जाकिर नाइक को तुरंत भारत के हवाले कर देंगे... मलेशिया के राजदूत ने दिया भरोसा

2 days ago

Last Updated:October 07, 2025, 17:02 IST

मलेशिया ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर भारत को कानूनी प्रक्रिया के तहत सहयोग का भरोसा दिया है. आसियान शिखर सम्मेलन में यह मुद्दा उठ सकता है. मामला अदालत में लंबित है.

जाकिर नाइक को तुरंत भारत के हवाले कर देंगे... मलेशिया के राजदूत ने दिया भरोसाUP Awaidh Dharmantran: छांगुर बाबा ज़ाकिर नाईक के इशारे पर चला रहा था अवैध धर्मांतरण का रैकेट

मलेशिया ने भारत को जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर पूरा भरोसा दिया है. मलेशिया के भारत में उच्चायुक्त दातो मुजाफर शाह मुस्तफा ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत मलेशिया पूर्ण सहयोग करेगा. लेकिन उन्होंने साफ किया कि यह सब कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया से ही होगा. उच्चायुक्त का यह बयान ऐसे समय आया है जब इस महीने के अंत में कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन होने वाला है, जहां भारत और मलेशिया के नेता कई मुद्दों पर बात करेंगे.

जाकिर नाइक भारत के ख‍िलाफ बयानबाजी के ल‍िए जाना जाता है. उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, नफरत फैलाने और युवाओं को उग्रवाद की ओर भड़काने के गंभीर आरोप हैं. 2016 में भारत छोड़ने के बाद वह मलेशिया पहुंचा था, जहां उन्हें स्थायी निवास मिल गया. भारत ने 2018 से उसका प्रत्यर्पण मांग रहा है, लेकिन मलेशिया की अदालत में मामला अटका हुआ है. उच्चायुक्त मुजाफर शाह ने ने कहा, हमारे पास भारत के साथ द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है. प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है. जाकिर नाइक का केस मलेशिया की अदालत में चल रहा है और फैसला न्यायिक विचार के आधार पर होगा.

भारत जो कारण देगा, मानेंगे

मलेश‍िया के राजदूत ने कहा, भारत सरकार जो भी सबूत या कारण देगी, उसके आधार पर ही आगे बढ़ा जाएगा. लेकिन मलेशिया सरकार का इसमें कोई सीधा दखल नहीं है. यह बयान मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के अगस्त 2024 के भारत दौरे के बाद आया है. तब उन्होंने कहा था कि अगर भारत ठोस सबूत देगा, तो प्रत्यर्पण पर विचार किया जाएगा. अब उच्चायुक्त का बयान उसी दिशा में सकारात्मक संकेत देता है. जाकिर नाइक का मामला भारत-मलेशिया रिश्तों में लंबे समय से रुकावट बना हुआ है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2017 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. आरोप है कि उनके भाषणों ने 2016 के बांग्लादेश हमले को प्रेरित किया. एनआईए ने उग्रवाद भड़काने, सांप्रदायिक नफरत फैलाने और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए. भारत ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस भी मांगा, लेकिन तीन बार असफल रहा क्योंकि सबूत पर्याप्त नहीं माने गए.

मलेश‍िया ने दी है शरण

मलेशिया ने नाइक को शरण दी, लेकिन भारत की मांग को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया. 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा था कि मलेशिया को प्रत्यर्पण से इनकार का हक है. लेकिन अनवर इब्राहिम की सरकार ने नरमी दिखाई. अगस्त 2024 में उन्होंने कहा, अगर भारत सबूत देगा, तो हम हिचकिचाएंगे नहीं. उच्चायुक्त का ताजा बयान भी यही दोहराता है कि सहयोग होगा, लेकिन कानून के दायरे में. भारत सरकार ने जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण को प्राथमिकता दी हुई है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत प्रक्रिया चल रही है. एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मलेशिया को कई दस्तावेज भेजे हैं. ईडी ने 2019 में मुंबई कोर्ट से नॉन-बेलेबल वारंट मांगा था. उसके बाद इंटरपोल से मदद ली गई, लेकिन मलेशिया ने कहा कि मामला अदालत में है.

भारत मलेश‍िया के र‍िश्ते नई ऊंचाई पर

उच्चायुक्त मुजाफर शाह ने साक्षात्कार में भारत-मलेशिया संबंधों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हाल के प्रधानमंत्री के भारत दौरे ने रिश्तों को नई ऊंचाई दी. दोनों देश अब व्यापक रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं. व्यापार, सुरक्षा और लोगों के संपर्क में इजाफा हो रहा है. 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया. आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अनवर इब्राहिम के बीच यह मुद्दा उठ सकता है. जाकिर नाइक मलेशिया में अभी भी सक्रिय हैं. वे वहां धार्मिक सभाएं आयोजित करते हैं और सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स के साथ जुड़े रहते हैं. मलेशिया में उन्हें कुछ समुदायों में लोकप्रिय माना जाता है, लेकिन विवाद भी साथ चलता रहता है. भारत में उनके भाषणों को नफरत भरी हेट स्पीच कहा जाता है. एनआईए का दावा है कि नाइक की ‘पर्सनालिटी कल्ट’ ने कई युवाओं को गुमराह किया.

बयान क्‍यों बड़ी बात

विशेषज्ञों का मानना है कि मलेशिया का यह रुख सकारात्मक कदम है. पूर्व राजनयिक एन.के. सिंह ने कहा, “कानूनी प्रक्रिया का जिक्र अच्छा संकेत है. भारत को मजबूत सबूत पेश करने चाहिए.” लेकिन कुछ आलोचक कहते हैं कि मलेशिया राजनीतिक दबाव में नहीं आएगा. मुस्लिम बहुल मलेशिया में नाइक को अल्पसंख्यक अधिकारों से जोड़ा जाता है. सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ी हुई है. एक पोस्ट में लिखा गया, “मलेशिया ने कहा कि संधि के तहत सहयोग करेंगे, लेकिन कानूनी प्रक्रिया जरूरी.

जयशंकर ने क्‍या कहा था?

भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रत्यर्पण में कोई जल्दबाजी नहीं होगी. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में संसद में बताया कि कई देशों के साथ ऐसे केस चल रहे हैं. जाकिर नाइक का मामला उनमें अहम है. अगर मलेशिया सहयोग करता है, तो यह भारत की बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत होगी. यह बयान भारत-मलेशिया के मजबूत होते रिश्तों में नया अध्याय जोड़ता है. दोनों देश दक्षिण-पूर्व एशिया में सहयोग बढ़ा रहे हैं. लेकिन जाकिर नाइक का केस अभी सुलझा नहीं. मलेशिया की अदालत का फैसला निर्णायक साबित होगा. उच्चायुक्त ने अंत में कहा, “हमारे संबंध मजबूत हैं. यह मुद्दा उन्हें प्रभावित नहीं करेगा.

Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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Delhi,Delhi,Delhi

First Published :

October 07, 2025, 17:02 IST

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