जेल में ‘गैजेटेड’ क्‍लास के कैदियों को कैसा मिलता है ट्रीटमेंट? पढ़ें बड़ा सच

1 week ago

Last Updated:September 05, 2025, 12:06 IST

Some Surprising Facts Related to Jail: क्‍या जेल में कैदियों की क्‍लास का बंटवारा भी होता है. यदि हां, तो इनमें कोई गैजेटेड क्‍लास के कैदी भी होते हैं. कौन सी सहूलियतें इनको आम कैदियों से अलग बनाती है. पढ़ें भा...और पढ़ें

जेल में ‘गैजेटेड’ क्‍लास के कैदियों को कैसा मिलता है ट्रीटमेंट? पढ़ें बड़ा सच

Surprising Truth of Jail: जेल का नाम सुनते ही दिमाग में एक डरावनी तस्वीर उभरती है – तंग बैरक, सख्त नियम और कमर तोड़ मेहनत करते कैदी. लेकिन कुछ लोगों के लिए जेल की लाइफ थोड़ी हटके होती है. इनके लिए जेल कोई सजा नहीं, बल्कि एक अलग ही दुनिया है, जहां सुविधाएं ऐसी कि आम कैदी तो बस सपने में ही सोच सकते हैं. ये हैं जेल के ‘गैजेटेड’ क्‍लास के कैदी, जिन्‍हें अलग अलग जेलों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है. कही पर ये सुपीरियर क्लास के कैदी कहलाते हैं और कहीं पर इनको कैटेगरी-A का कैदी कहा जाता है.

जेल में कैदियों का बंटवारा कैसे होता है?
‘गैजेटेड’ क्‍लास के इन कैदियों की चर्चा से पहले आप जान लीजिए कि जेल मैनुअल के हिसाब से कैदियों को कितनी कैटेगरी में बांटा गया है. साथ ही, इन कैटेगरी का बंटवारा किस आधार पर किया जाता है.

1. अंडरट्रायल कैदी: जिन कैदियों का केस केस कोर्ट में चल रहा है और उनका अपराध अभी साबित नहीं हुआ. ऐसे कैदियों की गिनती अंडरट्रायल कैदियों में होती है.
2. कंविक्‍टेड कैदी: जिन कैदियों के क्राइम पर कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है और उनकी सजा का ऐलान कर दिया गया है, उनको कंविक्‍टेड कैदी कहा जाता है.
3. सिविल कैदी: जिन कैदियों पर सिविल केस चल रहे होते हैं, उनकी गिनती जेल में सिविल कैदियों की तरह होती है.
4. डिटेन्यू: जिन लोगों को सुरक्षा एजेंसियां राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) या प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में लेकर जेल में भेज देती हैं, उन्‍हें जेल में डिटेन्‍यू की कैटेगरी में रखा जाता है.

लेकिन, बात यहीं खत्म नहीं होती. कई राज्यों में इन कैटेगरीज को और छोटे-छोटे ग्रुप्स में बांटा जाता है और सबसे टॉप पे होते हैं सुपीरियर क्लास या कैटेगरी-A के कैदी.

कौन हैं ये सुपीरियर क्लास वाले कैदी?
ये वो लोग हैं, जो बाहर की दुनिया में बड़ा नाम रखते हैं, जैसे कि मंत्री, सांसद, विधायक, बड़े बिजनेसमैन, हाई-प्रोफाइल अफसर, लेखक, प्रोफेसर या समाजसेवी. जेल मैनुअल कहता है कि ये कैटेगरी सिर्फ उनको मिलती है, जिनका पिछला लाइफस्टाइल सभ्य, पढ़ा-लिखा और रिस्पेक्टेड रहा हो. मतलब, जो पहले से ही बड़े लोग हों, उनके लिए जेल में भी स्पेशल इंतजाम.

जेल में इनको मिलती हैं ये सहूलियतें
रहने की जगह: इनको आमतौर पर अलग सेल दी जाती है. अगर बैरक में रखा जाता है, तो सिर्फ उसी टाइप के कैदियों के साथ. सेल में तखत, छोटी टेबल, स्टूल, लैंप और मच्छरदानी सब मिलता है.
खाने-पीने का सामान: स्‍पेशल क्‍लास के कैदियों को जेल में गिलास, कप, जग, चम्मच, थाली अलग से मिलती है.
काम: इनको कभी भारी-भरकम मेहनत वाला काम नहीं दिया जाता. इनके लिए काम मतलब लाइब्रेरी संभालना, दूसरे कैदियों को पढ़ाना या कुछ लेटर-वेटर लिखना. बस, इतना ही!

अगली बार याद रख‍िएगा यह बात
सीधे-सीधे कहें तो सुपीरियर क्लास कैदियों के लिए जेल बस इतना मतलब रखती है कि वो बाहर की दुनिया से कट जाते हैं. बाकी खाने-पीने, रहने-सहने का इंतजाम ऐसा कि लगे ही नहीं जेल में हैं. आम कैदी की जिंदगी और इनकी जिंदगी में जमीन-आसमान का फर्क है. तो अगली बार जब जेल की बात सुने, तो याद रखिएगा कि सबके लिए जेल एक जैसी नहीं होती, कुछ लोग तो वहां भी वीआईपी लाइफ जीते हैं.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

September 05, 2025, 12:06 IST

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