Last Updated:June 26, 2025, 06:55 IST
India condemns attacks on Iran with BRICS: भारत ने ब्रिक्स के साथ मिलकर ईरान पर इजरायली और अमेरिकी हमलों की निंदा की. ब्रिक्स ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. भारत की कूटनीतिक संतुलन नीति को ईरान ने...और पढ़ें

2017 में चीन में ब्रिक्स सम्मेलन हुआ था जिसमें पीएम मोदी ने भाग लिया था.
भारत ने ब्रिक्स समूह के साथ मिलकर ईरान पर 13 जून से शुरू हुए इजरायली और अमेरिकी हमलों की निंदा की है. ब्रिक्स ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया है. यह बयान ब्राजील के विदेश मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किया गया. ब्राजील इस साल ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है. ब्रिक्स में भारत, रूस, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया शामिल हैं. इस बयान में मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव और सुरक्षा स्थिति के बिगड़ने पर गहरी चिंता जताई गई, साथ ही सभी पक्षों से तनाव कम करने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया गया.
यह कदम भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ ही दिन पहले भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उस बयान से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें इजरायल के हमलों की निंदा की गई थी. विदेश मंत्रालय ने 14 जून को स्पष्ट किया था कि भारत ने एससीओ के बयान पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और उसकी स्थिति 13 जून को व्यक्त की गई थी, जिसमें कूटनीति और संवाद के जरिए तनाव कम करने की बात कही गई थी. ब्रिक्स के बयान में इजरायल या अमेरिका का नाम नहीं लिया गया, जिसके चलते भारत ने इस पर सहमति जताई. सूत्रों के अनुसार बयान का यह स्वरूप भारत के लिए स्वीकार्य था, क्योंकि यह उसकी कूटनीतिक स्थिति के अनुरूप था.
ब्रिक्स के बयान में कहा गया है- हम 13 जून 2025 से ईरान पर हुए सैन्य हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हैं. इसमें मध्य पूर्व को परमाणु हथियारों और अन्य सामूहिक विनाश के हथियारों से मुक्त करने की वकालत की गई. बयान में नागरिकों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर जोर देते हुए, परमाणु सुविधाओं पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के नियमों का उल्लंघन बताया गया. भारत के इस रुख को ईरान ने सराहा और ईरानी दूतावास ने दिल्ली में एक बयान जारी कर भारत के लिबरल नागरिकों और संस्थाओं का आभार जताया.
भारत की यह स्थिति उसकी कूटनीतिक संतुलन की रणनीति को दर्शाती है. एक ओर भारत ने इजरायल और ईरान के बीच 12-दिवसीय संघर्ष के बाद मंगलवार को घोषित युद्धविराम का स्वागत किया, जिसमें अमेरिका और कतर की मध्यस्थता की भूमिका थी. दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान से बात कर क्षेत्रीय स्थिरता के लिए तनाव कम करने की अपील की.
यह घटनाक्रम मध्य पूर्व में भारत की बढ़ती कूटनीतिक भूमिका को रेखांकित करता है. ब्रिक्स बयान में सभी पक्षों से हिंसा का चक्र तोड़ने और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करने की अपील की गई. भारत की यह स्थिति वैश्विक मंच पर उसकी रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाती है, जहां वह इजरायल और ईरान जैसे परस्पर विरोधी देशों के साथ संबंध बनाए रखता है.
आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 5-6 जुलाई को रियो डी जनेरियो में होगा. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है. यह बैठक भारत के लिए अपनी वैश्विक भूमिका को और मजबूत करने का अवसर होगी. ईरान पर हमलों के बाद भारत का यह रुख न केवल क्षेत्रीय शांति के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक कूटनीति में उसकी संतुलित और स्वतंत्र नीति को भी रेखांकित करता है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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