दुनिया में इस समय कई चीजें एक साथ हो रही हैं. ग्लोबल रिलेशन में नए संबंध बन और बिगड़ भी रहे हैं. कह लीजिए कि नया वर्ल्ड ऑर्डर बन रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच जबरन चौधरी बनने की इच्छा पूरी नहीं हुई तो ट्रंप ने 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया. अमेरिका को लगा था कि भारत पस्त हो जाएगा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजिंग जाकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिल आए. अमेरिका अब परेशान है कि ये कैसे हो गया. ट्रंप के कभी खास रहे एक्सपर्ट ही अब उन्हें कोस रहे हैं. मोदी बीजिंग तो गए लेकिन चीन के सैन्य परेड में शामिल नहीं हुए जो एक दिन बाद ही होना था. अब 48 घंटे बाद चीन की दादागीरी पर शिकंजा कसने वाला एक और दांव चल दिया गया है.
जी हां, हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारत ने अंडमान सागर के दक्षिण-पूर्वी छोर पर दायरा बढ़ाने की तैयारी कर ली है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री भारत आए तो उन्होंने भारत के सुझाव पर हामी भी दे दी. दरअसल, सिंगापुर, इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ मिलकर भारत मलक्का जलडमरूमध्य में गश्त करना चाहता है. सिंगापुर ने अपना खुला समर्थन दे दिया है.जैसे ही यह खबर पता चली सोशल मीडिया पर चर्चा होने लगी कि चीन के खिलाफ हिंद प्रशांत क्षेत्र में यह भारत का मास्टरस्ट्रोक होगा.