Afghanistan News: तालिबान ने महिलाओं के लिए जारी किया ऐसा क्रूर फरमान, जानकर आपकी भी रूह कांप उठेगी

1 month ago

Afghanistan Taliban : अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति पहले से ही बहुत अच्छी नहीं थी. वहां महिलाओं पर अत्याचार और उनका शोषण आम बात थी. लेकिन, अब तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा का एक नया फरमान सामने आया है, जिससे साफ हो गया है कि अफगानिस्तान में महिलाओं की जिंदगी नर्क से भी बदतर होने वाली है.

खुली हवा में सांस लेना हुआ दूभर

जिंदगी दोजख कैसे बन जाती है ये कोई अफगानिस्तान की महिलाओं से पूछे. हर पल खौफ के साए में कैसे जीना पड़ता है ये कोई अफगानिस्तान की औरतों से पूछे. वो अफगानिस्तान जहां औरतों की आज़ादी पर्दे में कैद है. घर से अकेले बाहर निकलना दूभर है. काम करने पर प्रतिबंध है और खुली हवा में सांस लेना मना है. वजह है सिर्फ और सिर्फ एक....तालिबान.

तालिबान ने सुनाया एक और क्रूर फरमान

अमेरिकी सेना के लौटने के बाद अफगानिस्तान में जब तालिबान ने सत्ता सभाली, तो आश्वासन दिया था कि वो महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं करेगा. बावजूद इसके हर रोज़ महिलाओं के अधिकारों को रूढ़िवादी और कट्टर सोच रूपी बूटों तले रौंदा जा रहा है. हर रोज़ औरतों को सिसकने पर मजबूर किया जा रहा है. और इसका सबूत है महिलाओं के खिलाफ सुनाया गया तालिबान का एक और नया फरमान.

'गैर-मर्द के साथ संबंध बनाया तो कर दी जाएगी हत्या' 

तालिबान के सुप्रीम लीडर मुल्ला हिबातुल्लाह अखुंदजादा ने एक ऑडियो मेसेज जारी किया है. इस ऑडियो मेसेज में अखुंदजादा ने कहा है कि तालिबानी शासन अफगानिस्तान में शरिया वापस लाकर रहेगा. यही नहीं तालिबान ने फरमान सुनाया है कि जो भी महिला पति के अलावा किसी दूसरे पुरुष के साथ संबंध बनाने के मामले में दोषी पाई गई, उसे सरेआम कोड़े मारे जाएंगे और पत्थरों से मार-मारकर उसकी हत्या कर दी जाएगी.

अफगानिस्तान की आधी आबादी को तालिबान का ये नया फरमान मानना ही होगा. ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने इससे पहले तालिबान के दूसरे फरमान सिर झुका कर कबूल किए थे. आपको बता दें कि अफगानिस्तान में लड़कियों की स्कूली शिक्षा पर रोक लगा दी गई है. ज्यादातर नौकरियों से महिलाओं को निकालकर उनकी जगह पुरुषों को रख लिया गया है. महिलाओं के ब्यूटी पार्लर जाने और खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

औरतों के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य

तालिबान ने महिलाओं के पार्क जाने समेत, जिम, स्विमिंग पूल और स्पोर्ट्स क्लब जाने पर भी पूरी तरह से रोक लगा रखी है. महिलाओं को अकेले यात्रा करने की इजाज़त नहीं है. अफगानिस्तान में औरतों का बुर्का पहनना अनिवार्य है जो उनके पूरे शरीर को ढक कर रखे. अगर औरतों ऐसा नहीं करतीं तो उनके परिवार के मर्दों को जेल में डाला सकता है. 

'महिलाओं को केवल महिला डॉक्टर देखेंगी'

तालिबानी फरमान के मुताबिक औरतों को सिर्फ महिला डॉक्टर ही देखेंगी. जबकि हाल ये है कि अफगानिस्तान के अस्पतालों में बहुत कम महिला डॉक्टर हैं. यही नहीं डॉक्टर भी उन पाबंदियों से आजाद नहीं हैं जो बाकी महिलाओं पर लागू होती हैं.

घुटन भरी जिंदगी जीने को मजबूर

जहां दुनिया के ज्यादातर देशों में महिलाओं को समान अधिकार हासिल हैं. जिंदगी अपने हिसाब से जीने की आजादी है. औरतें मर्दों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में काम कर रही हैं. अपनी जिंदगी को नया आयाम दे रही हैं. वहीं अफगानिस्तान में शरिया को ज़रिया बनाकर तालिबान महिलाओं पर प्रतिबंधों का बोझ लादता जा रहा है. औरतें इस बोझ तले दबती चली जा रही हैं. वो घुटन भरी जिंदगी जीने और तालिबान के अत्याचार सहने को मजबूर हो गई हैं. 

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