Last Updated:July 26, 2025, 10:20 IST
CJI BR Gavai News: सीजेआई बीआर गवई ने बिना वकीलों को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि लालफीताशाही के मामले में सरकार और कोर्ट की समान स्थिति है सीजेआई ने साथ ही यह भी बताया कि वह रिटायरमेंट के बाद क्या क...और पढ़ें

हाइलाइट्स
CJI बीआर गवई ने ज्यूडिशियरी का डिसेंट्रालाइजेशन करने की सलाह दीCJI बोले- लालफीताशाही के मामले में कोर्ट और सरकार की समान स्थितिदेश के प्रधान न्यायाधीश ने अपने गृह जिले में वकीलों पर की बड़ी टिप्पणीअमरावती (महाराष्ट्र). भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई अपने गृह जिले अमरावती में हैं. उन्होंने जिले के दरियापुर शहर में कोर्ट बिल्डिंग का उद्घाटन करने के मौके पर बड़ी बात कही. उन्होंने न्यायपालिका, सरकार और वकीलों पर खासकर टिप्पणी की है. जूनियर वकीलों को सलाह देते हुए सीजेआई ने कहा कि वकालत के क्षेत्र में कॅरियर बनाने से पहले उन्हें अप्रेंटिसशिप (ट्रेनिंग) करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो वकील छह महीने के कॅरियर में ही मर्सिडीज या BMW का मालिक बन जाए तो लोगों को उनके मोटिव को समझना होगा. सीजेआई गवई ने आगे कहा कि कोर्ट और सरकार में एक समान लालफीताशाही है. साथ ही उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी के डिसेंट्रालाइजेशन के जरिये जरूरतमंदों के दरवाजे तक न्याय को पहुंचाया जा सकता है.
CJI गवई ने शुक्रवार को कहा कि न्यायपालिका के विकेंद्रीकरण की ज़रूरत है, ताकि आम नागरिकों को उनके द्वार पर ही न्याय मिल सके. वे महाराष्ट्र के अमरावती जिले के दरीयापुर में एक नए कोर्ट बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. यह अवसर उनके पिता और पूर्व राज्यपाल आरएस गवई की 10वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा था. CJI गवई ने कहा कि ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने देशभर में नए तालुका और जिला न्यायालयों की स्थापना का एक मॉडल तैयार किया है. उन्होंने बताया, ‘इस दिशा में काम हो रहा है, लेकिन अदालतों और सरकारों में लालफीताशाही अब भी वैसी ही है.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस समारोह में भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में नहीं, बल्कि अमरावती जिले के निवासी के तौर पर उपस्थित हैं. सीजेआई ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पूर्व मुख्यमंत्रियों (एकनाथ शिंदे (2022-2024) और उद्धव ठाकरे (2019-2022)) की सराहना करते हुए कहा कि इन सभी ने राज्य में न्यायिक आधारभूत संरचना के विकास को लेकर सकारात्मक सहयोग दिया है और इस दिशा में पर्याप्त फंड उपलब्ध कराई गई है.
नए वकीलों को सलाह के साथ नसीहत
नए वकीलों और कानून स्नातकों को सलाह देते हुए CJI गवई ने कहा कि वे सीधे अदालतों में दलील देने की बजाय सीनियर वकीलों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण (apprenticeship) लें. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई छह महीने में मर्सिडीज या बीएमडब्ल्यू का मालिक बन जाता है तो उन्हें अपने इरादे पर दोबारा विचार करना चाहिए.’ उन्होंने नए वकीलों से आग्रह किया कि वे पेशे में आए सामाजिक सम्मान को अहंकार में न बदलें. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘मैंने देखा है कि कुछ जूनियर वकील अपने सीनियर्स को बैठने की जगह नहीं देते. एक बार एक जूनियर वकील जज की फटकार से अदालत में ही बेहोश हो गया था.’ उन्होंने कहा कि जज और वकील दोनों न्याय प्रक्रिया के साझेदार हैं और उनके बीच सम्मान बना रहना चाहिए.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
Amravati,Maharashtra
6 महीने में ही मर्सिडीज का मालिक...CJI गवई बोले- इनका मोटिव समझने की जरूरत