भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 29वीं बैठक हुई और दोनों पक्षों ने इसमें वास्तविक नियंत ...अधिक पढ़ें
भाषाLast Updated : March 28, 2024, 11:49 ISTनई दिल्ली, भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 29वीं बैठक हुई और दोनों पक्षों ने इसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएएसी) से पूरी तरह से सैनिकों को हटाने और शेष मुद्दों को हल करने पर विचार-विमर्श किया. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी.
दिये गये एक बयान में कहा गया है कि यह महत्वपूर्ण बैठक 27 मार्च को बीजिंग में हुई थी. मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने इस बारे में गहन विचार-विमर्श किया गया कि भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से पूरी तरह से सैनिकों की वापसी कैसे हो और शेष मुद्दों को हल किया जाए.
विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. बयान में कहा गया है कि चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय विभाग के महानिदेशक ने किया.
इसमें कहा गया है, “अंतरिम तौर पर, दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य माध्यमों से नियमित संपर्क में रहने और मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकॉल के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर सहमत हुए.” भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 28वीं बैठक पिछले साल 30 नवंबर को हुई थी.
जून 2020 में लद्दाख क्षेत्र की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवान भिड़ गये थे. गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी. इस झड़प में दोनों पक्षों के जवान हताहत हो गये थे. कई दशकों से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का ये सबसे गंभीर मामला था. इस झड़प में दोनों देशों ने इस क्षेत्र के अतिरिक्त सैनिकों और भारी मात्रा में हथियार तैनात करने पर मजबूर कर दिया था. और इन दोनों में तभी से तनाव बना हुआ है. इसे सुलझाने के लिये दोनों देशों के बीच कई दौर की राजनयिक और सैन्य स्तर की वार्ता शुरू हो लेकिन बात आपसी सहमति तक नहीं पहुंच सकी.
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FIRST PUBLISHED :
March 28, 2024, 11:49 IST