पहले हमास, फिर ईरान और अब इराक, इजरायल की आखिर क्या है मंशा? हर तरफ बरसा रहा मौत

4 weeks ago

Iraq Attacked After Iran: ईरान के बाद अब इराक के सैन्य अड्डों पर हमला हुआ है. हमले के बाद शनिवार को इजरायल का बयान आ गया कि हमारा इस हमले में कोई हाथ नहीं है, लेकिन सभी का शक इजरायल पर ही है.

अमेरिका ने किया इंकार
स्पुतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने एक बयान में कहा 'गठबंधन बलों ने इराक में किसी भी स्थान पर हमला नहीं किया और न इसमें हिस्सा लिया. हम इस घटना की निगरानी कर रहे हैं और अपने इराकी सहयोगियों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं.' एक रिपोर्ट में कहा गया कि दर्जनों अमेरिकी और इजरायली विमान कथित तौर पर इराक के आसपास उड़ान भर रहे थे.

इजरायल पर शक
इजरायल ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को ईरान में हमला किया. उसका ये हमला ईरान के ड्रोन-मिसाइल अटैक के जवाब में आया, जिसे कुछ दिन पहले अंजाम दिया गया था. यही वजह है कि अब इराक में मिलिट्री बेस पर हुए हमले में भी इजरायल का हाथ होने की बात कही जा रही है.

हमले का देखें वीडियो:- 

IRAQ: Massive explosion in Kalsu military camp in Babil, strikes targeted pro-Iran PMF. At least one killed, Israel suspected pic.twitter.com/BhSK2HT7tA

— Joyce Karam (@Joyce_Karam) April 19, 2024

इजरायल का हमले का मकसद?

इराक ईरान के काफी करीब है. ऊपर से पीएमएफ की भी ईरानी सेना संग नजदीकियां हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि कहीं इजरायल ने संदेश देने के लिए अटैक तो नहीं किया. ईराक की तरफ से इजरायल पर हमला हुआ था तो इजरायल का एक गेम प्लान यह भी हो सकता है कि अगर ईराक, ईरान दोनों जगहों पर हमला करेंगे तो सबको हमारी ताकत का अदांजा रहेगा कि हमें इजरायल से जंग नहीं लड़नी है. यही वजह है, इजरायल किसी पर भी हमला करने से नहीं डर रहा. 

क्या है पीएमएफ
पॉपुलर मोबिलाइजेशन यूनिट्स (पीएमयू)  की शुरुआत 2014 में सैन्य लड़ाकों के अलग-अलग ग्रुप के तौर पर हुई थी, जिनमें से ज्यादातर ग्रुप ईरान के करीब थे. इराक के सैन्य अधिकारियों ने आगे चलकर इन्हें औपचारिक तौर पर सिक्योरिटी फोर्स के रूप में मान्यता दे दी. पीएमएफ ने इराक में इस्लामिक स्टेट से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

अमेरिका से दुश्मनी
पीएमएफ में शामिल ग्रुप्स ने इराक में अमेरिकी सेना पर कई महीनों तक रॉकेट और ड्रोन से हमले भी किए थे, लेकिन फरवरी से ही इन पर रोक लगी है. इस समूह  1 लाख से ज्यादा लड़ाके हैं. इराक में ISIS की हार के बाद मिलिशिया इराकी गृह मंत्रालय से जुड़ी एक सेना बन गई. इस नई सेना ने मिसाइलों और ड्रोन का भंडारण शुरू करते हुए सीरिया में अधिक स्वतंत्र रूप से काम करना शुरू कर दिया. 2020 में बगदाद की यात्रा के दौरान अमेरिकी हमले में ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। माना जाता है कि PMF के एक मुखबिर ने उसकी यात्रा की जानकारी दी थी.

19 अप्रैल को ईराक में हमला

इराक की 'पॉपुलर मोबलाइजेशन फोर्स' (पीएमएफ) ने कहा है कि शुक्रवार (19 अप्रैल) रात इसके काल्सो मिलिट्री बेस के कमांड पोस्ट पर जबरदस्त धमाका हुआ है. बगदाद से काल्सो मिलिट्री बेस 50 किलोमीटर दूर है. सुरक्षा सूत्रों ने बताया है कि धमाके के पीछे की वजह एयरस्ट्राइक है. इस हमले में एक पीएमएफ फाइटर की मौत हुई है, जबकि छह जवान घायल हुए हैं, जिन्हें हिल्ला शहर के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. 

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