Last Updated:June 10, 2025, 17:50 IST
Bihar NDA Politics: 12 जून को महागठबंधन की बड़ी बैठक होने वाली है जहां सभी दलों के बीच समन्वय के साथ ही सीट बंटवारे पर भी बात होगी. वहीं, दूसरी ओर अब तक एकजुटता का दावा कर रहे एनडीए के भीतर खींचतान होती दिख रही...और पढ़ें

उपेंद्र कुशवाहा, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
NDA में जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच जुबानी जंग तेज.जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान की रैली पर तंज कसा, पलटवार हुआ.उपेंद्र कुशवाहा ने भी सवाल उठाए, सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर तनाव.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में आंतरिक खींचतान तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की हालिया रैली पर तंज कसते हुए बड़ा बयान दिया है. मांझी ने इशारों में चिराग पर निशाना साधा तो इसके जवाब में चिराग के करीबी और जमुई सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये पलटवार किया.बता दें कि रालोमो के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी एनडीए के भीतर समन्वय को लेकर सहयोगी दलों को चेतावनी दी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या एनडीए बाहर से एकजुट दिख रहा है और अंदर ही अंदर बवाल मचा हुआ है?
दरअसल, हालिया विवाद तब शुरू हुआ जब जीतन राम मांझी ने कहा, जो मजबूत होता है वह बोलता नहीं; जो कमजोर है वही बोलता है. जब समय आएगा तो हम अपनी बात रखेंगे. उन्होंने चिराग पासवान की आरा रैली पर तंज कसते हुए कहा, मुझे पता है कि 20 गाड़ियां रखी जाती हैं जिसमें 10 नारा लगाने वालों की होती हैं. 10 एक जगह माहौल बनाती है और बाकी 10 दूसरी जगह. मांझी ने लोकसभा चुनाव में HAM को दो सीटें और एक राज्यसभा सीट का वादा होने का दावा किया, लेकिन केवल एक सीट मिलने पर भी चुप रहने की बात कही. उन्होंने इमामगंज विधानसभा का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग प्रचार में शामिल नहीं हुए फिर भी HAM अनुशासित रहा. जानकार बताते हैं कि मांझी ने अपने इस बयान से चिराग की आक्रामक रणनीति और उनकी रैली की सफलता परसवाल उठाए हैं.
‘जाकी रही भावना जैसी…’
जीतन राम मांझी के इस बयान के जवाब में चिराग पासवान के बहनोई और जमुई से एलजेपीआर के सांसद अरुण भारती ने X पर लिखा, अगर कुछ वरिष्ठों को चिराग जी की रैली की सफलता से असहजता हुई है तो हम उसे भी आशीर्वाद मानते हैं. संघर्षशील समाज को मेहनत करनी पड़ती है और मजबूत लोग तो तिरस्कार कर आराम फरमाते हैं. उन्होंने ‘जाकी रही भावना जैसी…’ वाली रामायण की चौपाई का हवाला देकर मांझी के बयान पर तंज कसा. जाहिर है अरुण भारती की यह टिप्पणी NDA की भीतरी खींचतान की स्थिति को बताता है जिसे बाहर से एनडीए मजबूत दिखाने की कोशिश करता है.
मांझी का बयान उनकी नाराजगी
बता दें कि यह तनातनी NDA के लिए विधानसभा चुनाव से पहले चुनौती बन रही है. चिराग ने हाल ही में आरा में आयोजित ‘नव संकल्प सभा’ में सभी 243 सीटों पर लड़ने की बात कही थी जिसे जेडीयू और बीजेपी के लिए दबाव की रणनीति माना जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, LJP (रामविलास) को 25-28 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन चिराग अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं. मांझी की HAM को 7-10 सीटें मिलने की संभावना है, परन्तु वह भी अधिक हिस्सेदारी चाहते हैं. मांझी का बयान उनकी नाराजगी भी बताती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में HAM को केवल एक सीट दी गई थी, जबकि चिराग की पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं.
एनडीए में बढ़ता तनाव उजागर
बता दें कि NDA में पहले से ही राष्ट्रीय लोकमोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा ने काराकाट की हार का जिक्र कर सहयोगियों को एकजुट रहने की चेतावनी दी थी. मांझी और चिराग के बीच यह नया विवाद गठबंधन की एकता पर सवाल उठाता है. बीजेपी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन छोटे सहयोगी दलों की महत्वाकांक्षाएं संतुलन बिगाड़ रही हैं. दूसरी ओर विपक्षी महागठबंधन इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश में है. वहीं, ये बयानबाजियां NDA के भीतर सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर बढ़ते तनाव को उजागर करती है.जाहिर है एनडीए के दावों से इतर एनडीए का यह विवाद नया सियासी मोड़ लेता दिख रहा है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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