Last Updated:November 14, 2025, 17:39 IST
Bihar Election result 2025: बिहार चुनाव 2025 की जीत के बाद एनडीए अब देश की राजनीति में सबसे व्यापक शक्ति बनकर उभरा है. कुल 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश भगवा रंग में है, जबकि 13 पर गैर बीजेपी-एनडीए दल शासन कर रहे हैं. उत्तर, पश्चिम, पूर्वोत्तर और मध्य भारत में एनडीए की मजबूत पकड़ दिखती है जबकि दक्षिण और पूर्व के कई राज्यों में क्षेत्रीय दल हावी हैं. यह बदलता संतुलन देश की राजनीति को निर्णायक रूप से प्रभावित करेगा.
बिहार चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद देश की नई राजनीतिक तस्वीर अब एकदम साफ दिखने लगी है. एनडीए अब देश के अधिकांश भू-भाग पर काबिज हो चुका है और यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की राष्ट्रीय स्वीकार्यता का संकेत भी देता है. बिहार चुनाव जीतने के बाद अब देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बीजेपी और एनडीए की सरकार है. दूसरी तरफ 13 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश गैर-एनडीए दलों के नियंत्रण में हैं. यह संतुलन न केवल राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है बल्कि आने वाले वर्षों में नीति निर्माण, केन्द्र–राज्य तालमेल और चुनावी रणनीतियों पर भी गहरा असर डालने वाला है.
कहां-कहां एनडीए की सरकार?
मानचित्र में नारंगी रंग से दिखाए गए राज्यों में बीजेपी और एनडीए सत्ता में है. इनमें उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर और मध्य भारत से लेकर पश्चिमी तट तक का बड़ा हिस्सा शामिल है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और गोवा जैसे बड़े व राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य बीजेपी और एनडीए के कब्जे में हैं. इसके अलावा ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के महत्वपूर्ण राज्य– असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय भी बीजेपी और एनडीए की सत्ता वाले राज्यों में शामिल हैं. यह मुकम्मल भूगोल यह दिखाता है कि एनडीए की पकड़ न सिर्फ हिंदी पट्टी बल्कि पूर्वोत्तर और पश्चिम भारत तक फैली है.
कहां हैं अन्य दलों की सरकारें?
मानचित्र में ग्रे रंग से दर्शाए गए राज्य विपक्ष या गैर-एनडीए पार्टियों के नियंत्रण में हैं. इनमें प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं. इसी तरह जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम भी गैर-एनडीए श्रेणी में आते हैं. ये राज्य राजनीतिक रूप से भले कम संख्या में हों, पर इनमें से कई क्षेत्र क्षेत्रीय दलों का मजबूत आधार हैं. विशेषकर दक्षिण भारत में जहां डीएमके, कांग्रेस व क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव मजबूत है. वहीं, पूर्वी भारत के बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी का कब्जा है.
बड़ी तस्वीर क्या कहती है?
एनडीए अब देश की जनसंख्या, क्षेत्रफल और राजनीतिक प्रभाव के बड़े हिस्से पर काबिज है. बिहार की जीत ने इसे और मजबूती दी है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि राष्ट्रीय राजनीति में एनडीए की पकड़ मजबूत हो रही है, जबकि विपक्ष भौगोलिक रूप से सिमटा है. 2026 व 2027 के आगामी चुनावों से पहले यह राजनीतिक समीकरण पूरे देश की रणनीतियों पर गहरा असर डालेगा.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 14, 2025, 17:37 IST

1 hour ago
