Last Updated:September 25, 2025, 15:19 IST
Bihar Chunav: बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनावी प्रभारी बनाकर महागठबंधन को सीधी चुनौती दे दी है. प्रधान बीजेपी के सबसे सफल रणनीतिकारों में से एक हैं. क्या बीजेपी का यह दांव राहुल गांधी के अति पिछड़ा आरक्षण वाले दांव और तेजस्वी यादव की युवा अपील को तोड़ने में कामयाब होगी?

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने से पहले ही बीजेपी ने अपनी सबसे बड़ी और सटीक चाल चल दी है. पार्टी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनावी प्रभारी बनाकर महागठबंधन के नेताओं राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के सामने अपना सबसे बड़ा ‘धुरंधर’ उतार दिया है. धर्मेंद्र प्रधान को राजनीतिक रणनीति और चुनावी प्रबंधन का मास्टर माना जाता है. प्रधान पहले भी बिहार के प्रभारी रह चुके हैं. कई राज्यों के चुनावी प्रभारी रह कर बीजेपी को जीत दिला चुके हैं. धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनावी प्रभारी बनाना बीजेपी की तरफ से एक स्पष्ट संदेश है कि वह इस चुनाव को किसी भी हाल में गंवाना नहीं चाहती. इसके साथ ही धर्मेंद्र प्रधान का बिहार के साथ लंबा जुड़ाव के साथ-साथ सीएम नीतीश कुमार के साथ नजदीकियां भी अहम रोल अदा किया. ऐसे में बड़ा सवाल धर्मेद्र प्रधान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आऱेजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव के सामने कितने कारगर साबित होंगे? क्या राहुल गांधी का ईबीसी पॉलिटिक्स की काट धर्मेद्र प्रधान हैं?
धर्मेंद्र प्रधान अपने अनुभव और संगठन की ताकत से बिहार की जटिल जाति की राजनीति और राजनीतिक तिलिस्म को तोड़ने आए हैं. प्रधान के बनाए ‘चक्रव्यूह’ में राहुल-तेजस्वी उलझ जाएंगे? धर्मेंद्र प्रधान का व्यक्तिगत तौर पर बिहार से सीधा संबंध भले ही न हो, लेकिन पूर्वी भारत की राजनीति पर उनकी गहरी पकड़ है. उनकी रणनीति के केंद्र में हमेशा संगठन की शक्ति और लाभार्थी वर्ग को साधना रहा है. प्रधान का सबसे बड़ा ‘चक्रव्यूह’ संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करना होगा. राहुल-तेजस्वी की भावनात्मक और चुनावी रैलियों की भीड़ को वह बीजेपी के मजबूत बूथ प्रबंधन और कार्यकर्ता शक्ति से मात देने की कोशिश करेंगे.
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी कैसे करेंगे मुकाबला?
बीजेपी का बिहार में बड़ा दांव
राहुल गांधी ने हाल ही में 36 प्रतिशत अति पिछड़ा आरक्षण का दांव खेलकर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश की है. प्रधान इस दांव का जवाब केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना के ‘लाभार्थी वर्ग’ को गोलबंद करके देंगे. वह जाति से ऊपर उठकर ‘विकास’ और ‘राष्ट्रवाद’ के मुद्दों को केंद्र में लाने की कोशिश करेंगे.
राहुल-तेजस्वी के लिए बड़ी चुनौती
धर्मेंद्र प्रधान की नियुक्ति सीधे तौर पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की युवा और आक्रामक जोड़ी के लिए एक बड़ी चुनौती है. प्रधान, तेजस्वी यादव की युवा अपील को दरकिनार करते हुए पीएम मोदी के युवा अनुभवी और निर्णायक नेतृत्व को बिहार के युवाओं के सामने रखेंगे. इसके साथ ही प्रधान की रणनीति महागठबंधन की अंदरूनी कलह जैसे पप्पू यादव विवाद और सीट बंटवारे पर नाराजगी को हवा देने की होगी, ताकि राहुल-तेजस्वी को अपनी एकता बनाए रखने में ही ऊर्जा खर्च करनी पड़े.
धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी रणनीतियों से पहले भी कई बार विपक्ष को घेरने में सफलता हासिल की है.
कुलमिलाकर धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी रणनीतियों से पहले भी कई बार विपक्ष को घेरने में सफलता हासिल की है. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या वे कांग्रेस के राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव के चक्रव्यूह में विपक्ष को फंसा पाएंगे? बिहार की सियासी राजनीति में धर्मेंद्र प्रधान की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि वे स्थानीय मुद्दों को बखूबी समझते हैं और युवाओं के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. साथ ही नीतीश कुमार, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा से भी उनके रिश्ते अच्छे हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
September 25, 2025, 15:19 IST