Last Updated:June 13, 2025, 10:53 IST
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे में 265 मौतों ने हरियाणा के चरखी दादरी की 1996 की विमान दुर्घटना की यादें ताजा कर दीं, जिसमें 349 लोग मारे गए थे. सऊदी अरब और कजाकिस्तान के विमान टकराए थे.

29 साल पहले हुए विमान हादसे की तस्वीरें.
हाइलाइट्स
अहमदाबाद विमान हादसे में 265 लोगों की मौत1996 में चरखी दादरी हादसे में 349 लोग मारे गए थेतत्कालीन पीएम एचडी देवगौड़ा और सीएम बंशीलाल पहुंचे थेचरखी दादरी. गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिय़ा के विमान हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हादसे ने हरियाणा में इसी तरह के विमान हादसे की यादें ताजा कर दी हैं. हालांकि, तब दो विमान आपस में टकरा गए थे और 349 लोगों की मौत हो गई थी.
जानकारी के अनुसार, वो विमान दुर्घटना के बाद आज से 29 वर्ष पहले 12 नवम्बर 1996 को हरियाणा के चरखी दादरी के पास पेश आई थी. आसमान में दो विमानों की टक्कर से बिजली कौंधी और पलभर में 349 लोग अकाल मौत के शिकार हो गए. सऊदी अरब का जहाज और कजाकिस्तान के विमान से टकार गया था.
इस हादसे को याद कर चरखी दादरी के लोगों की रूंह कांप जाती हैं. लोग भागते हुए मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ शव ही शव पड़े मिले. विमान हादसे का वह मंजर याद कर दादरीवासी आज भी सिहर उठते हैं. 12 नवम्बर 1996 की उस शाम को लोग आज भी याद करते हैं.
दरअसल चरखी दादरी से पांच किलोमीटर दूर गांव टिकान कलां और खेड़ी सनसनवाल के समीप सऊदी अरब का मालवाहक विमान और कजाकिस्तान एयरलाइंस का यात्री विमान टकरा गए थे.
स्थानीय लोगउस दिन को याद कर बताते हैं कि किस्सा जाड़े (सर्दियों) का मौसम था और उस दिन आसमान खुला और साफ भी था. शाम के करीब 7 बजे अचानक उनके आसपास खेतों में आग के गोले बरसने लगे. लोग घबराकर घरों के बाहर भागे. ग्रामीण आशंका से भर गए. लेकिन तभी खेतों की ओर से कुछ ग्रामीण बदहवास दौड़ते आते दिखाई दिए. ये एक भीषण विमान हादसा था, जो कुछ ही घंटों बाद दुनियाभर में देश की बदनामी का बड़ा कारण बन गया. हादसे के बाद उनके खेतों की जमीन बंजर हो गई और करीब दस किलोमीटर के दायरे में दोनों विमानों के अवशेष और लाशों बिखर गई थी.
मौके के विडियो और फोटो भी बनाए, जिन्हें देख आज भी रूंह कांप जाती हैं.
प्रत्यक्षदर्शी और वरिष्ठ पत्रकार दयानंद प्रधान ने बताया कि आसमान में आग के गोले बरसते देख मौके की ओर दौड़े तो जानकारी मिली कि दो विमान आपस में टकराए हैं. चारों तरफ लाशें पड़ी हुई थी. आसमान में गोले बरसने की सूचना पर सबसे पहले वे स्वयं मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी थी. मौके के विडियो और फोटो भी बनाए, जिन्हें देख आज भी रूंह कांप जाती हैं.
प्रत्यक्षदर्शी और वरिष्ठ पत्रकार दयानंद प्रधान ने बताया कि आसमान में आग के गोले बरसते देख मौके की ओर दौड़े.
प्रत्यक्षदर्शी महासिंह ठेकेदार ने बताया कि वह झज्जर से अपने गांव मौड़ी में जीप से आ रहे थे. दादरी में एंट्री की तो आसमान में बिजली कौंधी, अचानक तेज आवाज के साथ गोले बरसने शुरू हो गए. वह तुरंत जीप लेकर मौके पर पहुंचे तो चारों तरफ बुरा हाल था. शव पेड़ों पर लटके हुए थे और तुरंत चार लोगों को जीप में डालकर अस्पताल पहुंचाया और वापिस मौके पर आकर देखा तो मंजर देख रूंक कांप उठी. किसी भी यात्री को नहीं बचाने का दर्द है.
तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा व मुख्यमंत्री बंशीलाल भी हादसा स्थल पर पहुंचे थे.
मौके पर पहुंचे थे तत्कालीन पीएम व सीएम
चरखी दादरी में उस समय के विश्व के सबसे बड़े विमान दुघर्टना 12 नवंबर 1996 में हुई थी. हादसा ऐसा भयानक था कि अधकांश शवों की पहचान नहीं हुई. तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा व मुख्यमंत्री बंशीलाल भी हादसा स्थल पर पहुंचे थे. उस समय जहां अस्पताल में शवों के ढेर लगे थे. वहीं सामाजिक संस्थाओं ने भी सहयोग किया था. बाद में शवों को जेसीबी की सहायता से दफनाया गया. कब्रिस्तान में आज भी विदेशों से लोग अपनों को याद करने पहुंचते हैं.
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...
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Location :
Charkhi Dadri,Bhiwani,Haryana