Last Updated:November 12, 2025, 16:56 IST
Hyderabad News: लाल किला धमाके के बाद देश में बढ़ी चौकसी के बीच हैदराबाद एयरपोर्ट पर CISF ने अबू धाबी से आए दो यात्रियों से 1.4 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए. यात्रियों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे. सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं कि इन ड्रोन को भारत लाने का मकसद क्या था.
एयरपोर्ट पर जांच में खुलासा हुआ. नई दिल्ली. लाल किला धमाके के बाद जब पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियां हाई-अलर्ट पर हैं. इसी बीच हैदराबाद एयरपोर्ट से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. सीआईएसएफ (CISF) ने यहां अबू धाबी से आए दो यात्रियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 1.4 करोड़ रुपये के प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक सामान जब्त किए गए. इनमें कई बैन ड्रोन, प्रीमियम स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज़ शामिल हैं.
सीआईएसएफ के जवानों को एयरपोर्ट पर दो यात्रियों की हरकतें संदिग्ध लगीं. तत्काल उनके सामान की जांच की गई, जिसके बाद डोमेस्टिक एग्जिट गेट पर एक्स-बिस मशीन से उनके बैग स्कैन किए गए. स्कैनिंग में भारी मात्रा में अनडिक्लेयर्ड इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स मिले, जिनमें कई ऐसे ड्रोन भी थे. इन ड्रोन पर देश में आयात प्रतिबंधित लगा हुआ है. पूछताछ में दोनों यात्री न तो खरीद दस्तावेज दिखा पाए, न ही किसी वैध इम्पोर्ट क्लीयरेंस का प्रमाण. इसके बाद सीआईएसएफ ने उन्हें कस्टम विभाग के हवाले कर दिया.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि लाल किला धमाके के बाद इस तरह की बरामदगी बेहद संवेदनशील मानी जा रही है. जांचकर्ता यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिरी ड्रोन को भारत में लाने का मकसद क्या था। क्या यह महज एक कस्टम से बचने का छोटा-मोटा मामला है या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। दरअसल, हालिया धमाके ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और एयरपोर्ट, बॉर्डर व बंदरगाहों पर सख्त निगरानी बढ़ा दी गई है.
ड्रोन की बरामदगी ने इस बात पर भी सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर इतने महंगे और तकनीकी रूप से सक्षम उपकरण देश में गुपचुप तरीके से लाने की कोशिश क्यों की जा रही थी. सूत्रों का कहना है कि ड्रोन का इस्तेमाल जासूसी या किसी बड़ी आतंकी योजना में भी किया जा सकता था. लाल किला धमाके के बाद जब देश की राजधानी से लेकर सीमाओं तक सुरक्षा चाक-चौबंद की जा रही है, तब इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि दुश्मन देश या आतंकी गिरोह अपनी साजिशें तकनीक के जरिये जारी रखे हुए हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 12, 2025, 16:56 IST

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