कालकाजी मंदिर हादसे पर एक महीने में होगी चार्जशीट दाखिल, पुलिस ने HC को बताया

1 month ago

पुलिस मामले की जांच कर  रही है. (File Photo)

पुलिस मामले की जांच कर रही है. (File Photo)

कालकाजी मंदिर परिसर में एक जागरण का आयोजन किया गया था. मंदिर के 'महंत परिसर' में आयोजित 'जागरण' के दौरान स्‍टेज ढहने से ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 18, 2024, 18:18 ISTEditor picture

हाइलाइट्स

कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान स्‍टेज ढहने से बड़ा हादसा हुआ था.
हादसे के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि 17 लोगों को चोटें भी आई थी.

नई दिल्ली. कालकाजी मंदिर में जागरण के दौरान स्‍टेज ढहने से एक महिला की मौत के मामले में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने सख्‍त रुख अख्तियार किया है. कोर्ट ने पुलिस की स्‍टेटस रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए उन्‍हें यह आदेश दिया कि घटना की जांच जल्‍द से जल्‍द पूरी की जाए. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया. अदालत ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के SHO द्वारा दिए गए आश्वासन को भी रिकॉर्ड पर लिया कि जांच चार सप्ताह के भीतर पूरी की जाएगी और आरोप पत्र दायर किया जाएगा.

अदालत ने कहा कि हालांकि मंदिर का पूर्ण प्रबंधन और नियंत्रण हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक के अधीन है, लेकिन प्रशासक ने कार्यक्रम आयोजित करने की कोई अनुमति नहीं दी थी. न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट से अदालत के मन में कोई संदेह नहीं रह गया है कि ‘जागरण’ (धार्मिक समारोह) आयोजित करने की अनुमति मंदिर द्वारा दी गई थी. हाईकोर्ट ने कहा, “इसके अलावा, 20 फरवरी, 2024 के आदेश के तहत, अदालत ने पाया था कि महंत ने खुद एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने 27 सितंबर, 2021 के आदेश के बाद कालकाजी मंदिर परिसर का नियंत्रण और प्रबंधन प्रशासक को सौंप दिया.”

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17 लोग भी हुए थे घायल
मंदिर के ‘महंत परिसर’ में आयोजित ‘जागरण’ के दौरान 45 वर्षीय महिला की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए. इस कार्यक्रम में लगभग 1,600 लोग शामिल हुए थे. घटना के बाद कालकाजी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. 12 मार्च के अपने आदेश में, हाईकोर्ट ने पुलिस की स्थिति रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा था कि ‘जागरण’ का आयोजन श्री कालकाजी सज्जा सेवादार मित्र मंडल द्वारा किया गया था और इसके अध्यक्ष/पदाधिकारी अनुज मित्तल और सतीश कुमार आयोजक थे.

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तेजी से पूरी की जाए जांच 
रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें सुरेंद्र नाथ अवधूत ने अनुमति दी थी जो खुद को मंदिर का महंत बताता है. पुलिस ने कहा कि घटना के संबंध में जांच अभी पूरी नहीं हुई है. हाईकोर्ट ने कहा, “इस प्रकार, यह निर्देशित किया जाता है कि पुलिस अपनी जांच जारी रखेगी और इसे शीघ्रता से पूरा करेगी और दोषी सभी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.”

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Tags: DELHI HIGH COURT, Delhi news, Hindi news

FIRST PUBLISHED :

March 18, 2024, 18:12 IST

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