Last Updated:July 26, 2025, 16:55 IST
Veer Parivar Sahayata Yojana: नालसा ने करगिल विजय दिवस पर सैनिकों के परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता देने के लिए 'वीर परिवार सहायता योजना 2025' शुरू की. इस योजना का शुभारंभ जस्टिस सूर्यकांत ने श्रीनगर में किया.

हाइलाइट्स
नालसा ने वीर परिवार सहायता योजना 2025 शुरू की.सैनिकों के परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी.योजना का शुभारंभ जस्टिस सूर्यकांत ने श्रीनगर में किया.नई दिल्ली: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर सैनिकों के परिवारों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की. यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि सैनिकों के परिवारों को अब बिना किसी खर्च के कानूनी मदद दी जाएगी. नालसा के ‘वीर परिवार सहायता योजना 2025’ नामक इस नई पहल का उद्देश्य भारतीय सैनिकों को दुर्गम इलाकों और दूर-दराज के क्षेत्रों में सेवा के दौरान घरेलू कानूनी बोझ से मुक्त करना है. इस ऐतिहासिक न्यायिक कदम का संदेश है: आप सीमाओं पर देश की सेवा करें, हम घर पर आपके परिवार की देखभाल करेंगे.
इस योजना का औपचारिक शुभारंभ शनिवार को श्रीनगर में एक सम्मेलन में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने किया. इस शुभारंभ समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए.
इस कार्यक्रम की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई थी. दरअसल, जस्टिस सूर्यकांत इस ऑपरेशन के दौरान सशस्त्र बलों द्वारा दिए गए बलिदान से बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने ऐसे तरीके तलाशने शुरू कर दिए जिनसे न्यायपालिका उनकी भलाई में और अधिक प्रत्यक्ष योगदान दे सके.
सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि कानूनी बिरादरी को यह सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए कि देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को व्यक्तिगत कानूनी संकटों से निपटने के लिए अकेला न छोड़ा जाए. इस विचार की परिणति नालसा वीर परिवार सहायता योजना के रूप में हुई है, जिसे न्यायमूर्ति कांत 24 नवंबर को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) का पदभार ग्रहण करने से पहले शुरू करने वाले हैं.
इस योजना के तहत, नालसा यह सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करेगा कि देश भर की अदालतों में ऐसे मामलों का उचित प्रतिनिधित्व हो. यह सहायता अर्धसैनिक बल के जवानों को भी प्रदान की जाएगी, जिनमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान तथा अन्य शामिल हैं, जो समान रूप से पृथक और उच्च जोखिम वाली परिस्थितियों में काम करते हैं.
गौरतलब है कि करगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है. साल 1999 में इसी दिन, भारतीय सेना ने कारगिल की बर्फीली पहाड़ियों पर लगभग तीन महीने तक चली लड़ाई के बाद ‘ऑपरेशन विजय’ की सफल समाप्ति की घोषणा की थी.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir