Last Updated:August 25, 2025, 17:23 IST
केंद्र सरकार ने ओणम त्योहार के मद्देनजर केरल के सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अगस्त की सैलरी और पेंशन एडवांस में दी है, जिससे बीजेपी को राजनीतिक लाभ मिल सकता है.

केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए केरल में काम करने वाले सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बैंक खातों में एडवांस में सैलरी और पेंशन डाल दी है. यह भुगतान अगस्त माह की पूरी सैलरी और पेंशन का है, जिसे एडवांस पेमेंट की तरह माना जाएगा. केंद्र ने इसके लिए रिजर्व बैंक और सभी सरकारी दफ्तरों को निर्देश जारी कर दिए हैं. इस फैसले को बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि केरल में बीजेपी अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही है.
क्यों दिया गया एडवांस पेमेंट?
असल में यह कदम केरल के सबसे बड़े और पारंपरिक त्योहार ओणम के मद्देनजर उठाया गया है. ओणम फसल कटाई से जुड़ा त्योहार है और इसे पूरे राज्य में धूमधाम से मनाया जाता है. इस मौके पर लोगों को घर की सजावट, पूजा, खरीदारी और विशेष भोज (ओणम साध्या) का आयोजन करना पड़ता है. परंपरा है कि परिवार के सभी सदस्य चाहे जहां हों, त्योहार पर घर लौटते हैं और जमकर खर्च होता है. ऐसे में केंद्र ने कर्मचारियों की सुविधा को देखते हुए अगस्त की सैलरी/पेंशन एडवांस में जारी की, ताकि त्योहार से पहले ही उनके पास पर्याप्त पैसा उपलब्ध हो.
किसे होगा फायदा
सभी केंद्रीय कर्मचारी, वेतनभोगी और पेंशनधारक जो केरल में काम कर रहे हैं, उन्हें इसका फायदा मिलेगा. अगस्त की पूरी सैलरी/पेंशन एडवांस में दी गई, जिसे बाद में नियमित भुगतान माना जाएगा. वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि सभी विभाग तुरंत इसका पालन करें. रिजर्व बैंक से कहा गया कि यह आदेश सभी बैंकों की शाखाओं तक पहुँचाया जाए, ताकि कोई देरी न हो.
सिर्फ सुविधा या राजनीति?
सवाल यह है कि क्या यह कदम केवल कर्मचारियों की सुविधा के लिए है, या इसके पीछे राजनीतिक संदेश भी छिपा है? केरल में बीजेपी अभी तक मजबूत जनाधार नहीं बना पाई है. राज्य की राजनीति पर अब भी वामपंथी दल और कांग्रेस का दबदबा है. लेकिन ओणम जैसे सांस्कृतिक उत्सव में सीधे दखल देकर और कर्मचारियों को राहत देकर बीजेपी सकारात्मक छवि बनाना चाहती है. यह संदेश देने की कोशिश है कि केंद्र सरकार हर त्योहार, हर समुदाय की परवाह करती है.
क्यों खास है केरल?
दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी को सबसे मुश्किल केरल में पांव जमाने में आ रही है. यहां पर धार्मिक ध्रुवीकरण का असर अपेक्षाकृत कम है और मतदाता परंपरागत तौर पर या तो लेफ्ट (LDF) या कांग्रेस (UDF) के साथ रहते आए हैं. बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनावों में राज्य में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई बड़े अभियान चलाए, लेकिन अभी भी उसे कोई खास सफलता नहीं मिली है. ऐसे में त्योहार के मौके पर उठाया गया यह कदम साफ्ट पॉवर के रूप में देखा जा सकता है.
अमन शर्मासीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स)
CNN News18 में सीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स) अमन शर्मा News18.com के ब्यूरो चीफ है. इन्हें PMO समेत देश की बड़ी राजनीतिक गतिविधियों की कवरेज का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है. राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी पकड़ रखते हैं...और पढ़ें
CNN News18 में सीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स) अमन शर्मा News18.com के ब्यूरो चीफ है. इन्हें PMO समेत देश की बड़ी राजनीतिक गतिविधियों की कवरेज का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है. राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी पकड़ रखते हैं...
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
August 25, 2025, 17:23 IST