खामेनेई के तख्तापलट की संभावनाओं के बीच अब WAR में ईरान के Log Out का विश्लेषण करेंगे और बताएंगे कि पूरा ईरान क्यों और कैसे OFFLINE हो गया? कैसे वहां हालात कोरोना काल में हुए लॉकडाउन से भी बदतर हैं. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि ईरान के आसमान पर अब अमेरिका और इजरायल का कब्जा हो चुका है. यानी ईरान का आसमान अब इन दोनों देशों ने लॉक कर लिया है. जमीन पर लगातार मिसाइलें गिर रही हैं, ड्रोन से हमले हो रहे हैं. लोग बंकर में छिपे हैं और सड़कें खाली हैं. यानी ईरान के सड़कों पर भी लॉकडाउन लग चुका है.
ईरान युद्ध के लॉकडाउन में फंसा
2020 में जब दुनिया में कोरोना के समय लॉकडाउन लगा था तो लोगों के पास कम से कम इंटरनेट और सोशल मीडिया देखने के सुविधा थी. लेकिन अब ईरान में इंटरनेट भी बंद हो चुका है. सोशल मीडिया ऐप ब्लॉक हो चुके हैं. बड़ी मुश्किल से कुछ वेबसाइट खुल रही है लेकिन वो भी सरकारी वेबसाइट है. यानी इंटरनेट पर भी लॉकडाउन लग चुका है. एक तरह से कहें तो ईरान के लोगों के लिए सोशल मीडिया की दुनिया के दरवाजे बंद हो चुके हैं. 9 करोड़ की जनसंख्या वाला ईरान में सबकुछ ठप हो चुका है. क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का 18वां सबसे बड़ा देश ईरान युद्ध के लॉकडाउन में फंस चुका है.
ईरान में डिजिटल लॉकडाउन
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार शाम से ही इंटरनेट का इस्तेमाल 25 फीसदी पर आ चुका है जबकि एक दिन पहले इंटरनेट का इस्तेमाल 100 फीसदी था. मंगलवार सुबह भी इंटरनेट का इस्तेमाल 100 फीसदी के करीब था लेकिन धीरे-धीरे ईरान में इंटरनेट सेवा बंद हो रही है. ईरान की सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल 10 से 20 फीसदी ही करने की तैयारी में है. 10 से 20 फीसदी इंटरनेट भी सरकार को ओर से पूरी तरह से नियंत्रित होगा और इसका बाहरी दुनिया या बाहरी नेटवर्क से कोई संपर्क नहीं होगा.
WhatsApp को डिलीट करने की अपील
ईरान की सरकार लगातार अपने नागरिकों से WhatsApp को डिलीट करने की अपील कर रही है. मंगलवार दोपहर से ही लगातार टेलीविजन पर WhatsApp डिलीट करने की अपील की जा रही है. ईरान का दावा है कि मेटा जैसी कंपनियां गुप्त रूप से इजरायल को सूचनाएं भेज रही हैं. ईरान का कहना है WhatsApp के जरिए लोगों की लोकेशन का पता चल रहा है और लोकेशन की जानकारी के आधार पर इजरायल ईरानी लोगों पर हमला कर रहा है. हालांकि WhatsApp ने ईरान की इस अपील पर जवाब देते हुआ कहा है कि ईरान इस महत्वपूर्ण समय में सेवाओं को बंद करने के लिए झूठे बहाने बना रहा है, जबकि आज ईरानी लोगों को WhatsApp की सबसे ज्यादा जरूरत है.
WhatsApp के अलावा गूगल और एप्पल के ऐप स्टोर को भी ब्लॉक कर दिया गया है. इसके अलावा ईरान में भारी संख्या में सोशल मीडिया और मैसेज ऐप को लगातार ब्लॉक किया जा रहा है. Instagram.....Telegram...X को भी ब्लॉक कर दिया गया है. हालांकि हजारों ईरानी लोग गैरकानूनी तरीके से सोशल मीडिया साइट को देख रहे हैं.
क्यों सोशल मीडिया ऐप को ब्लॉक कर रहा ईरान?
रिपोर्ट्स के मुताबिक VPN यानी Virtual Private Network के जरिए ईरानी लोग अक्सर ब्लॉक किए सोशल मीडिया साइट और ऐप का इस्तेमाल करते हैं लेकिन मंगलवार दोपहर से ही Virtual Private Network के जरिए भी ऐप का इस्तेमाल करना मुश्किल हो गया है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ईरान में एक तरह से डिजिटल लॉकडाउन हो चुका है. आज आपको यह भी जानना चाहिए कि आखिर ईरान क्यों इंटरनेट सेवा को लगातार बंद कर रहा है. क्यों सोशल मीडिया ऐप को ब्लॉक कर रहा है.
दरअसल इसकी वजह खुद ईरान ही है. साइबर सुरक्षा से जुड़ी एक कंपनी के रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 जून से इजरायल में साइबर हमलों में 700 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और माना जा रहा है. इजरायल पर सभी साइबर हमले ईरान की ओर से ही किए गए थे. ऐसे में अब इजरायल से ईरान पर बड़े साइबर हमले की संभावना है. इसके अलावा इजरायल, ईरान के सर्वर और सोशल मीडिया के जरिए लगातार जानकारी जुटा रहा है. जिस तरीके से पिछले दिनों ने इजरायल ने ईरान पर हमला किया उसमें सोशल मीडिया के जरिए तैयारी करने के सबूत मिलते हैं.
इससे पहले 2022 में ईरान में WhatsApp और गूगल प्ले स्टोर को बैन किया था. सितंबर 2022 में जब ईरानी महिला महसा अमीनी की हिरासत में मौत हो गई थी. उसके बाद पूरे देश में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. उस दौरान भी ईरान में WhatsApp और गूगल प्ले स्टोर को ब्लॉक कर दिया था और फिर दो साल बाद दिसंबर 2024 वापस से WhatsApp और गूगल प्ले स्टोर को अनब्लॉक किया गया. लेकिन इस बार हालात बिलकुल उलट है, इस बार एक तरह से इजरायल और अमेरिका ने एक पूरे देश का hostile takeover कर लिया है.