CJI चंद्रचूड़ की नियुक्ति किसने रुकवा दी थी? बाद में बनाया खास रिकॉर्ड

1 month ago

जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़, 7 साल तक सीजेआई रहे.

जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़, 7 साल तक सीजेआई रहे.

जस्टिस चंद्रचूड़ की नियुक्ति पर बहुत बवाल हुआ. जब पहली बार उनका नाम जजशिप के लिए भेजा गया तो, सीजेआई बीपी सिन्हा के एक ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 2, 2024, 09:32 ISTEditor picture

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तमाम ऐसे मौके आए जब सीटिंग जजों के बीच तल्खी और मतभेद देखने को मिला. 70 और 80 के दशक में सुप्रीम कोर्ट में पहले जज और बाद में CJI रहने वाले जस्टिस पीएन भगवती और जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के तल्खी बहुत मशहूर है. जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ (Y.V. Chandrachud), मौजूदा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के पिता थे. वह सबसे लंबे समय तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे.

चंद्रचूड़ और भगवती की तल्खी की कहानी
बॉम्बे हाईकोर्ट के लॉयर और CJI डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ ने पेंगुइन से प्रकाशित अपनी किताब ”सुप्रीम व्हिस्परर्स” (Supreme Whispers) में अपने दादा वाईवी चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएन भगवती की प्रतिद्वंदिता पर विस्तार से लिखा है. अभिनव चंद्रचूड़ लिखते हैं कि पीएन भगवती (PN Bhagwati) , वाईवी चंद्रचूड़ (Y.V. Chandrachud) को कतई पसंद नहीं करते थे. दोनों के बीच तल्खी की शुरुआत बार के दिनों से हुई. चंद्रचूड़, भगवती से उम्र में बड़े थे और बतौर लॉयर भी सीनियर थे. उन्होंने अपना एनरोलमेंट, भगवती से पहले करवाया था.

हालांकि पीएन भगवती (Justice PN Bhagwati) के पिता एनएच भगवती बॉम्बे हाईकोर्ट के जज थे, जो आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट के जज भी बने. उन दिनों अफवाह थी कि सीनियर भगवती ऐसे वकीलों से कायदे से पेश नहीं आते थे, जो उनके बेटे पीएन भगवती के प्रतिद्वंदी थे. जुलाई 1960 में पीएन भगवती को नए-नए बने गुजरात हाई कोर्ट का जज बना दिया गया. उनकी नियुक्ति में जस्टिस एसटी देसाई की बहुत अहम भूमिका थी, जो गुजरात हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस थे और सीनियर भगवती के जिगरी दोस्त थे.

अभिनव चंद्रचूड़ (Abhinav Chandrachud) लिखते हैं कि जस्टिस एसटी देसाई ने भगवती के नाम की सिफारिश मई 1960 में उस वक्त की, जब सुप्रीम कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के लिए बंद था. उस वक्त चीफ जस्टिस गजेंद्रगाडकर छुट्टी पर थे, जो संभवत: भगवती का अप्वाइंटमेंट रोक देते. जब तक वह छुट्टी से वापस आए तब तक भगवती की नियुक्ति हो चुकी थी.

YV Chandrachud, YV Chandrachud, Abhinav Chandrachud, CJI DY Chandrachud Son, CJI DY Chandrachud Father, CJI DY Chandrachud Family, Justice Chandrachud Family, Supreme Court of India, SC, जस्टिस चंद्रचूड़, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, वाईवी चंद्रचूड़, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, अभिनव चंद्रचूड़,

वाईवी चंद्रचूड़ (फाइल फोटो)

किसने रोक दिया था चंद्रचूड़ का अप्वाइंटमेंट?
दूसरी तरफ वाई चंद्रचूड़ मार्च 1961 में बॉम्बे हाई कोर्ट के जज बनाए गए. हालांकि उनकी नियुक्ति में बहुत बवाल हुआ. पहले जब उनका नाम जजशिप के लिए भेजा गया तो, सीजेआई बीपी सिन्हा के एक बयान को आधार बनाते हुए होल्ड पर डाल दिया गया. दरअसल, जस्टिस बीपी सिन्हा बॉम्बे आए थे. उन्होंने एक कार्यक्रम में अपनी राय रखी कि किसी भी एडवोकेट की बार से बेंच में तब तक नियुक्ति नहीं होनी चाहिए जब तक वह 45 से 55 साल की उम्र का न हो.

बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के चीफ जस्टिस एचके चैनानी ने इसको एक अलिखित नियम मान लिया और चंद्रचूड़ का नाम आगे भेजने से इनकार कर दिया. जबकि तथ्य यह था कि जस्टिस बीपी सिन्हा ने भगवती के अपॉइंटमेंट पर भी कोई एतराज नहीं जाहिर किया था, जिनकी उम्र 38 साल थी और चंद्रचूड़ की उम्र 40 साल थी.

यह भी पढ़ें: CJI चंद्रचूड़ की कितनी सैलरी? मोटी तनख्वाह ही नहीं, ये खास सुख-सुविधाएं भी मिलती हैं

फिर कैसे हुई चंद्रचूड़ की नियुक्ति?
अभिनव चंद्रचूड़ लिखते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट के एक और जज जस्टिस पीबी गजेंद्रगाडकर को इस बात का पता चला तो उन्होंने फौरन सीजेआई बीपी सिन्हा को इसकी सूचना दी और कहा कि उनके बयान को आधार बनाकर चंद्रचूड़ का नाम होल्ड पर डाल दिया गया है. इसके बाद जस्टिस सिन्हा ने जस्टिस गजेंद्रगाडकर से कहा कि वह फौरन बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस चैनानी से चंद्रचूड़ का नाम आगे भेजने को कहें. आखिरकार इतनी कवायद के बाद वाईवी चंद्रचूड़ हाई कोर्ट के जज बन पाए.

सबसे ज्यादा वक्त तक CJI रहे
हाईकोर्ट के बाद जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और फरवरी 1978 में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने. उनके नाम सबसे ज्यादा वक्त तक सीजेआई रहने का रिकॉर्ड भी है. 7 साल तक भारत का मुख्य न्यायाधीश रहने के बाद जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ जुलाई 1985 में रिटायर हुए.

.

Tags: DY Chandrachud, Justice DY Chandrachud, Supreme court of india

FIRST PUBLISHED :

March 2, 2024, 09:32 IST

Read Full Article at Source