अरव‍िंद केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याच‍िका द‍िल्‍ली हाईकोर्ट ने की खार‍िज

1 month ago

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खार‍िज कर द‍िया है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खार‍िज कर द‍िया है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए याचिका को खार‍िज कर द‍िया है. हाईकोर्ट में यह जनह‍ित याच‍िका सुरजीत सिंह यादव नाम के व्यक्ति ने दायर की है. याचिका में कहा गया है अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने से कानून और न्याय की प्रक्रिया बाधा आएगी, साथ ही दिल्ली में संवैधानिक तंत्र भी टूटने का संकट है.

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा की ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे. इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है.

अगर ऐसा होगा तो ED के लिए भी 10 वकील आ जाएंगे… केजरीवाल की याच‍िका और कोर्ट रूम में क्‍यों गुस्‍सा हुए ASG राजू?

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान कहा क‍ि अगर संवैधानिक सवाल है, तो उपराज्‍यपाल (एलजी) देखेंगे, वो ही राष्ट्रपति के पास ले जा सकते हैं. हाईकोर्ट ने कहा क‍ि हां, इसमें कुछ प्रैक्टिकल दिक्‍कत होगी, लेकिन हम कैसे एलजी या राष्ट्रपति को कुछ कह सकते हैं. केंद्र सरकार का काम है, हम कैसे दखल दें.

हाईकोर्ट ने क्‍या कहा?
हाईकोर्ट ने कहा क‍ि हम कैसे हटाने को बोल सकते हैं. इसमें न्यायिक समीक्षा कैसे हो सकती है. कोर्ट ने आगे कहा क‍ि क्या कानून में इस तरह को कोई प्रतिबंध है, जिसके मुताबिक, कहा जा सके कि वो CM नहीं रह सकते है. कोर्ट ने कहा क‍ि इस याचिका में अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग की गई है. कोर्ट का ये मानना है कि इसमें न्यायिक दखल का कोई स्कोप नहीं है.याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि वो केस के मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.

याच‍िकाकर्ता का क्‍या था तर्क?
यादव ने तर्क दिया है कि वित्तीय घोटाले में फंसे एक मुख्यमंत्री – जो 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं, उन्‍हें पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि उनका कारावास में होना न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा डालता है, बल्कि राज्य की संवैधानिक मशीनरी को भी कमजोर करता है. याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 का हवाला देते हुए दावा किया है कि एक कैदी केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अक्षम बनाती है.

याचिका में जेल में बंद मुख्यमंत्री द्वारा जेल से सरकारी कामकाज संचालित करने की व्यावहारिकता के बारे में भी कहा गया है. इसमें सुझाव दिया गया है कि केजरीवाल तक पहुंचने वाली सभी सामग्रियों पर जेल अधिकारियों द्वारा लगाई गई जांच मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें दी गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन करेगी. इसके अलावा, यादव ने तर्क दिया है कि केजरीवाल को अपना पद बरकरार रखने की इजाजत देने से उन्हें उन जांचों को प्रभावित करने की इजाजत मिल जाएगी, जिसमें उन्हें फंसाया गया है और यह आपराधिक न्यायशास्त्र के सिद्धांतों का खंडन करता है.

इसमें कुछ प्रैक्टिकल दिक्‍कत होगी... केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याच‍िका हाईकोर्ट ने की खार‍िज, कहा- अदालत की कोई भूमिका नहीं

याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि वह क्वो वारंटो की रिट जारी करे, जिससे केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के अपने अधिकार को सही ठहराने के लिए मजबूर किया जा सके और आखिरकार उन्हें पद से हटाया जा सके.

.

Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Delhi news

FIRST PUBLISHED :

March 28, 2024, 13:34 IST

Read Full Article at Source