मणिपुर में पटने लगी दरारें, मैती विधायक कुकी लोगों के कैंप में पहुंचे

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Last Updated:December 09, 2025, 07:53 IST

मणिपुर में अब दरारें पटने लगी हैं. जनप्रतिनिधि राहत कैंपों में पहुंचने लगे हैं. मैतेई समुदाय के भाजपा विधायक और पूर्व स्पीकर युमनाम खेमचंद कुकी बहुल इलाके पहुंचे और उनके हालचाल लिए. जिससे शांति की उम्मीद जगी, लेकिन कुकी संगठनों ने इसे दिखावा बताया और असल मुद्दों पर बात की मांग की.

मणिपुर में पटने लगी दरारें, मैती विधायक कुकी लोगों के कैंप में पहुंचे बाद पहली बार मैतेई विधायक के कुकी राहत शिविर पहुंचने पर जगी शांति की उम्‍मीद.

इंफाल. मणिपुर में अब दरारें पटने लगी हैं. जनप्रतिनिधि राहत कैंपों में पहुंचने लगे हैं. मैतेई समुदाय के भाजपा विधायक और पूर्व स्पीकर युमनाम खेमचंद कुकी बहुल इलाके पहुंचे और उनके हालचाल लिए. वे उखरुल जिले के लितान और म्यांमार सीमा से सटे कमजोंग जिले के चस्सद गए तथा कुकी परिवारों से मिले. जो पिछले ढाई साल से यहां पर हैं. लितान सारेईखोंग बैपटिस्ट चर्च के राहत शिविर में 173 बेघर लोग रह रहे हैं.

पूर्व स्पीकर ने वहां महिलाओं-बच्चों से बात की और कहा कि दुनिया में देशों के बीच, समुदायों के बीच झगड़े होते रहते हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के साथ प्यार से रहना सीखना होगा. बच्चों का भविष्य इस नफरत से बर्बाद नहीं होना चाहिए. क्रिसमस आने वाला है, आइए शांति की दुआ करें. उनके साथ गए तांगखुल नागा नेता और राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष होपिंग्सन शिमरे ने इसे बहुत बड़ा और सराहनीय कदम बताया. उनका कहना था कि 2023 के बाद पहली बार किसी मैतेई विधायक कुकी राहत शिविर पहुंचे हैं.

फिर कुकी क्‍यों हुए नाराज

कुकी इनपी, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन और गांव के मुखियाओं ने बयान जारी कर कहा कि युमनाम बिना बताए, बिना न्योता दिए अचानक पहुंच गए. शिविर प्रभारी लुंखोजंग बैते ने कहा कि जब वे आए तब ज्यादातर पुरुष लोग काम पर गए हुए थे. सिर्फ बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं थीं. विधायक बच्चों के साथ फोटो खिंचवाईं और चले गए. न किसी से पूछा, न किसी संगठन को बताया. यह सिर्फ दिखावा लगता है. कुकी संगठनों ने इसे राजनीतिक फोटो सेशन करार देते हुए कहा कि जब तक असल मुद्दों पर बात नहीं होगी, ऐसे दिखावे से शांति नहीं आएगी.

मतभेदों को खत्‍म करने का प्रयास

फिलहाल मणिपुर में अब भी 260 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, 60 हजार से ज्यादा बेघर हैं और इम्फाल घाटी व पहाड़ी इलाके के बीच दीवार जैसी खाई बनी हुई है. युमनाम का दौरा भले ही छोटा कदम हो, लेकिन दो साल बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि का पहुंचना इस बात को दर्शाता है कि कुकी और मैतेई के बीच मतभेदों को खत्‍म करने के प्रयास शुरू हो गए हैं.

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Sharad Pandeyविशेष संवाददाता

करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्‍यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें

First Published :

December 09, 2025, 07:53 IST

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