गुजरात हाईकोर्ट ने गूगल को नोटिस जारी किया है.
Google News: गूगल ड्राइव पर बचपन की बिना कपड़ों वाली तस्वीर अपलोड करने के कारण एक शख्स को लगभग एक साल तक अपने ईमेल अकाउ ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : March 18, 2024, 14:50 ISTअहमदाबाद: गुजरात में एक शख्स को अपने बचपन की बिना कपड़ों वाली तस्वीर गूगल ड्राइव पर अपलोड करना इस कदर महंगा पड़ गया कि उसका ईमेल अकाउंट ही ब्लॉक हो गया. शख्स का ईमेल अकाउंट करीब एक साल से ब्लॉक है और अंतत: उसने गूगल के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता की अर्जी पर गुजरात हाईकोर्ट ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अकाउंट ब्लॉक करने के लिए नोटिस जारी किया. दरअसल, याचिकाकर्ता की यह फोटो उस वक्त की है, जब वह 2 साल का था और उसकी नानी उसे नहला रही थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शख्स ने दो साल की उम्र में अपनी दादी द्वारा उसे नहलाते हुए एक तस्वीर गूगल ड्राइव पर अपलोड की थी. इसे लेकर ही गूगल ने इसे चाइल्ड अब्यूज का मामला माना है और उसके ईमेल अकाउंट को करीब एक साल तक ब्लॉक कर रखा है. इसी के खिलाफ याचिकाकर्ता की अर्जी पर जस्टिस वैभवी डी नानावटी की अदालत ने 15 मार्च को गूगल, केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया और उन्हें 26 मार्च को जवाब देना होगा.
याचिकाकर्ता का नाम नील शुक्ला है और वह पेशे से एक कंप्यूटर इंजीनियर हैं. नील शुक्ला ने गूगल ड्राइव पर बचपन की तस्वीरें अपलोड कीं. कई फोटो में से एक उनके बचपन की तस्वीर है, जिस पर गूगल ने एक्शन लिया है और अपने नियमों का उल्लंघन माना है. यह तस्वीर तब की है, जब वह दो साल के थे और उनकी नानी उन्हें नहला रही थीं. उनके वकील दीपेन देसाई ने अदालत को बताया कि कंपनी गूगल ने उस फोटो को ‘स्पष्ट बाल शोषण’ दिखाने वाली सामग्री माना है और अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए पिछले साल अप्रैल में नील शुक्ला का ईमेल अकाउंट ब्लॉक कर दिया था.
वकील दीपेन देसाई ने कहा कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी जब गूगल ने उनके मुवक्किल की समस्या का समाधान नहीं किया तो 12 मार्च को नील शुक्ला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. वकील देसाई ने कोर्ट को बताया कि जब से गूगल ने ईमेल अकाउंट ब्लॉक किया है, नील शुक्ला अपने ईमेल अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं और इसकी वजह से उन्हें बिजनेस में भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में कहा, ‘गूगल का कहना है कि यह ‘स्पष्ट बाल शोषण’ के बराबर है और यही वजह है कि कंपनी ने सब कुछ ब्लॉक कर दिया है. मैं अपने ईमेल अकाउंट को एक्सेस नहीं कर पा रहा हूं और मेरा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है, क्योंकि सब कुछ ब्लॉक है. नील शुक्ला ने भारत में ऐसे मामलों के लिए नोडल एजेंसी, गुजरात पुलिस और केंद्र के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से संपर्क किया था, लेकिन वे भी कार्रवाई करने में विफल रहे और उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होना पड़ा. याचिकाकर्ता ने तत्काल सुनवाई का भी अनुरोध किया, क्योंकि उसे गूगल से एक नोटिस मिला था, जिसमें कहा गया था कि उसके अकाउंट से जुड़ा डेटा निष्क्रिय होने के एक साल बाद अप्रैल में हटा दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
March 18, 2024, 14:50 IST