपा नहीं है. इन दोनों की खींचातानी में कांग्रेस कहीं हद तक यहां कमजोर हुई है. इसी का नतीजा है कि पूर्व सांसद करण सिंह और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत मालवीया सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.

1.5 करोड़ कर्मचारी, 55 लाख ईवीएम, डेढ़ साल पहले शुरू होती है लोकसभा चुनाव की तैयारी

अब अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालौर लोकसभा सीट से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है. पिछले लोकसभा चुनावों में वैभक को जोधपुर से उम्मीदवार बनाया गया था. पिछले चुनावों में राज्य में कांग्रेस की सरकार थी और अशोक गहलोत खुद मुख्यमंत्री थे. इसके बाद भी वैभव गहलोत बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत से हार गए. वैभव ही नहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस राजस्थान में खाता ही नहीं खोल पाई. लेकिन इस बार पार्टी कुछ उम्मीद लगाए बैठी है कि उसकी झोली में एक-दो सीट गिर जाएं.

राजस्थान में एनडीए का दबदबा
राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर बीते दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए का दबदबा कायम रहा है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया. विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत भी लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. प्रश्न पत्र लीक मामलों में बड़ी कार्रवाई से जहां युवा मतदाता बीजेपी की ओर आकर्षित हो सकते हैं, वहीं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना- ईआरसीपी को लेकर बीजेपी का दावा है कि राज्य सरकार ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर इस दिशा में काम आगे बढ़ाया है.

जयपुर शहर लोकसभा सीट
जयपुर शहर लोकसभा सीट पर रमचरण बोहार सांसद हैं. बीजेपी के टिकट पर बोहरा 2014 और 2019 में लगातार दो बार सांसद बन चुके हैं. चर्चा है कि इस बार उनका टिकट कट सकता है. पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, राघव शर्मा, शैलेंद्र भार्गव, विधायक गोपाल शर्मा, कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पंडित सुरेश मिश्रा समेत कई नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.

जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट
जयपुर ग्रामीण सीट पर भी बीजेपी अभी तक कोई नाम तय नहीं कर पाई है. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए लालचंद कटारिया का नाम तेजी से चर्चा में है. कटारिया यहां से दो बार चुनाव जीतकर यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

.

Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Ashok Gahlot, BJP, Congress, Jaipur news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

March 18, 2024, 14:53 IST

Read Full Article at Source