खामेनेई ने 'जगाए' 20,000 'शैतान'! 10मुखी मिसाइल दागेगा ईरान? क्यों दोनों तरफ से मरेगा पाकिस्तान

6 hours ago

पाकिस्तानियों को लग रहा है कि ईरान के बाद इजरायल पाकिस्तान पर हमला कर देगा. ऐसा क्यों हो रहा है आइए आपको बताते हैं. दरअसल पश्चिमी मीडिया ने पाकिस्तान की वो करतूत उजागर कर दी है जिससे पता चला है कि पाकिस्तान ने ईरान को अपनी सबसे ख़तरनाक मिसाइल भेजी है. बस इस खुलासे के बाद से पाकिस्तान बैकफुट पर है. सफाई देता फिर रहा है. दूसरी तरफ पाकिस्तानी अवाम है. जिसे इजरायली हमले का डर सताने लगा है.

इजरायल को सबक सिखाने की कसम खाने के साथ ही ईरान के सुप्रीम लीडर ने अपने एक्सपीरियंस का फायदा उठाते हुए इजरायल और अमेरिका को मारने का चक्रव्यूह रच दिया है, हालांकि तेहरान का प्लान कितना कामयाब होगा ऐसी संभावनाओं से इतर पाकिस्तान की मरण मानो तय हो गई है. ईरान जीते या इजरायल जानकार कह रहे हैं कि पाकिस्तान की मौत तय है.  

खामनेई ने जगाए 20 हज़ार 'शैतान', 'सुप्रीम लीडर' का बड़ा ऐलान; 'दहशत' में आया पूरा पाकिस्तान

जो लोग ये सोच रहे थे कि अमेरिका की धमकी के बाद ईरान झुक जाएगा, सीधा घुटनों पर आ जाएगा. मिडिल-ईस्ट से लेकर अमेरिका तक के उन लोगों को अयातुल्ला अली खामेनेई ने आज बहुत बड़ा झटका दे दिया. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला सैयद अली खामेनेई ने ऐलान कर दिया कि ईरान ना तो सरेंडर करेगा और ना ही जरबन सीजफायर स्वीकार करेगा.

अब सवाल ये है कि खामेनेई के तेवर इतने तल्ख कैसे हो गए हैं?
किस ताकत के दम पर वो अमेरिका से टकराने को तैयार नहीं हैं?
और सवाल ये भी कि आखिर 20 हज़ार शैतानों को जगाने वाला माजरा क्या है?

तो मिडिल-ईस्ट की जंग से जुड़ी सबसे बड़ी और एक्सक्लूसिव ख़बर आपको बताएं. उससे पहले कुछ पाकिस्तानियों के बयान पढ़ लीजिए क्योंकि 20 हज़ार शैतानों का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा है.

पाकिस्तान के आम और  खास लोग अपनी अपनी हैसियत और पहुंच के हिसाब से पाकिस्तान के टीवी चैनलों और यू-ट्यूब चैनलों पर आकर अपनी बात रख रहे हैं. उन पाकिस्तानियों में से एक ने कहा, 'ईरान ने अपनी युद्ध की रणनीति पूरी तरह तब्दील कर दी है'. दूसरे ने कहा कि वहां लोग  सड़कों पर आएंगे, रौला डालेंगे और आखिर में वो इस जंग को रुकवाएंगे. उम्मीद नहीं की जा रही थी कि ईरान इतने बड़े पैमाने पर आकर यूं अटैक करेगा. फुजेट बताते हैं कि तेल अवीव के दिल को उन्होंने हिट किया है. आयरन डोम और सारे डिफेंस सिस्टम एक्सपोज हो गए हैं. ईरान के पास बहुत कुछ है, ईरान का बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल प्रोग्राम है. जनाब ये बात आप दिमाग से निकाल दें कि खत्म हो जाएंगी मिसाइलें.'

जानते हैं ये पाकिस्तानी इतना जोश में क्यों मरे जा रहे हैं. जानते हैं ये पाकिस्तानी क्यों फूले नहीं समा रहे हैं. तो इसकी वजह है ईरान की तरफ से आए दो बयान.

पहला बयान खामेनेई का है, जिन्होंने सरेंडर करने से इनकार कर दिया है. दूसरा बयान ईरानी विश्लेषक हमदरिजा ग़ोलामज़्दा का है. जिसमें ऐलान कर दिया है कि ईरान के पास 20,000 से ज़्यादा मिसाइलें हैं.

जो ना सिर्फ इजरायल को तबाह करने के लिए काफी हैं. बल्कि ये खौफनाक मिसाइलें मिडिल-ईस्ट में अमेरिका के मिलिट्री बेसेस को भी मिट्टी में मिला सकती हैं. 

