Iran News: इजरायल के ताबड़तोड़ हमलों के बीच अब ईरान मोसाद की 'भूतिया आर्मी' को लेकर टेंशन में है. या ना वर्दी में दिखते हैं ना कोई हथियार लेकर चलते हैं लेकिन पूरी राजधानी इन्हीं के दम पर धुआं-धुआं हो रही है. हां, ये हैं इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने वाली ईरानी एजेंट्स. कल यानी 16 जून को ही ईरान ने मोसाद के लिए जासूसी के आरोप में एक शख्स को मार दिया. यह कोई इकलौता मामला नहीं है. खबर है कि पिछले कुछ दिनों में इजरायल के हमदर्द लोगों पर कार्रवाई की गई है. ईरानी अधिकारियों ने कई लोगों को जासूसी करने के आरोप में अरेस्ट भी किया है. आखिर ईरान इतना क्यों डरा हुआ है?
इसकी एक बड़ी वजह है. मोसाद ईरान में कितनी गहराई से घुसी हुई है उसका अंदाजा आप हालिया हमले की उस तस्वीर से लगा सकते हैं जिसमें एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के एक कमरे में सुराख करती हुई मिसाइल घुसी थी. यानी इजरायल ने सीधे बेडरूम को टारगेट किया था. उसके पास इतनी सटीक जानकारी थी. ईरान को इनसे खतरा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ये दुश्मन की तरह न तो दिखते हैं और ना कोई बर्ताव करते हैं. इन्हें पहचानना बेहद मुश्किल है. इन्हें ईरान में 'भूत' कह सकते हैं.
हाल में इजरायल ने तेहरान पर जिस तरह से सटीक हमले किए, उसमें सबसे बड़ी मोसाद के उन ऑपरेटिव्स की ही थी जो ईरान में मौजूद थे. कहा जा रहा है कि बड़ी तादाद में मोसाद के जासूस दुश्मन देश में काफी पहले से एक्टिव थे. ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमला और सैन्य अधिकारियों की हत्या आसान नहीं थी.
ईरान के खुफिया मंत्रालय ने मोसाद के एजेंट्स की धरपकड़ के लिए दिन-रात काम करना शुरू कर दिया है. वे आम जनता से भी मदद मांग रहे हैं कि कुछ भी संदिग्ध हरकत दिखे तो सूचना दें. गाइडलाइन जारी की गई है कि कैसे पता चलेगा कि संबंधित व्यक्ति दुश्मन देश का एजेंट है. मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि किसी भी अजनबी मास्क या चश्मा पहने शख्स से सतर्क रहें. पिकअप ट्रक और बड़े बैग ले जा रहे, सेना, इंडस्ट्री और रिहायशी इलाकों को शूट कर रहे लोगों के बारे में फौरन सूचना दें. कहा गया है कि ये एजेंट रात में भी हैट, चश्मा या मास्क लगाकर घूम रहे हैं.
सरकारी पोस्टरों में कहा गया है कि आसपास के घर से अजीब सी आवाज सुनाई दे- जैसे कोई चिल्ला रहा हो, कोई मेटल का उपकरण चल रहा है, दिन में भी परदे गिरे हों तो इसकी सूचना दें. हाल में किराये पर रहने आए लोगों की पहचान के लिए पुलिस तलाशी अभियान चला रही है.
ईरान के परमाणु केंद्रों पर इजरायली हमलों के बाद मोसाद के एजेंट्स को लेकर खौफ और बढ़ गया है. दरअसल, इन्हीं एजेंट्स के दम पर मोसाद ने हमले से बहुत पहले ही ड्रोन बेस तैयार कर लिए थे. इसके एजेंटों ने ही ईरानी मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम के पास गाइडेड हथियार सिस्टम तैनात किए थे. इन्हें ठीक उस समय एक्टिव किया गया था जब इजरायली वायु सेना ने अपने लक्ष्यों पर हमले करना शुरू कर दिया. मोसाद शीर्ष ईरानी सैन्य अधिकारियों की हत्या में भी शामिल था.