एक छत के नीचे इंसान, जानवर, वायरस... नागपुर में बन रहा पहला वन हेल्थ संस्थान

4 hours ago

Last Updated:June 18, 2025, 17:48 IST

One Health Institute: भारत का पहला वन हेल्थ संस्थान नागपुर में बन रहा है, जो इंसानों, जानवरों और पर्यावरण की बीमारियों पर नजर रखेगा. यह संस्थान अगले दो साल में तैयार होगा और महामारी की रोकथाम में मदद करेगा.

एक छत के नीचे इंसान, जानवर, वायरस... नागपुर में बन रहा पहला वन हेल्थ संस्थान

नागपुर में देश का पहला वन हेल्थ संस्थान बन रहा है. (Image:AI)

हाइलाइट्स

भारत का पहला वन हेल्थ संस्थान नागपुर में बन रहा है.संस्थान इंसानों, जानवरों और पर्यावरण की बीमारियों पर नजर रखेगा.यह संस्थान अगले दो साल में तैयार हो जाएगा.

नई दिल्ली. देश का पहला वन हेल्थ संस्थान नागपुर में तैयार हो रहा है, जो इंसानों, जानवरों और पर्यावरण की बीमारियों पर एक साथ नजर रखेगा. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ की डायरेक्टर डॉ. प्रज्ञा यादव ने बताया कि देश को भविष्य में महामारी जैसी चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है. महाराष्ट्र के नागपुर में भारत का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ (NIOH) बन रहा है. यह संस्थान इंसानों,जानवरों और पर्यावरण से जुड़ी बीमारियों पर एक साथ निगरानी रखेगा ताकि किसी भी बीमारी की शुरुआत को जल्द पहचाना जा सके.

क्या है संस्थान की खासियत?

यह संस्थान उन बीमारियों की पहचान करेगा जो जानवरों से इंसानों में फैलती हैं जैसे -कोविड, बर्ड फ्लू, निपाह वायरस आदि. डॉक्टर,पशु-चिकित्सक, वैज्ञानिक और पर्यावरण विशेषज्ञ मिलकर यहां काम करेंगे ताकि बीमारी की जड़ तक पहुंचा जा सके.

कब तक तैयार होगा?

ICMR की वैज्ञानिक और संस्थान की डायरेक्टर डॉ. प्रज्ञा यादव के मुताबिक नागपुर स्थित यह संस्थान अगले दो साल में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. इसकी बिल्डिंग और आधुनिक लैब्स का निर्माण तेजी से चल रहा है.

कैसे करेगा महामारी की रोकथाम?

यह संस्थान देशभर से आने वाले सैंपल्स का परीक्षण करेगा और वायरस की जाँच कर यह पता लगाएगा कि बीमारी कहां से और कैसे फैली. अगर किसी जानवर में कोई नया वायरस मिलता है तो समय रहते अलर्ट जारी किया जाएगा ताकि बीमारी इंसानों में फैलने से पहले ही रोकी जा सके.

वैश्विक एजेंसियों से भी होगा जुड़ाव

यह संस्थान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), FAO और OIE जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी संपर्क में रहेगा जिससे भारत न केवल खुद को सुरक्षित कर सकेगा बल्कि वैश्विक स्तर पर महामारी से जुड़ी चेतावनियों और समाधान का भी हिस्सा बनेगा.

कई मंत्रालयों के साथ तालमेल

इस संस्थान में BSL-2, BSL-3 और BSL-4 जैसी हाई-सेफ्टी लैब्स होंगी. यह स्वास्थ्य, पशुपालन, पर्यावरण जैसे अलग-अलग मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करेगा. बीमारी का स्रोत जानने के लिए यह देखा जाएगा कि उसका कारण जानवर हैं, पर्यावरण है या अन्य कोई कारक.

वन हेल्थ का मतलब है इंसान,जानवर और पर्यावरण- तीनों के स्वास्थ्य को एक साथ समझना और बीमारी को रोकना.नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वन हेल्थ एक ऐसा मंच होगा जहां सभी विभागों का सहयोग और डेटा मॉनिटरिंग एक साथ हो सकेगी जिससे भविष्य की महामारियों से समय पर निपटना संभव होगा.

Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें

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