 ईरानी फॉरेन पॉलिसी विश्लेषक हमदरिजा ग़ोलामज़्दा ने कहा, 'ईरान के अंदर पूरी क्षमता है, उसके पास मिसाइलें हैं, सबकुछ है और अभी भी उसका इस रीजन के अंदर एलायंस मौजूद हैं'. 

बता दें कि इजरायली फोर्स IDF ने मंगलवार को दावा किया था कि ईरान के पास मिसाइलों की कमी पड़ गई है. खामेनेई के जंगी जखीरे में सिर्फ 1800 मिसाइलें रह गई हैं. मगर अब जिस तरह ईरान ने 20 हज़ार मिसाइलें होने का दावा किया है. यकीनन ये इजरायल के बहुत बड़ा झटका है. यकीनन इससे पाकिस्तान को खुश होने की जरूरत हैं. क्योंकि ईरान जितना ज़्यादा दिन तक जंग लड़ेगा. इजरायल पाकिस्तान से उतना ही दूर रहेगा.

पाकिस्तानी पत्रकार जमील फारुकी ने कहा, 'इजरायली मीडिया दावा करता है कि ईरानी मिसाइल हमलों से पहले हमें अब कोई वॉर्निंग नहीं मिलती. क्योंकि ईरान ने अपनी युद्ध की रणनीति पूरी तरह तब्दील कर दी है. ईरान दर्जनों मिसाइलों से हमला करने के बजाय चार मिसाइलों से हम पर हमला करता है. लेकिन उनके मिसाइल टारगेट को हिट करने से पहले पूरी तरह छिप जाते हैं और इंतेहाई अजीब और ख़ौफ़नाक रफ्तार से अपने टारगेट हिट करते हैं. तो जनाब...ये टेक्नोलॉजी है. हिलाकर रख दिया है टेक्नोलॉजी ने. उस टेक्नोलॉजी ने इनको बहुत परेशान कर रखा है.

दुनियाभर के डिफेंस एक्सपर्ट भी 20 हज़ार मिसाइलों के बारे में सुनकर हैरान हैं और दावा कर रहे हैं कि अगर वाकई ईरान के मिसाइल साइलों में इतनी मिसाइलें मौजूद हैं तो ईरान को हराना आसान नहीं हैं.

क्योंकि 20 हज़ार मिसाइलों के साथ ईरान बहुत लंबी जंग लड़ सकता है. अगर वो हर दिन 200 मिसाइल इजरायल के ऊपर दागे तब भी ये मिसाइलें कम से कम 100 दिन तक ईरान को दहलाती रहेंगी.

PTI के समर्थक इमरान रियाज खान ने कहा, 'ये उम्मीद नहीं की जा रही थी कि ईरान इतने बड़े पैमाने पर आकर यूं अटैक करेगा. अब ईरान की तरफ से वजीर-ए-दाखिला वाहिदी उन्होंने एक बयान दिया है कि हम बड़ी लंबी जंग के लिए तैयार हैं और ये जो दावा किया जा रहा है कि हमारे मिसाइल ने उन्हें नुकसान पहुंचा दिया गया है या खराब कर दिया गया है तो ये झूठ है. हमारे मिसाइल मौजूद हैं और बहुत सारे मिसाइल ऐसे हैं जिन्हें अभी तक हमने इस्तेमाल ही नहीं किया और अभी तक हमने उन्हें लॉन्च ही नहीं किया. बहुत सारे मिसाइल हैं जो अभी भी सरप्राइज के लिए मौजूद हैं.

इसमें पहली है सेजिल मिसाइल जिसकी रेंज 2500 किलोमीटर है.
दूसरी 'खैबर' है इस घातक मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर है.
तीसरी इमाद, जिसकी रेंज1700 किलोमीटर तक है.
चौथी है...शाहाब-3...इसकी  रेंज 2000 किलोमीटर है.
पांचवीं गद्र मिसाइल है जो 2000 किलोमीटर तक मार कर सकती है.
छठी है पावेह मिसाइल....इसकी रेंज 1650 किलोमीटर है.
सातवीं फतेह-2 की रेंज 1500 किलोमीटर.
आठवीं खैबर शेकन मिसाइल की रेंज....1450 किलोमीटर बताई जाती है.
और ईरान की नौवी मिसाइल है हज कासेम है...जो 1400 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखती है.
इसके अलावा ईरान के पास खुर्रमशहर-4 नाम की दसवीं मिसाइल भी मौजूद है.

