Bajau Tribe: दुनियाभर में कई ऐसे लोग होते हैं जो अपने रहन- सहन, खाने- पीने की वजह से काफी ज्यादा चर्चित हो जाते हैं. ऐसी कई जनजातियां भी पाई जाती है जो अनोखे तरीके से जीवन गुजारती है. मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस के तटों पर भी एक ऐसी अनोखी जनजाति पाई जाती है जो अपने घर की वजह से चर्चाओं में रहती है. इन्हें 'सी जिप्सी' कहा जाता है और इन्होंने सदियों से पानी को अपना घर कहा है.
खानाबदोश जीवन शैली
इस जनजाति को लोग कुशल नाविक और सांस रोक देने वाले फ्रीडाइवर हैं. सदियों से बाजाऊ लाउट एक खानाबदोश जीवन शैली जीते है. ये मौसम बदलने के साथ- साथ एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर जाते रहते है. ये लकड़ी के खंभे वाले घरों या लेपा-लेपा नामक हाउसबोट में रहते हैं. इस जनजाति के समुदाय के लोगों को समुद्र के बंजारे भी कहा जाता है. ये लोग मछली पकड़ने के लिए भाले का भी प्रयोग करते हैं. इनकी जीवनशैली इन्हें और समुदाय से जुदा बनाती है.
गोता लगाने में माहिर
इस जनजाति के कई लोग बिन किसी उपकरण के प्रयोग किए 20-30 मीटर की गहराई तक गोता लगा सकते हैं. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि ये 5 मिनट तक अपनी सांस भी रोक सकते हैं. वैज्ञानिक मानते हैं कि बाजाऊ लोगों में आनुवंशिक रूप से बढ़े हुए प्लीहा होते हैं जो उन्हें पानी के नीचे लंबे समय तक रहने में मदद करते हैं. इसके अलावा इन्हें लेकर कहा जाता है कि वे लकड़ी के चश्मे और पारंपरिक भालों के साथ नंगे पैर गोता लगाते हैं. ये मछली और ऑक्टोपस को आसानी के साथ पकड़ने में माहिर होते है. इस जनजाति के बच्चे चलने से बेहतर तैरना जानते हैं और इनका जीवन मछली पकड़ने के इर्द गिर्द ही घुमता रहा है.
हो रहा है परिवर्तन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक समुद्र की बदलती हुई परिस्थितियों और सरकारी पुनर्वास कार्यक्रमों ने कई लोगों को तटीय गांवों में धकेल दिया है. हो रहे परिवर्तनों के बावजूद भी बजाऊ अपनी समुद्री परंपराओं को पूरी तरह से संरक्षित रखते हैं.