Last Updated:July 28, 2025, 15:38 IST
UK-India Trade Deal : भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते से भारत को नुकसान होगा. यह जानकारी आर्थिक शोध संस्थान ने जारी की है. संस्थान ने कहा कि पहले साल में ही भारत को 4 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
भारत-यूके व्यापार समझौते से भारत को 4060 करोड़ का नुकसान होगा.पहले साल में भारत को 4060 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क राजस्व नुकसान.भारत ने 85% शुल्क श्रेणियों पर शुल्क समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई.नई दिल्ली. भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पूरा हो चुका है. इस ट्रेड डील को लेकर अब तक यही दावा किया जा रहा था कि इससे दोनों देशों को फायदा होगा. खासकर भारत को इससे ज्यादा लाभ होने वाला है, क्योंकि उसके कई उत्पादों के लिए ब्रिटेन के बाजार पूरी तरह खुल जाएंगे. लेकिन, अब देश के आर्थिक शोध संस्थान ने जो आंकड़े दिए हैं, वह काफी चौंकाने वाले हैं. इसमें दावा किया गया कि यूके के साथ एफटीए से भारत को पहले ही साल 4 हजार करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हो सकता है.
आर्थिक शोध संस्थान ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने सोमवार को जारी गणना में बताया कि ब्रिटेन से वर्तमान आयात आंकड़ों को देखें तो एफटीए के पहले साल में भारत को 4,060 करोड़ रुपये के सीमा शुल्क राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है. इसमें कहा गया कि 10वें वर्ष तक जैसे-जैसे शुल्क खत्म करने की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू होगा किया जाएगा, यह घाटा और बढ़ सकता है. वित्तवर्ष 2024-25 के व्यापार की मात्रा के आधार पर देखें तो आगे भारत का सालाना घाटा बढ़कर 6,345 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है.
दोनों देशों के राजस्व में कितनी कमी
जीटीआरआई ने कहा कि 24 जुलाई को हस्ताक्षरित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के सीमा शुल्क राजस्व में कमी आएगी, क्योंकि विभिन्न वस्तुओं पर शुल्क कम या समाप्त कर दिया गया है. भारत ने 2024-25 में ब्रिटेन से 8.6 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया. इन आयात में औद्योगिक उत्पादों का बड़ा हिस्सा शामिल है और इनपर 9.2 फीसदी का औसत शुल्क लगाया गया था.
एग्री प्रोडक्ट शुल्क कटौती से बाहर
यूके और भारत के व्यापार समझौते में व्हिस्की व जिन जैसी वस्तुओं को छोड़कर अधिकतर कृषि उत्पादों जिनपर 64.3 फीसदी का औसत शुल्क लगता है, उसे शुल्क कटौती से बाहर रखा गया है. इसमें कहा गया है कि भारत ने ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं के मूल्य के 64 फीसदी पर शुल्क को लागू होते ही तुरंत समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है. कुल मिलाकर भारत 85 फीसदी शुल्क श्रेणियों पर शुल्क समाप्त कर देगा और पांच फीसदी शुल्क श्रेणियों या उत्पाद श्रेणियों पर इसे कम करेगा.
भारत को क्यों होगा अरबों का नुकसान
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि इन कारकों के आधार पर समझौते के पहले वर्ष में भारत का अनुमानित राजस्व नुकसान 4,060 करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि पिछले वित्तवर्ष 2024-25 में ब्रिटेन ने भारत से 14.5 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं का आयात किया, जिस पर औसत आयात शुल्क 3.3 फीसदी था. व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) के तहत ब्रिटेन ने 99 फीसदी भारतीय उत्पादों पर शुल्क हटाने को लेकर सहमति जताई है.
ब्रिटेन को कितना होगा नुकसान
रिपोर्ट में कहा गया है कि एफटीए से ब्रिटेन को 37.5 करोड़ पाउंड (या 47.4 करोड़ डॉलर यानी करीब 3,884 करोड़ रुपये) का सालाना नुकसान होगा, जो वित्तवर्ष 2024-25 के व्यापार आंकड़ों पर आधारित है. जैसे-जैसे ब्रिटेन को भारतीय निर्यात बढ़ेगा, समय के साथ राजकोषीय प्रभाव बढ़ने का अनुमान है. इस समझौते को लागू होने में करीब एक वर्ष का समय लग सकता है, क्योंकि इसके लिए ब्रिटेन की संसद से मंजूरी की आवश्यकता होगी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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