बता दें कि खुर्रमशहर-4 को ईरान अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल मानता है. जिसके बारे में दुनिया ज़्यादा कुछ नहीं जानती है. ईरान दावा करता है कि उसकी ये मिसाइल ना केवल इजरायल को पूरी तरह तहस-नहस कर सकती है बल्कि मिडिल-ईस्ट में अमेरिकी मिलिट्री बेस को भी टारगेट कर सकती है. बताते हैं कि खुर्रमशहर-4 मिसाइळ 2000 किलोमीटर दूर तक मार कर सकती है. ईरान की इस मिसाइल की ताकत अमेरिका भी जानता है. शायद यही वजह है जो उसने नेगेव में मौजूद इजरायली न्यूक्लियर साइट डिमोना की सुरक्षा अपने हाथों में ले ली है और अपने दो सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम पेट्रियट और थाड उसकी सुरक्षा में लगा दिए हैं.

ईरान की मिसाइल फतह-2 के बारे में दावा है कि ईरान की फतह-2 उसकी हाइपरसोनिक मिसाइल है. जो 1500 से 1900 किलोमीटर तक मार कर सकती है. इजरायल या अमेरिका के लिए फतेह-2 को रोक पाना इसलिए भी मुश्किल है. क्योंकि ये 24700 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से हमला करती है. इतनी तेज स्पीड से आ रहे हथियार को तभी मारा जा सकता है, जब उसे वक्त रहते ट्रैक किया जा सके. मगर ईरान दावा करता है कि इजरायल और अमेरिका के पास ऐसा कोई डिफेंस सिस्टम ही नहीं है. जो इसे 30 सेकंड पहले भी ट्रैक कर सके.

शायद यही वजह है कि ईरान ने इजरायल में जिस-जिस जगह पर फतह-2 मिसाइल से हमला किया. उसे अमेरिका या इजरायल का कोई भी सिस्टम रोक नहीं पाया और ये मिसाइल अपने टारगेट को हिट करने में कामयाब रही.

खामनेई ने जगाए 20 हज़ार 'शैतान'!

वहीं ईरान की मिड रेंज बैलिस्टिक मिसाइल भी कम खतरनाक नहीं है. ये मिसाइलें 1500 से 1800 वॉरहेड ले जाने की सलाहियत रखती हैं. इसकी रेंज बिल्कुल वही है जो ईरान और इजरायल के बीच का फासला है ये 2000 किलोमीटर को जाकर हिट कर सकता है. 

सूत्र बताते हैं कि दिन-रात बमबारी के बावजूद इजरायल अभी उस पॉजीशन में नहीं आया है कि ईरान को जबरन बातचीत के टेबल पर लाया जा सके. ख़बर ये भी है कि इजरायली फोर्स ईरान के सीक्रेट अड्डे इमाम अली गैरिसन तक पहुंचने में नाकाम रही है. ईरान का ये गुप्त ठिकाना खोरमाबाद के बाहरी इलाके में हैं. जहां जमीन के नीचे ईरान ने 48 से ज़्यादा मिसाइल साइलो बना रखे हैं. इन्हीं में से सबसे ख़तरनाक इमाम अली गैरिसन साइलो है.

दावा है कि इस साइलों में ईरान की वो मिसाइळें भी रखी गई हैं जो अपने साथ परमाणु वॉरहेड ले जा सकती है.
इन मिसाइळों में 5000 से ज़्यादा शहाब-3 नाम की बैलिस्टिक मिसाइलें भी मौजूद हैं.
बताया जाता है कि लंबी दूरी तक मार करने वाली इन मिसाइलों की खेप ईरान को रूस से मिली है.

पाकिस्तान के  राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने कहा, 'ईरान के पास बहुत कुछ है, ईरान का बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल प्रोग्राम है, ये कुछ इस तरह है, आप इसे स्टडी करना चाहें तो इसे स्टडी कर सकते हैं. CSIS से मैंने ये लिया है, वो चाहें तो इसे 2000 किलोमीटर तक मार सकते हैं. 2000 किलोमीटर में देख लें, सारा का सारा इंडिया आता है और सारा का सारा मिडिल-ईस्ट आता है. ईस्टर्न यूरोप के कुछ मुल्क और रूस का इलाका और कुछ चीन का इलाका आता है.

कुल मिलाकर अब ये करीब-करीब साफ हो चुका है कि मिडिल-ईस्ट की जंग हाल-फिलहाल थमने वाली नहीं है. क्योंकि 20 हज़ार मिसाइलें तो वो हैं. जिनकी अभी मौजूदगी का दावा किया जा रहा है. उन खौफनाक मिसाइलों की गिनती अलग है. जो दिन-रात ईरान के कारखानों में बनाई जा रही है.

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