Spy Baloon: ब्रिटेन ने हाल ही में जासूसी गुब्बारों का सफल परीक्षण किया है, जो यात्री विमानों से लगभग दोगुना ऊंचाई पर पहुंचकर निगरानी करने में सक्षम हैं. ये ना सिर्फ कमर्शियल उड़ानों, बल्कि फाइटर जेट्स से भी ऊंचाई तक जा सकते हैं. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ये गुब्बारे भविष्य में कम लागत में निगरानी प्रदान करेंगे. ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने खुद इसके सफल परीक्षण की जानकारी दी है.
कैसा है ब्रिटेन का जासूसी गुब्बारा?
मिरर यूके की रिपोर्ट के मुताबिक ये गुब्बारे जमीन से लगभग 60 से लेकर 80 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकते हैं. ये जासूसी गुब्बारे पारंपरिक जासूसी उपकरणों के मुकाबले बेहद सस्ते होंगे. क्योंकि इन गुब्बारों के लिए किसी भी तरह के चालक की जरूरत नहीं होगी, जिसकी वजह से जोखिम भी कम होगा. दिलचस्प बात यह भी है कि ये ज्यादा देर तक आसमान रहकर जानकारी भेजते रहेंगे.
क्या काम करेगा Spy Baloon?
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यह गुब्बारे रक्षा बलों के लिए कम लागत में जासूसी करके देंगे. सैन्य अभियानों में मदद करने के साथ-साथ ये आपदाग्रस्त क्षेत्रों या दूरदराज के इलाकों में विश्वसनीय संचार और तेज इंटरनेट कनेक्शन मुहैया करने में भी कारगर साबित हो सकते हैं. साथ ही ये मौसम पूर्वानुमान और जलवायु अनुसंधान के लिए जानकारी प्रदान करने में भी मदद कर सकते हैं.
भारत ने बनाया प्रोटोटाइप
बता दें कि भारत ने इसी तरह के गुब्बारे का परीक्षण किया था. डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलेपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म की पहली परीक्षण उड़ान का ऐलान किया था. यह भी एक तरह का गुब्बारा ही है जो ऊंचाई पर जाकर जमीन का अवलोकन करने के साथ साथ खुफिया निगरानी करने की ताकत रखता है. हांलाकि यह एक प्रोटोटाइप था लेकिन इसने लगभग 17 किलोमीटर (55700 फीट) की ऊंचाई तक एक उपकरणीय पेलोड पहुँचाया. 62 मिनट की कुल उड़ान के बाद DRDO की टीम ने गुब्बारा भी बरामद कर लिया.
FAQ
स्पाई बैलून क्या होते हैं?
स्पाई बैलून आसमान में जाकर दुश्मन की खुफिया जानकारी लाने में काम आते हैं. जासूसी के अलावा निगरानी में भी यह काफी मददगार होते हैं.
क्या भारत के पास अपना स्पाई बैलून है?
नहीं, भारत के पास अभी अपना स्पाई बैलून यानी जासूसी गुब्बारा नहीं है लेकिन भारत ने इसके प्रोटोटाइप का सफल परीक्षण किया हुआ है.