Indian Army Story: बचपन का सपना, पिता का वादा, सिपाही से बने Army Officer

5 hours ago

Last Updated:June 19, 2025, 10:02 IST

Indian Army Story: अगर आप किसी भी काम में सफल होना चाहते हैं, तो इरादे के साथ आपके हौसले भी बुलंद होने चाहिए. ऐसे ही एक शख्स सिपाही से ऑफिसर बन गए हैं.

 बचपन का सपना, पिता का वादा, सिपाही से बने Army Officer

Indian Army Story: सिपाही से बने लेफ्टिनेंट

हाइलाइट्स

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने.पिता और भाइयों से मिली देशभक्ति की प्रेरणा.गनर से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया.

Indian Army Story: अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता है. ऐसे ही हिमाचल प्रदेश के पुनीत मनकोटिया (Punit Mankotia) ने सेना में ऑफिसर बनकर अपने सपने को पूरा किया है. वह बचपन से ही ऑलिव ग्रीन वर्दी के प्रति आकर्षित थे. आज वे भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट हैं और ना केवल अपने बचपन के सपनों को साकार कर रहे हैं, बल्कि अपने परिवार और विशेष रूप से अपने पिता से किया गया वादा भी निभा रहे हैं.

परिवार से मिली देशभक्ति की प्रेरणा

भारतीय सेना में अफसर बने पुनीत मनकोटिया हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से ताल्लुक रखते हैं. उनका परिवार सेना की परंपरा से जुड़ा रहा है. उनके पिता, नायब सूबेदार के रूप में सिग्नल कोर से सेवानिवृत्त हुए, जिन्होंने उन्हें अनुशासन, कर्तव्य और सम्मान जैसे मूल्यों से परिचित कराया. उनके दोनों बड़े भाइयों ने भी सेना की वर्दी पहनी, जिससे यह सेवा भावना और भी गहरी होती गई. इन्हीं आदर्शों से प्रेरित होकर पुनीत ने फौज में करियर बनाने का निश्चय किया.

गनर से लेकर बेहतरीन इंस्ट्रक्टर तक का सफर

पुनीत ने दिसंबर 2009 में एक गनर के रूप में सेना में अपनी सेवा शुरू की. शुरुआत से ही उन्होंने उत्कृष्टता का परिचय दिया. स्कूल ऑफ आर्टिलरी, देवलाली में उन्होंने बेसिक और एडवांस दोनों कोर्स में पहला स्थान प्राप्त किया. बाद में वे 625 SATA बैटरी में कार्यरत रहे, फिर रेजिमेंटल हवलदार मेजर (RHM) बने और तकनीकी इंस्ट्रक्टर के रूप में भी सेवाएं दीं. इन सभी भूमिकाओं में उन्होंने नेतृत्व, समर्पण और कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन

वर्ष 2023 में पुनीत ने यूनाइटेड नेशन डिसेजमेंट ऑब्जर्वर फोर्स (UNDOF) के अंतर्गत सीरिया-इज़राइल सीमा पर सेवा की. वहां उनके कार्य और समर्पण को फ़ोर्स कमांडर की ओर से सराहना मिली, जो उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली एक बड़ी उपलब्धि थी.

हार नहीं मानी, बनी एक मिसाल

पुनीत हमेशा से सेना में अधिकारी बनना चाहते थे. उन्होंने स्पेशल कमीशन ऑफिसर्स (SCO) एंट्री के लिए दो बार प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी. तीसरी बार प्रयास करने पर वे सफल हुए और ऑफिसर बनने का उनका सपना पूरा हुआ. यह उनके धैर्य और कभी न रुकने वाले जज्बे का प्रमाण है.

एक नए अध्याय की शुरुआत

लेफ्टिनेंट के रूप में पुनीत की नियुक्ति केवल एक पदोन्नति नहीं, बल्कि एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत है. यह उस जवान की कहानी है, जिसने ज़मीन से सीखकर ऊंचाइयों को छुआ. अब वे भारतीय सेना की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए एक प्रेरणास्रोत के रूप में काम कर रहे हैं.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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Location :

Himachal Pradesh

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