बूचड़खानों, मीट प्रोसेस‍िंग को लेकर केन्‍द्र सरकार ने दाख‍िल क‍िया हलफनामा

1 month ago

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बूचड़खानों, मीट प्रोसेस‍िंग को लेकर केन्‍द्र सरकार ने दाख‍िल क‍िया हलफनामा, NGT से क्‍यों कहा- IEA के तहत लाने की जरूरत नहीं

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में एनजीटी को एक हलफनामा सौंपा है.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में एनजीटी को एक हलफनामा सौंपा है.

Central Government News:मंत्रालय ने कहा क‍ि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बूचड़खानों/प्रसंस्करण इकाइयों को विनियमित करने के ल ...अधिक पढ़ें

पीटीआईLast Updated : March 18, 2024, 19:55 ISTEditor picture

नई द‍िल्ली, केंद्र ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) से कहा है कि बूचड़खानों और मीट प्रोसेस‍िंग (मांस प्रसंस्करण) इकाइयों को पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना 2006 के दायरे में लाने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उन्हें विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय पहले से ही मौजूद हैं. पशु अधिकार कार्यकर्ता गौरी मौलेखी ने पिछले साल एनजीटी में याचिका दायर कर बूचड़खानों और मीट प्रोसेस‍िंग इकाइयों को ईआईए, 2006 के दायरे में लाने का अनुरोध किया था.

उन्होंने बूचड़खानों में पानी की अत्यधिक खपत, अनुचित ठोस अपशिष्ट निपटान के कारण जल निकायों के दूषित होने और अस्वास्थ्यकर अवशेषों के संपर्क में आने के कारण पशु जनित रोगों के खतरे को लेकर चिंता जताई थी. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने हाल ही में एनजीटी को एक हलफनामा सौंपा है. हलफनामा पिछले साल अगस्त में मंत्रालय द्वारा गठित आठ सदस्यीय कार्य समूह की एक रिपोर्ट पर आधारित है.

मंत्रालय ने कहा क‍ि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बूचड़खानों/प्रसंस्करण इकाइयों को विनियमित करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश/सुरक्षा उपाय पहले से ही मौजूद हैं, और बूचड़खानों व मांस प्रसंस्करण इकाइयों को ईआईए, 2006 के दायरे में लाने की कोई आवश्यकता नहीं है.

हलफनामे में कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास (एपीईडीए) समेत विभिन्न एजेंसियों का विनियमन ढांचा और निगरानी बूचड़खानों और मांस प्रसंस्करण इकाइयों से संबंधित पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान के लिए पर्याप्त है.

मंत्रालय ने कहा क‍ि ऐसी इकाइयों को ईआईए, 2006 के दायरे में लाने से कोई महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन नहीं होगा क्योंकि मुद्दा केवल पहले से मौजूद नियमों के कार्यान्वयन का है.

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Tags: Delhi news, Modi government

FIRST PUBLISHED :

March 18, 2024, 19:55 IST

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