Last Updated:September 20, 2025, 12:09 IST
केरल हाईकोर्ट ने मुस्लिमों के निकाह को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कुरान का भी हवाला दिया है. इसमें कोर्ट ने मुस्लिमों के बहु विवाह को लेकर टिप्पणी की है.

How Many Wives Can Muslim Have: केरल हाईकोर्ट ने मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहु विवाह/निकाह पर टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ से लेकर कुरान तक का हवाला दिया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुरान के पाठ का हवाला देते हुए कहा कि भले ही मुस्लिम पर्सनल लॉ आपको चार पत्नी रखने की इजाजत देता है, लेकिन कुरान में लिखा हुआ मानना होगा. इसके कुरान के आयतों का हवाला दिया है.
कोर्ट ने कहा कि भले ही पर्सनल लॉ मुस्लिमों को एक से अधिक विवाह की अनुमति देता है, लेकिन यह पति की प्रत्येक पत्नी को न्याय सुनिश्चित करने की क्षमता पर निर्भर करता है. कुरान की आयतों का हवाला देते हुए, कोर्ट ने यह भी कहा कि जो व्यक्ति दूसरी या तीसरी पत्नी का भरण-पोषण करने में असमर्थ है, उसे दोबारा शादी करने का अधिकार नहीं है.
भीख मांगने वालों पर कोर्ट
न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने समाज कल्याण विभाग की याचिका पर यह फैसला सुनाया. इस याचिका में पलक्कड़ के एक नेत्रहीन व्यक्ति भीख मांगकर अपनी आजीविका चलाता है. मगर वह तीसरी शादी करने जा रहा था. याचिका में कोर्ट से उसे तीसरी शादी से रोकने के लिए मदद की मांग की गई थी. इसके लिए याचिकाकार्ता ने कहा कि कोर्ट धार्मिक नेताओं सहित उन सक्षम लोगों से बात करें, जो उसे शादी करने से रोक सकें.
क्या है मामला?
मलप्पुरम के रहने वाले एक शख्स की दूसरी पत्नी ने एक फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाई है. उसने अपने भिखारी पति से भरण-पोषण के दावे को खारिज किए जाने के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. महिला ने कोर्ट से कहा था कि शुक्रवार को मस्जिदों के बाहर भीख मांगकर लगभग 25,000 रुपये प्रति माह कमाता है, लेकिन फैमिली कोर्ट ने यह कहते हुए उसके दावे को खारिज कर दिया कि एक भिखारी को भरण-पोषण देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
तलाक की धमकी
महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने उसे तलाक देने की धमकी दी थी. वह दोबारा शादी करने की तैयारी में था. हालांकि, कोर्ट ने उसके शारीरिक शोषण और अदालत ने शारीरिक हमले के आरोप को स्वीकार नहीं किया, यह तर्क देते हुए कि जब तक महिला उसके सामने आत्मसमर्पण नहीं करती, तब तक ऐसा होने की संभावना नहीं है, और भरण-पोषण के दावे पर पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखा.
मुस्लिम कानून कहता है…
पत्नी ने अपने पति पर तीसरी शादी का आरोप लगाया. पति ने कोर्ट में सफाई देते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ उसे चार शादी करने की इजाजत देता है. हालांकि, अदालत ने उसकी बात को दरकिनार कर दिया. कोर्न ने कहा कि जिस व्यक्ति के पास दो और पत्नियों का भरण-पोषण करने के साधन नहीं हैं, वह दोबारा शादी नहीं कर सकता. अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने भी उस व्यक्ति से तब शादी की थी जब उसकी पहली शादी चल रही थी.
ज्ञान और शिक्षा जरूरी
पीठ ने कहा कि ऐसी शादियां अक्सर मुस्लिम पर्सनल लॉ के बारे में शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण होती हैं. अदालत ने कहा कि जब पति अपनी पत्नियों का भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं होता, तो अदालतें लगातार शादियों को मंजूरी नहीं दे सकतीं. यह देखते हुए कि केरल में अधिकांश मुसलमान एक विवाह का पालन करते हैं, अदालत ने कहा कि बहुविवाह का पालन करने वाले अल्पसंख्यकों को धार्मिक नेताओं और समाज द्वारा शिक्षित किया जाना चाहिए.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
Thiruvananthapuram,Kerala
First Published :
September 20, 2025, 12:09 IST