Last Updated:June 12, 2025, 16:04 IST
Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ, जिसमें 232 लोग सवार थे. 1988 में भी यहां ऐसा हादसा हुआ था. रनवे की लंबाई 3,505 मीटर है, जो बड़े विमानों को संभालने में सक्षम ...और पढ़ें

Ahmedabad Air India Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद एयरपोर्ट से एयर इंडिया के प्लेन क्रैश होने की बड़ी खबर है. एयर इंडिया का यह प्लेन अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन जा रहा था. इस प्लेन में कुल 232 लोग सवार थे, जिसमें 220 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे. एयर इंडिया का तब क्रैश हुआ, जब वह लंदन के लिए उड़ान भर रहा था. बताया जा रहा है कि उड़ान भरते ही इस प्लेन का पिछला हिस्सा एयरपोर्ट से सटे मेघानी नगर इलाके से टकरा गया और क्रैश हो गया.
वहीं, इस हादसे के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बार फिर अहमदाबाद एयरपोर्ट का रनवे प्लेन क्रैश के लिए जिम्मेदार है. आपको बता दें कि अहमदाबाद एयरपोर्ट पर 19 अक्टूबर 1988 को एक ऐसा ही भयानक एयर क्रैश हुआ था. इस एयर क्रैश का शिकार होने वाला प्लेन एयर इंडिया का था, जो मुंबई से अहमदाबाद की उड़ान पर था. इस हादसे में प्लेन में सवार 135 लोगों में करीब 133 लोगों की जान चली गई थी.
इस हादसे की जांच के बाद खुलासा हुआ था कि अहमदाबाद एयरपोर्ट के रनवे पर अप्रोच लाइट्स नहीं थी और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) में ग्लाइड पाथ भी उपलब्ध नहीं था. पायलट की गलती के साथ रनवे की ये दो कमियां हादसे की वजह बन गई. इस हादसे के 37 साल बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट पर एक बार फिर एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है. अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे के पीछे भी अहमदाबाद एयरपोर्ट का रनवे जिम्मेदार है या फिर कोई दूसरी वजह है.
कैसा है अहमदाबाद एयरपोर्ट का रनवे
अहमदाबाद एयरपोर्ट का मुख्य रनवे 23-05 है, जिसकी वर्तमान लंबाई लगभग 3,505 मीटर (11,500 फीट) है. यह लंबाई बोइंग 777 और एयरबस A330 जैसी बड़ी और भारी विमान सेवाओं को संभालने में सक्षम है. रनवे की चौड़ाई 45 मीटर है और यह अत्याधुनिक तकनीक से युक्त है, जिसमें रनवे एंड सेफ्टी एरिया (RESA), इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) और LED रनवे लाइटिंग शामिल हैं.
इस रनवे का इतिहास भी काफी महत्वपूर्ण है. साल 1988 में एयर इंडिया का एक विमान VT-EQD अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. उस समय रनवे की लंबाई और मौसम संबंधी सुविधाएं सीमित थीं. हादसे की जांच रिपोर्ट में रनवे की सीमित लंबाई और खराब मौसम में लैंडिंग के लिए अपर्याप्त तैयारी को भी एक कारण माना गया था.
रनवे की लंबाई बढ़ाकर की गई 3500 मीटर
इसके बाद रनवे की लंबाई और तकनीकी सुविधाओं को लेकर कई सिफारिशें की गईं. 1990 के दशक के अंत और 2000 के शुरुआती वर्षों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने रनवे की मरम्मत, विस्तार और आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाए. रनवे को धीरे-धीरे 3,500 मीटर तक बढ़ाया गया, ताकि यह अंतरराष्ट्रीय विमानों को सुगमता से लैंडिंग और टेकऑफ की सुविधा दे सके.