Last Updated:September 25, 2025, 14:25 IST
Hindu Uttaradhikar Adhiniyam : सुप्रीम कोर्ट में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 और 16 पर सुनवाई चल रही है. याचिकाकर्ता ने महिलाओं की संपत्ति के बंटवारे और उसके वारिसों की प्राथमिकता को चुनौती देते हुए अपील की है.

नई दिल्ली. हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. यह प्रावधान सीधे तौर पर पत्नी की संपत्ति पर पति के अधिकारों से जुड़ा है. मामले की सुनवाई करने वाली न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने फिलहाल इस मुद्दे पर बहुत सावधानी से सुनवाई करने की बात कही है. उन्होंने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि हिंदू समाज की जो संरचना पहले से मौजूद है, उसे कमतर मत कीजिए. एक अदालत के रूप में, हम आपको सावधान कर रहे हैं. एक हिंदू सामाजिक संरचना है और आप इसे गिरा नहीं सकते. हम नहीं चाहते कि हमारा फैसला किसी ऐसी चीज को नष्ट दे जो हजारों सालों से चली आ रही है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह प्रावधान महिलाओं के अधिकारों के प्रति भेदभावपूर्ण हैं. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यद्यपि महिलाओं के अधिकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सामाजिक संरचना और महिलाओं को अधिकार देने के बीच संतुलन होना चाहिए. सिब्बल ने कहा कि महिलाओं को केवल परंपराओं के कारण समान उत्तराधिकार के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज ने अधिनियम का बचाव करते हुए कहा कि इसे बहुत शोध के बाद तैयार किया गया है और याचिकाकर्ता सामाजिक ढांचे को नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं.
किस मामले पर हो रही सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के पास हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 15 और 16 को लेकर बहस हो रही है. इस धारा के तहत बिना वसीयत किए मरने वाली हिंदू महिलाओं की संपत्ति के ट्रांसफर और नियंत्रण का प्रावधान किया गया है. अधिनियम की धारा 15 के अनुसार, जब किसी हिंदू महिला की बिना वसीयत के मृत्यु हो जाती है, तो उसकी संपत्ति उसके माता-पिता से पहले उसके पति अथवा उसके पति के उत्तराधिकारियों को मिलती है. धारा 16 इन उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति के बंटवारे का तरीका बताती है.
किसे मिलेगी सबसे पहले संपत्ति
किसके नाम कितनी संपत्ति जाएगी
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 16 इस बात का प्रावधान करती है कि बिना वसीयत के मौत होने पर महिला की संपत्ति किस अनुपात में उसके उत्तराधिकारियों को बांटी जाएगी. अगर वारिस एक ही वर्ग यानी बेटे और बेटियां हैं तो इन सभी में समान रूप से संपत्ति का बंटरवारा किया जाएगा. यदि महिला के बेटे या बेटी की मौत उससे पहले हो जाती है तो उनके बच्चे संपत्ति के उस हिस्से के हकदार होंगे, जो उनके माता-पिता को जीवित रहने पर मिलता. अगर वारिस अलग-अलग वर्ग से आते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, जो सूची में ऊपर होंगे. अगर महिला के पास ऐसी संपत्ति है, जो उसे उसके माता-पिता ने दी है तो इसके वारिसों में पहले उसी पक्ष के लोगों को शामिल किया जाएगा. अगर यह संपत्ति ससुर से मिली है तो वारिसों में पहले ससुराल पक्ष के लोगों को शामिल किया जाएगा.प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 25, 2025, 14:21 IST