Last Updated:July 24, 2025, 10:27 IST
Insurance Claim : बीमा नियामक इरडा ने क्लेम प्रक्रिया को आसान बनाने और उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुलझाने के लिए आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का मसौदा तैयार किया है. यह नियुक्ति कंपनियों को करनी होगी, ताकि ग्रा...और पढ़ें

हाइलाइट्स
इरडा ने बीमा कंपनियों के लिए आंतरिक लोकपाल नियुक्ति का प्रस्ताव दिया.50 लाख रुपये तक के दावों की शिकायतों का समाधान आंतरिक लोकपाल करेगा.आंतरिक लोकपाल नियुक्ति से बीमा क्लेम प्रक्रिया में तेजी आएगी.नई दिल्ली. बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बुधवार को बीमा कंपनियों के लिए 50 लाख रुपये तक के दावों से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने को लेकर आंतरिक बीमा लोकपाल (ओम्बुड्समैन) की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है. इरडा इसे अनिवार्य बनाने जा रहा है. इरडा ने आंतरिक बीमा लोकपाल दिशानिर्देश, 2025 का मसौदा जारी किया है. इसमें बीमा कंपनियों को एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समीक्षा व्यवस्था स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि शिकायतों का निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से समाधान किया जा सके.
इरडा के इस मसौदे में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक के दावों से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने को लेकर एक आंतरिक बीमा लोकपाल की नियुक्ति करना अनिवार्य होगा. यह प्रावधान तीन साल से अधिक समय से कारोबार चला रही सभी बीमा कंपनियों (पुनर्बीमा कंपनियों को छोड़कर) पर लागू होगा और उन्हें अपने यहां आंतरिक लोकपाल नियुक्त करना पड़ेगा. मसौदे में कहा गया है कि प्रभावी कवरेज और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बीमा कंपनियां निर्धारित अधिकार क्षेत्र के साथ एक से अधिक आंतरिक बीमा लोकपाल की नियुक्ति भी कर सकती हैं.
कब से लागू करेगा इरडा
इरडा ने इस मसौदे पर 17 अगस्त तक लोगों से सुझाव मांगे हैं. प्रस्तावित दिशानिर्देश आंतरिक बीमा लोकपाल की पात्रता मानदंड, कार्यकाल, स्वतंत्रता, भूमिका और जिम्मेदारियों तथा पारिश्रमिक ढांचे के साथ-साथ उनके द्वारा पालन किए जाने वाले सामान्य सिद्धांतों को निर्धारित करते हैं. इरडा ने कहा कि मजबूत संचालन और निगरानी को सुदृढ़ करने के लिए, यह प्रस्ताव किया गया है कि आंतरिक बीमा लोकपाल निदेशक मंडल या उसकी पॉलिसीधारक सुरक्षा, शिकायत निवारण और दावा निगरानी समिति को रिपोर्ट करेगा. वहीं प्रशासनिक रिपोर्टिंग प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी को करेगा.
क्या है इसका मकसद
इरडा के इस प्रस्ताव का मकसद बीमा शिकायतों के निवारण में तेजी लाना और कंपनियों के कामकाज में पारदर्शिता पैदा करना है. इरडा ने ग्राहकों की शिकायतों के जल्द निस्तारण के लिए आंतरिक लोकपाल की जरूरत बताई है. इनकी नियुक्ति कंपनियां ही करेंगी, लेकिन इनका काम बीमा धारकों की समस्याओं को सुलझाना है. इस पहल के जरिये इरडा का लक्ष्य शिकायत निवारण व्यवस्था में और सुधार करना और बीमा क्षेत्र में उपभोक्ताओं के भरोसे को बढ़ाना है.
क्लेम निपटाने में आएगी तेजी
इरडा का कहना है कि कंपनियों के लोकपाल नियुक्त करने के बाद बीमाधारकों के क्लेम को जल्दी निपटाया जा सकेगा. अभी बीमा क्लेम पाने में काफी समय लग जाता है और कई बार कंपनियां बेवजह भी उपभोक्ताओं को परेशान करती हैं. आंतरिक लोकपाल के जरिये दावे निपटाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकती है. पिछले दिनों बड़ी संख्या में हेल्थ बीमा क्लेम कंपनियों ने खारिज कर दिए थे और उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनने के लिए कोई और नहीं होता. आंतरिक लोकपाल इस तरह के मामलों में काफी मददगार हो सकता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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