/
/
/
चीन से हमें कितना खतरा है? आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने बताया, ड्रैगन के खिलाफ क्या है सेना की तैयारी?
जनरल मनोज पांडे ने बताया कि चीन के खिलाफ हमारी तैयारी बहुत उच्च स्तर की है. (फाइल फोटो)
Army Chief General Manoj Pande: जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने घुसपैठ रोधी ग्रिड के तहत केंद्र शासित प्रदेश के भीतर ...अधिक पढ़ें
पीटीआईLast Updated : March 27, 2024, 23:10 ISTनई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ करीब चार साल से जारी सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को कहा कि भारतीय सेना की तैयारियों का स्तर बहुत ऊंचे दर्जे का है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सेना सीमा से जुड़े घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है. जनरल पांडे ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि ‘केवल बातचीत के माध्यम से’ शेष मुद्दों का समाधान निकल सकता है.
पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा हो गया था. जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में काफी गिरावट आई, जो कई दशकों में दोनों पक्षों के बीच का सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था.
जनरल पांडे ने कहा, “हम हर तरह से तैयार हैं. हमारी सैन्य संचालन तैयारियां बहुत उच्च स्तर की हैं. हमारी 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनाती के संदर्भ में, मैं कहूंगा कि यह मजबूत और संतुलित है. हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं… हमारे पास अपना प्रतिक्रिया तंत्र मजबूती के साथ मौजूद है.”
उनसे पूछा गया था कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना कितनी तैयार है. उन्होंने कहा, “हमने दो स्तरों पर बातचीत की है. सैन्य स्तर पर हमारे कोर कमांडरों के बीच 21 दौर की बातचीत हुई. राजनयिक स्तर पर, भारत-चीन सीमा मामलों पर वार्ता के लिए हमारे पास एक तंत्र डब्ल्यूएमसीसी (परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र) है.” उन्होंने कहा कि 2020 के मध्य की घटना के बाद डब्ल्यूएमसीसी के तहत कई दौर की वार्ता हुई है.
डब्ल्यूएमसीसी की 28वीं बैठक 30 नवंबर, 2023 को आयोजित की गई थी. यहां ‘टाइम्स नाउ समिट’ में एक सामूहिक परिचर्चा के दौरान पूछे गए सवालों के जवाब में सेना प्रमुख ने कहा, “यह मेरा विश्वास है कि केवल बातचीत के माध्यम से ही शेष मुद्दों का समाधान पा सकेंगे… वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन हम अपनी उत्तरी सीमाओं पर क्षमता विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनमें प्रौद्योगिकी का समावेश और आधुनिकीकरण महत्वपूर्ण है.”
जनरल पांडे ने कहा कि सेना बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और “मेरा मानना है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.” उन्होंने कहा, “हमारी तैयारी का स्तर बहुत ऊंचे स्तर का है और हम घटनाक्रम और पूरी सीमा पर क्या हो रहा है, उस पर करीबी नजर रख रहे हैं.”
चीन से खतरे के स्तर को निर्धारित करने से जुड़े सवाल पर जनरल पांडे ने कहा कि समय-समय पर “हम खतरों की समीक्षा करते रहते हैं.” उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों के दौरान खतरा गर्मी के महीनों की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है. सेना प्रमुख ने कहा, “हमारे पश्चिमी प्रतिद्वंद्वी की तरह, हमारे उत्तरी प्रतिद्वंद्वी के संबंध में, मैं केवल यही कहूंगा कि हमारी तैयारी बहुत उच्च स्तर की है.”
जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर उन्होंने घुसपैठ रोधी ग्रिड के तहत केंद्र शासित प्रदेश के भीतरी इलाकों और नियंत्रण रेखा पर तैनात ‘सैन्य संरचनाओं’ को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, ‘घुसपैठ की कोशिशें हो रही हैं, जो घाटी क्षेत्र के साथ-साथ पीर पंजाल क्षेत्र के दक्षिण में भी जारी हैं. लेकिन हमारे पास एक बहुत मजबूत और प्रभावी घुसपैठ रोधी ग्रिड है जो सफल साबित हुआ है.’
अग्निपथ योजना की आलोचना पर जनरल पांडे ने कहा कि यह एक ‘परिवर्तनकारी’ सुधार है जो “हमने पिछले कई वर्षों में किया है”. जनरल पांडे ने कहा कि इस संबंध में प्राप्त प्रतिक्रिया ‘बेहद उत्साहजनक, बेहद सकारात्मक’ हैं. सेना में महिलाओं की भूमिका पर उन्होंने कहा, “करीब 128 महिला अधिकारी अब कर्नल का पद संभाल रही हैं और वे अब ‘कमांडिंग ऑफिसर’ हैं.”
.
FIRST PUBLISHED :
March 27, 2024, 23:10 IST