Last Updated:July 09, 2025, 11:36 IST
भारत सरकार तेल और गैस खोज को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार कर रही है. मार्च 2025 में तेल क्षेत्र अधिनियम में संशोधन हुआ और नए पीएनजी नियम लागू किए गए.

17 जुलाई है इसकी अंतिम डेट.
नई दिल्ली. भारत सरकार तेल और गैस खोज को गति देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है. इस दिशा में कई नीतिगत सुधार लागू किए जा रहे हैं, ताकि खोज और उत्पादन को बढ़ावा मिल सके. इन सुधारों का उद्देश्य तेल और गैस क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाना है. ये बदलाव व्यापक विचार-विमर्श के बाद किए जा रहे हैं.
मार्च 2025 में तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) अधिनियम, 1948 में संशोधन किया गया. इसके बाद, तीन महीने के भीतर नए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (पीएनजी) नियम लागू किए गए. यह कदम ओएएलपी राउंड एक्स की तैयारी में उठाया गया, जो विश्व स्तर पर तेल और गैस खोज और उत्पादन के लिए सबसे बड़ा बोली दौर है.
पेट्रोलियम मंत्रालय ने नए पीएनजी नियमों, मॉडल राजस्व साझाकरण अनुबंध (एमआरएससी) और पेट्रोलियम पट्टे के मसौदे पर 17 जुलाई 2025 तक जनता से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगी है. इच्छुक लोग अपनी राय png-rules@dghindia.gov.in पर भेज सकते हैं. मंत्रालय ने उद्योग जगत के नेताओं, नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों को 17 जुलाई को भारत मंडपम में आयोजित होने वाले ऊर्जा वर्ता 2025 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. इस आयोजन में तेल और गैस क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा होगी. यह समय भारत में तेल और गैस खाेज के लिए सुनहरा अवसर है. नए सुधारों ने इस क्षेत्र में कारोबार को पहले से कहीं अधिक आसान, तेज और लाभकारी बना दिया है. सरकार का लक्ष्य उद्यमियों और उद्योग नेताओं को इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है.
ये नीतिगत बदलाव न केवल खाेेज को बढ़ावा देंगे, बल्कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसके साथ ही, सरकार का यह प्रयास ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है. उद्योग जगत से अपील की गई है कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और भारत के ऊर्जा भविष्य को आकार देने में योगदान दें.
Location :
New Delhi,Delhi