MIG 21: जाते-जाते ताकत दिखाएगा अपना 'सिकंदर', दिखेगी नारी शक्ति की झलक?

2 weeks ago

Last Updated:September 25, 2025, 12:02 IST

MIG 21 Ki Akhiri Udan: इंडियन एयरफोर्स के चंडीगढ़ एयरबेस से मिग-21 अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. इस उड़ान के दौरान मिग-21 के फार्मेशन की कमान इंडियन एयरफोर्स चीफ एपी सिंह के हाथों में होगी. इस दौरान, झुंझुनूं की स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी उनके साथ मिग-21 के फार्मेशन में शामिल होंगी.

 जाते-जाते ताकत दिखाएगा अपना 'सिकंदर', दिखेगी नारी शक्ति की झलक?

MIG 21 Ki Akhiri Udan: पिछले छह दशकों से आसमान में भारत की शान रहा मिग-21 सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट शुक्रवार को अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. इस ऐतिहासिक पल में सिर्फ मिग-21 को अलविदा नहीं कहा जाएगा, बल्कि भारतीय वायुसेना में नारी शक्ति की बढ़ती ताकत भी दुनिया को दिखेगी. इस मौके पर स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा, जो इंडियन एयरफोर्स की सातवीं महिला फाइटर पायलट हैं, जो मिग-21 को आखिरी बार आसमान की ऊंचाइयों में ले जाएंगी. इस दौरान, उनका साथ देने के लिए खुद एयर चीफ मार्शल एपी सिंह इस फ्लाइट फॉर्मेशन का हिस्सा होंगे.

यहां आपको बता दें कि दिसंबर 2018 में कमीशन हुईं स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा प्रिया शर्मा झुंझुनूं (राजस्‍थान) की बेटी हैं. 35 फाइटर पायलट्स के बैच में वह अकेली महिला थीं. मिग-21 की इस आखिरी उड़ान के साथ प्रिया का नाम भी इतिहास पन्‍नों में दर्ज हो जाएगा. मंगलवार को उन्होंने पांच अन्य मिग-21 पायलट्स के साथ इस समारोह की फुल-ड्रेस रिहर्सल में हिस्सा लिया. पिछले महीने स्क्वाड्रन लीडर प्रिया ने बीकानेर एयर फोर्स स्टेशन पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के साथ मिग-21 की आखिरी ऑपरेशनल मिशन में उड़ान भरी थी.

भारत के आसमान का सिकंदर रहा है मिग-21
सोवियत संघ (आज का रूस) में डिजाइन हुए मिग-21 का भारत में सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ था. अप्रैल 1963 में छह मिग-21 जेट्स की पहली खेप मुंबई से चलकर चंडीगढ़ पहुंची थी. तब विंग कमांडर दिलबाग सिंह ने इस मिशन को लीड किया था, जो बाद में इंडियन एयरफोर्स के चीफ बने. यहीं से इंडियन एयरफोर्स की पहली मिग-21 स्क्वाड्रन नंबर 28 की नींव पड़ी. इस सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट ने तमाम युद्धों में न केवल अपनी ताकत दिखाई, बल्कि इंडियन एयरफोर्स के पायलट्स को ट्रेन करने में भी अहम रोल निभाया.

भारत के पहले सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 ने 1965, 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की ताकत को दुनिया के सामने रखा. इसकी स्पीड, मैन्यूवरैबिलिटी और रिलायबिलिटी ने इसे ‘फ्लाइंग कॉफिन’ जैसे तमगों से परे एक लीजेंड बना दिया. 60 साल से ज्यादा समय तक इसने इंडियन एयरफोर्स के बैकबोन की तरह काम किया. हालांकि, समय के साथ इसके पुराने डिजाइन और सेफ्टी इश्यूज की वजह से इसे रिटायर करने का फैसला लिया गया. फिर भी, मिग-21 की कहानियां, इसके पायलट्स की बहादुरी और इसके मिशन्स हमेशा इंडियन एयरफोर्स के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखे जाएंगे.

एक भव्य समारोह में दी जाएगी आखिरी सलामी
कल यानी 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ में मिग-21 की विदाई का समारोह बेहद खास होगा. पैंथर्स के नाम से मशहूर 23वीं स्क्वाड्रन के छह मिग-21 जेट्स फ्लाइट फॉर्मेशन में हिस्सा लेंगे. इसके बाद इन जेट्स को वाटर कैनन सल्यूट दिया जाएगा, जो इंडियन एयरफोर्स की परंपरा का हिस्सा है. इस मौके पर डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और छह पूर्व इंडियन एयरफोर्स चीफ एवाई टिपनिस, एसपी त्यागी, पीवी नाइक, बीएस धनोआ, एस कृष्णस्वामी और आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

September 25, 2025, 12:02 IST

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