दिल्ली हाईकोर्ट ने 600 साल पुरानी तोड़ी गई मस्जिद में रमजान की नमाज पढ़ने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. (फाइल फोटो)
Mehrauli Mosque Ramzan Namaz: दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने 30 जनवरी की सुबह महरौली में अखूंदजी मस्जिद और बहरुल उलूम ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : March 16, 2024, 12:39 ISTनई दिल्ली: इस साल 30 जनवरी को दक्षिण दिल्ली के महरौली इलाके में स्थित अखूंदजी मस्जिद और बहरूल उलूम मदरसे को बुलडोजर चलाकर जमींदोज़ कर दिया गया था. यह कार्रवाई DDA द्वारा की गई थी. अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल हाल ही में इस ढाहे गए मस्जिद में रमजान की नमाज पढ़ने को लेकर याचिका दायर की गई थी.
बार बेंच की रिपोर्ट के अनुसार महरौली में ध्वस्त हो चुकी 600 साल पुरानी अखूंदजी मस्जिद और अन्य मामले में रमज़ान के महीने के दौरान नमाज पढ़ने को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने 11 मार्च को यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि शब-ए-बारात के दौरान साइट पर प्रवेश के लिए इसी तरह की याचिका को पहले ही अस्वीकार कर दिया गया था.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा ‘इससे पहले दिए गए आदेश दिनांक 23.02.2024 में दिया गया तर्क वर्तमान आवेदन के संदर्भ में भी लागू होता है. इन परिस्थितियों में, इस न्यायालय के लिए अलग दृष्टिकोण अपनाने का कोई औचित्य नहीं है. इस प्रकार, यह न्यायालय वर्तमान आवेदन में मांगी गई राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है और परिणामस्वरूप इसे खारिज कर दिया गया है.’
किसने दायर की थी याचिका
रमजान की नमाज के लिए आवेदन मुंतज़मिया कमेटी मदरसा बहरूल उलूम और कब्रिस्तान द्वारा दायर किया गया था. गौरतलब है कि 23 फरवरी को, हाई कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की प्रबंध समिति द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि स्थानीय लोगों को उस भूमि पर शब-ए-बारात मनाने की अनुमति दी जाए जहां कभी अखूंदजी/अखूनजी मस्जिद, कब्रिस्तान और मदरसा हुआ करते थे. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने 30 जनवरी की सुबह महरौली में अखूंदजी मस्जिद और बहरुल उलूम मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया था.
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FIRST PUBLISHED :
March 16, 2024, 12:39 IST