'मिनी ट्रायल नहीं कर सकते' सीजेआई सूर्यकांत ने येदियुरप्पा को दी बड़ी राहत

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Last Updated:December 02, 2025, 13:55 IST

CJI Suryakant on Yediyurappa: सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई सूर्यकांत की बेंच ने येदियुरप्पा को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उनके खिलाफ पॉक्सो केस में ट्रायल पर रोक लगा दी है. जानें क्या है पूरा मामला...

'मिनी ट्रायल नहीं कर सकते' सीजेआई सूर्यकांत ने येदियुरप्पा को दी बड़ी राहतसुप्रीम कोर्ट में सीजेआई सूर्यकांत की बेंच ने येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो केस में ट्रायल पर रोक लगा दी है. (फाइल फोटो)

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज POCSO मामले में ट्रायल पर रोक लगा दी है. कोर्ट का यह आदेश येदियुरप्पा की उस याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती थी. हाईकोर्ट ने 13 नवंबर को फैसला सुनाते हुए उनके खिलाफ दर्ज मामला रद्द करने से इनकार कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस सूर्यकांत (CJI Suryakant) और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने ट्रायल रोकने के साथ ही कर्नाटक CID और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट ने पूर्व के एक फैसले का गलत अर्थ निकालते हुए मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया, जबकि याचिकाकर्ता को पहले के आदेश में इसकी स्वतंत्रता दी गई थी. इसी सीमित मुद्दे पर अब मामले की दोबारा सुनवाई की जाएगी.

येदियुरप्पा के वकीलों ने क्या दी दलील?

इस मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे येदियुरप्पा की ओर से पेश हुए. लूथरा ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज किया है, जिनमें उन गवाहों के बयान भी शामिल हैं जो घटना के समय मौजूद थे और जिन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि येदियुरप्पा 88 वर्ष के हैं, चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हैं.

क्या बोले सीजेआई सूर्यकांत?

इस पर CJI सूर्यकांत ने यह भी टिप्पणी की कि हाई कोर्ट को किसी तरह का ‘मिनी ट्रायल’ करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, लेकिन यह जरूरी है कि उसे मामले के मेरिट्स पर विचार करने का अवसर दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश फिलहाल ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को रोकता है, जब तक कि शीर्ष अदालत इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती.

येदियुरप्पा के खिलाफ मामला क्या है?

पूर्व कर्नाटक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ यह आपराधिक मामला एक महिला की तरफ से लगाए आरोपों से शुरू हुआ. महिला ने शिकायत की थी कि वह अपनी 17 साल की बेटी के साथ सहायता मांगने के लिए येदियुरप्पा के घर गई थी, जहां पूर्व मुख्यमंत्री ने नाबालिग से यौन उत्पीड़न किया. महिला ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा, येदियुरप्पा ने कथित रूप से मामले को दबाने के लिए महिला को पैसे की पेशकश भी की. 14 मार्च 2024 को महिला ने पुलिस को अपना बयान दिया था, बाद में उनकी मृत्यु हो गई.

इस शिकायत के आधार पर, पुलिस ने POCSO एक्ट की धारा 8 और IPC की धारा 354A (नाबालिग से यौन उत्पीड़न से जुड़े प्रावधान) के तहत FIR दर्ज की. इस पर ट्रायल कोर्ट ने 4 जुलाई 2024 को न सिर्फ पॉक्सो केस में येदियुरप्पा के खिलाफ संज्ञान लिया, बल्कि तीन अन्य लोगों पर IPC की धाराओं 204, 214 और 37 के तहत भी आरोप तय किए. ये सबूत नष्ट करने और आरोपी को बचाने के लिए प्रलोभन देने से जुड़े प्रावधान हैं.

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Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 02, 2025, 13:51 IST

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