PICS: गोबर से टाइल्स, चप्पल सहित 25 तरह के उत्पाद बनाते हैं कर्ण सिंह

1 month ago

Gobar Products: कर्ण सिंह ने अपने उद्योग को अभी तक जिस भी मुकाम पर पहुंचाया है वो अपने दम पर पहुंचाया है. अभी तक कर्ण सिंह ने किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं ली है. हालांकि जिला प्रशासन सरस मेलों में अब मंच मुहैया करवाने लगा है. (Report-Virender Bhardwaj)

News18 Himachal PradeshLast Updated :March 18, 2024, 12:40 ISTEditor pictureEdited by
  Vinod Kumar Katwal

01

news18

मंडी. हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के कोटली उपमंडल के तहत आने वाले चलोह गांव निवासी कर्ण सिंह अपनी संस्कृति को अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने वाले कर्णधार का काम कर रहे हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्होंने प्रदेश का पहला ऐसा लघु उद्योग चला रखा है. यहां पर सिर्फ और सिर्फ गाय के गोबर से ही सभी प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं. इस लघु उद्योग का नाम श्री कामधेनू पंचगव्य उद्योग रखा गया है.

02

news18

इन दिनों मंडी में जारी सरस मेले में कर्ण सिंह ने अपने इन उत्पादों को प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए रखा है, जो लोगों के लिए आकषर्ण का केंद्र बने हुए हैं. कर्ण सिंह ने बताया कि उसने वर्ष 2020 में गाय के गोबर से उत्पाद बनाने का कार्य शुरू किया और 6 महीनों की जद्दोजहद के बाद एक दीपक बना पाया. लेकिन उसके बाद हार नहीं मानी और स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें भी इस काम को और आगे बढ़ाया.

03

news18

कर्ण सिंह ग्रामीणों से 5 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदते हैं और उसके 25 तरह के उत्पाद बनाते हैं. इन उत्पादों में दीपक, चप्पल, नेम प्लेट, लोगो, मोमेंटो, भगवान की मूर्तियां, आकृतियां, ईंट, टाईल्स और गमले आदि शामिल हैं.

04

news18

कर्ण सिंह ने बताया कि स्थानीय बाजारों में उनके उत्पादों की मांग काफी कम है, लेकिन बाहरी राज्यों में इन उत्पादों को लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं. वे ऑनलाइन भी इन उत्पादों की बिक्री कर रहे हैं और लोग वहां से इन्हें जमकर खरीद भी रहे हैं.

05

news18

कर्ण सिंह के अनुसार उन्हें इस कारोबार में मुनाफा हो रहा है. हालांकि, उतना मुनाफा तो नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि लागत से अधिक वह कमा पा रहे हैं. भविष्य में जैसे-जैसे इन उत्पादों की डिमांड बढ़ेगी तो उससे आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी.

06

news18

कर्ण सिंह ने मंडी जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग का आभार जताया जिनके माध्यम से वे सरस जैसे मेलों में देश के विभिन्न कोनों में जाकर अपने उत्पादों को प्रदर्शित और बेच पा रहे हैं. कर्ण सिंह ने लोगों से अपील की है कि वे प्लास्टिक और कैमिकल युक्त हानिकारक उत्पादों का प्रयोग न करते हुए इन उत्पादों का इस्तेमाल करें, जिससे गौमाता का संरक्षण भी होगा और वातावरण भी शुद्ध रहेगा.

07

news17

कर्ण सिंह ने अपने उद्योग को अभी तक जिस भी मुकाम पर पहुंचाया है वो अपने दम पर पहुंचाया है. अभी तक कर्ण सिंह ने किसी भी तरह की सरकारी मदद नहीं ली है. हालांकि जिला प्रशासन सरस मेलों में अब मंच मुहैया करवाने लगा है

Read Full Article at Source