राहुल की ये पहली हार नहीं, जानें कब-कब डूबी कांग्रेस की नैया, पढ़ें डिटेल में

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Last Updated:November 14, 2025, 17:49 IST

Bihar Chunav Result; Rahul Gandhi Defeats Analysis: बिहार चुनाव 2025 में कांग्रेस अपने इतिहास के सबसे खराब प्रदर्शन तक सिमट गई और सिर्फ दो सीट पर बढ़त बना सकी. यह हार राहुल गांधी के नेतृत्व में 20 वर्षों में मिली 95 चुनावी हारों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा है. राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस उत्तर प्रदेश से गुजरात, बिहार से उत्तर-पूर्व तक लगभग हर राज्य में लगातार कमजोर होती गई है.

राहुल की ये पहली हार नहीं, जानें कब-कब डूबी कांग्रेस की नैया, पढ़ें डिटेल मेंराहुल गांधी के नेतृत्व में 20 सालों में 95 चुनावी हारें दर्ज हो चुकी हैं.

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कांग्रेस के लिए नए संकट का द्वार खोल दिया है. पार्टी 61 सीटों पर मैदान में उतरी, लेकिन रुझानों में सिर्फ 4 सीट पर बढ़त और 1 पर जीत के साथ वह अपने इतिहास के सबसे खराब प्रदर्शन से गुजर रही है. बिहार में कांग्रेस की यह हालत अकेली नहीं है. यह पिछले दो दशकों में राहुल गांधी के नेतृत्व में लगातार बने कमजोर चुनावी ग्राफ की एक और कड़ी है.

दरअसल बिहार की हार वह मोती है जो पिछले 20 सालों में कांग्रेस को मिली 95 चुनावी हारों की लंबी माला में जुड़ गया. देश के लगभग हर बड़े राज्य में कांग्रेस जनादेश हासिल करने में विफल रही है. कहीं संगठन ढह गया, कहीं नेतृत्व संकट गहरा गया, और कहीं विपक्ष के नए उभार ने जगह छीन ली. यही कारण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की चुनावी यात्रा को अब भारत की राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण अध्ययन मामलों में से एक माना जा रहा है.

दो दशकों में 95 हार…

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस देश के लगभग सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर चुनाव हार चुकी है. यह हारें लोकसभा से लेकर विधानसभा, और उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम भारत तक फैली हुई हैं.

उत्तर प्रदेश से लेकर गुजरात तक हारों की लंबी सूची. तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक जैसे पारंपरिक गढ़ भी ढह गए उत्तर-पूर्व, जहां कांग्रेस कभी सबसे मजबूत थी, लगभग पूरी तरह छिन चुका है मध्य भारत (MP, छत्तीसगढ़) जैसी जगहों पर भी 2018 के बाद गिरावट तेज बिहार में 2025 की हार ने पूरे ग्राफ को और नीचे धकेला
पिछले 20 सालों में 95 हारों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस को अपनी राजनीति में पूरी संरचनात्मक रीबूट की जरूरत है. (फोटो PTI)

सबसे ज्यादा हार कहां?

सबसे बड़ी विफलताएं इन प्रमुख राज्यों में दर्ज हुईं:

उत्तर प्रदेश

राहुल गांधी की सबसे अधिक हारें यहीं से हैं-
2007, 2012, 2017, 2022 और अब 2025, लगातार पांच विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का ग्राफ गिरता ही गया.

बिहार

2005, 2010, 2020 और अब 2025-
कांग्रेस का ग्राफ लगातार ढलान पर है. 2025 में तो पार्टी सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई.

गुजरात

2007, 2012, 2017, 2022-
चार लगातार हारों के बावजूद कांग्रेस आज भी गुजरात में वैकल्पिक ताकत नहीं बन सकी.

मध्य प्रदेश / राजस्थान / छत्तीसगढ़

2008, 2013, 2018, 2023-
कांग्रेस हारने के बाद भी अपना संगठन बचा नहीं सकी.

उत्तर-पूर्व: मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल

2018–2024 के बीच कांग्रेस ने लगभग पूरा उत्तर-पूर्व खो दिया.

राहुल गांधी की प्रमुख चुनावी हारें

राज्यहार के सालटिप्पणी
उत्तर प्रदेश2007, 2012, 2017, 2022लगातार 4 चुनाव में गिरावट
बिहार2005–20252025 इतिहास की सबसे खराब स्थिति
गुजरात2007–2022लगातार 4 चुनाव में हार
मध्य प्रदेश2008, 2013, 2018, 2023उतार-चढ़ाव, पर स्थायी जीत नहीं
राजस्थान2013, 2023सत्ता मिली पर बनी नहीं
महाराष्ट्र2014, 2019, 2024लगातार कमज़ोरी
कर्नाटक2008, 2018भाजपा का बढ़ता प्रभाव
असम2016, 2021पूर्वोत्तर का बड़ा नुकसान
केरल2006, 2016, 2021UDF कमजोर हुआ
हिमाचल/उत्तराखंड2007–2022अस्थिर प्रदर्शन

कांग्रेस ने सबसे ज्यादा क्या खोया?

20 सालों में 95 हार, यानी हर 3 महीने में एक चुनावी झटका राजनीतिक नक्शे पर कांग्रेस की प्रभाव क्षेत्र लगातार सिकुड़ता जा रहा है क्षेत्रीय दलों का उभार कांग्रेस के वोट बैंक को खा गया संगठनात्मक ढांचा कई राज्यों में लगभग निष्क्रिय चुनाव जीतने की बजाय “नैरेटिव लड़ाई” पर अधिक फोकस युवा नेतृत्व की क्षमता पर बार-बार सवाल कैडर–आधारित राजनीति (BJP, TMC, BJD, AAP) के सामने कांग्रेस कमजोर

2025: क्यों बिहार कांग्रेस के लिए टर्निंग पॉइंट है?

कांग्रेस के लिए बिहार 2025 की हार सिर्फ एक चुनावी झटका नहीं, बल्कि एक संकेत है कि देश भर में पार्टी की जनाधार अब बिखर चुकी है.

सीमांचल और मिथिला जैसे पारंपरिक हिस्सों में AIMIM, RJD और BJP ने जगह ले ली संगठन मौजूद ही नहीं- स्थानीय स्तर पर चेहरा और मैसेजिंग बेहद कमजोर महागठबंधन में कांग्रेस अब “ताकत” नहीं, “सपोर्टिंग पार्टनर” बन गई है

बिहार चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन क्यों रहा?

संगठन का अभाव जमीन पर कमजोर नेतृत्व महागठबंधन में तालमेल की कमी RJD का अधिक प्रभाव, कांग्रेस की सीमित भूमिका मुस्लिम–ओबीसी वोट सीधे RJD और AIMIM की ओर शिफ्ट
20 सालों में 95 हार, यानी हर 3 महीने में एक चुनावी झटका. (फोटो PTI)

क्या 95 हारें कांग्रेस के भविष्य का रास्ता तय करती हैं?

पिछले 20 सालों में 95 हारों से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस को अपनी राजनीति में पूरी संरचनात्मक रीबूट की जरूरत है. कई राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि राहुल गांधी के मॉडल में मुद्दों पर नैरेटिव बिल्डिंग तो है. लेकिन चुनाव जीतने का मशीनरी–आधारित तंत्र नहीं पार्टी को जमीन पर पुनर्जीवित नहीं कर पा रहा. अगर कांग्रेस 2029 की लड़ाई लड़ना चाहती है, तो बिहार जैसी हारें उसके लिए चेतावनी बनकर सामने खड़ी हैं.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

November 14, 2025, 17:43 IST

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