आतंकियों संग समानता ही नहीं तो मध्यस्थता कैसी...जब थरूर के हत्थे चढ़ गए ट्रंप

10 hours ago

Last Updated:June 07, 2025, 09:58 IST

Shashi Tharoor News: शशि थरूर ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाक सीजफायर के दावे को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच बाहरी मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है.

आतंकियों संग समानता ही नहीं तो मध्यस्थता कैसी...जब थरूर के हत्थे चढ़ गए ट्रंप

शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप की पोल खोल दी. (फाइल फोटो)

ऑपरेशन सिंदूर के बाद शशि थरूर की टीम अभी अमेरिका में है. अमेरिका की धरती से ही शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप को खरी-खरी सुना दिया है. भारत-पाक के बीच सीजफायर का क्रेडिट लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप को मुंहतोड़ जवाब दिया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जोर देकर कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बाहरी मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देश बराबर नहीं हैं. ऐसे में असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता की बात ही गलत है. उन्होंने साफ कह दिया कि आतंकियों और आतंक पीड़ितों के बीच तुलना ही बेमतलब है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाक के बीच सीजफायर कराने में मदद की.

वाशिंगटन में गुरुवार को काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बोलते हुए शशि थरूर ने कहा कि आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं है. ‘मिडिएशन यानी मध्यस्थता एक ऐसा टर्म नहीं है, जिसे हम विशेष रूप से स्वीकार करने के इच्छुक हैं. मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों नहीं है. तथ्य यह है कि  जब आप ब्रोकर जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं तब भी आप एक ऐसी समानता की ओर संकेत कर रहे होते हैं जो वास्तव में मौजूद ही नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद को सुरक्षित पनाह देने वाले एक देश और एक ऐसे देश के बीच कोई समानता नहीं है जो एक समृद्ध मल्टी पार्टी लोकतंत्र है, जो अपने काम को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. शशि थरूर ने आगे कहा, ‘एक देश जो आतंकवाद को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है और एक देश जो एक समृद्ध बहुदलीय लोकतंत्र है और अपने काम में लगा हुआ है… के बीच कोई समानता नहीं है.’ थरूर ऑपरेशन सिंदूर पर एक डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं.

शशि थरूर ने बार-बार डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने के दावे को खारिज किया है. भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इसमें भारत ने पाकिस्तान और आतंकियों की कमर तोड़ दी. इसके बाद पाकिस्तान ने सीजफायर की गुहार लगाई. इसके बाद 10 मई को पाकिस्तान और भारत सीजफायर पर सहमत हुए.

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत-पाक सीजफायर का क्रेडिट ले रहे हैं. वह बार-बार कह रहे हैं कि अमेरिका ने ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान ने लंबी बातचीत के बाद अमेरिका की  मध्यस्थता के बाद सीजफायर पर सहमति जताई. उन्होंने बार-बार दावा किया है कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को सुलझाने में मदद की.

जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज के साथ बैठक के दौरान भी ट्रंप ने क्रेडिट लेने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा था कि वह भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने में मदद पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने दोनों पक्षों के कुछ बहुत प्रतिभाशाली लोगों से बात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर संघर्ष जारी रहा तो दोनों देशों के साथ व्यापार सौदों को रद्द कर देंगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘आप जानते हैं क्या, मैंने वह युद्ध रोक दिया… अब, क्या मुझे श्रेय मिलेगा? मुझे किसी भी चीज के लिए श्रेय नहीं मिलेगा. वे मुझे किसी भी चीज के लिए श्रेय नहीं देते. लेकिन कोई और इसे नहीं कर सकता था. मैंने इसे रोका. मुझे उस पर बहुत गर्व है. यहां बताना जरूरी है कि भारत का साफ स्टैंड है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने की समझ दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन के महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधे बातचीत के बाद हुई थी.

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Shankar Pandit

Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें

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