नई दिल्ली. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका पर सोमवार को जमकर बहस हुई. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने इस दौरान सीएम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से तीखे सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दिल्ली शराब घोटाले के मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बार-बार ईडी की तरफ से सीएम को समन भेजा गया था लेकिन वो पेश नहीं हुए.
बेंच ने सवाल पूछा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने निचली अदालत में जमानत याचिका क्यों नहीं दायर की. “क्या आप यह कहकर खुद का खंडन नहीं कर रहे हैं कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत उनके बयान दर्ज नहीं किए गए थे? आप बयान दर्ज करने के लिए समन पर उपस्थित नहीं होते हैं और फिर कहते हैं कि यह दर्ज नहीं किया गया. अगर केजरीवाल समन पर पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी को क्या करना चाहिए था.”
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‘बयान दर्ज ना कराना अपराध साबित नहीं करता’
सिंघवी ने इसपर कहा, ” बयानों को दर्ज न करना मुझे अपराधी मानने के कारणों से गिरफ्तार करने का बचाव नहीं है. मैं कह रहा हूं कि अन्य सामग्री भी मेरे अपराध को स्थापित नहीं करती है. ईडी मुझे गिरफ्तार करने मेरे घर आई थी. तो फिर ईडी मेरे घर पर मेरा बयान क्यों दर्ज नहीं कर सकती?” पीएमएलए की धारा 50 ईडी अधिकारियों को समन जारी करने और दस्तावेजों, सबूतों और अन्य सामग्रियों को पेश करने की शक्ति से संबंधित है.
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एक साल पहले इसी कोर्ट ने क्या कहा?
सिंघवी ने आगे कहा कि 16 अप्रैल, 2023 को केजरीवाल मामले के सिलसिले में सीबीआई के सामने पेश हुए और सभी सवालों के जवाब दिए. आप यह नहीं कह सकते कि हम आपको गिरफ्तार कर लेंगे क्योंकि आप समन पर उपस्थित नहीं हुए. क्या आप कह सकते हैं कि चूंकि आपने सहयोग नहीं किया, इसलिए आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा? “असहयोग आपराधिकता या गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता. सिंघवी ने कहा, इस अदालत ने पिछले साल माना था कि असहयोग पीएमएलए के तहत गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता.
‘CM के पास आम आदमी से कम अधिकार भी नहीं ‘
वरिष्ठ वकील ने कहा कि मुख्यमंत्री को अभियोजन से कोई छूट नहीं है और पूछा कि क्या उनके पास आम नागरिक से कम अधिकार हैं. सिंघवी ने आगे कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बिना किसी दंडात्मक कार्रवाई के राहत देने से इनकार करना भी ईडी द्वारा गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता है. शुरुआत में, पीठ ने सिंघवी से पूछा कि केजरीवाल ने मामले में जमानत याचिका क्यों नहीं दायर की. सिंघवी ने कहा कि उन्होंने गिरफ्तारी को चुनौती दी है और अगर गिरफ्तारी को अवैध करार दिया जाता है तो बाकी सभी चीजें चली जाती हैं.
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FIRST PUBLISHED :
April 29, 2024, 22:38 IST