नीतीश कुमार के गढ़ हरनौत में जेडीयू 10304 वोट से आगे, महागठबंधन पीछे

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Last Updated:November 14, 2025, 11:09 IST

Harnaut ECI Chunav Result 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कर्मभूमि हरनौत सीट पर जेडीयू उम्मीदवार हरिनारायण सिंह 10304 वोट से आगे हो गए हैं. सातवें राउंड की गिनती में इस सीट पर महागठबंधन काफी पीछे चल रही है.

नीतीश कुमार के गढ़ हरनौत में जेडीयू 10304 वोट से आगे, महागठबंधन पीछेहरनौत सीट के शुरुआती रुझान में कौन आगे कौन पीछे?

Harnaut ECI Chunav Result 2025: हरनौत सीट से जेडीयू के हरिनारायण सिंह 10304 वोटों से आगे हो गए हैं. इस सीट पर सातवें राउंड की गिनती चल रही है. इस बार भी जेडीयू ने हरनौत से हरिनारायण सिंह को ही मैदान में उतारा है, जबकि महागठबंधन के कोटे पर कांग्रेस के अरुण कुमार मैदान में हैं. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा था.

हरनौत नालंदा जिले का एक प्रमुख विधानसभा सीट है. यह सीट अपने ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. हरनौत को बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार के गृहक्षेत्र के रूप में विशेष पहचान मिली है. उनका पैतृक गांव कल्याण बिगहा हरनौत से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत यहीं से की थी. साल 1977 और 1980 में हरनौत के मतदाताओं ने नीतीश कुमार को दो बार नकारा था, लेकिन बाद में उन्होंने यहीं से अपनी की यात्रा शुरू की.

हरनौत सीट की खासियत यह है कि नीतीश कुमार ने जिन-जिन राजनीतिक दलों जैसे लोक दल, समता पार्टी, जेडीयू का प्रतिनिधित्व किया है, वे पिछले आठ विधानसभा चुनावों में हरनौत सीट पर अजेय रहे हैं. हरनौत विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1972 में हुई और 1977 में पहला चुनाव हुआ. यह एक सामान्य सीट है और नालंदा लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. अब तक कुल 12 चुनावों में से यहां से तीन बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जबकि शेष सभी चुनाव नीतीश कुमार या उनकी पार्टी के उम्मीदवारों ने जीते हैं. नीतीश कुमार ने इस सीट से दो बार जीते हैं और दो बार हारे हैं.

जेडीयू के हरिनारायण सिंह ने हरनौत सीट पर 2010 में 15,042, 2015 में 14,295, और 2020 में 27,241 वोटों से जीत हासिल की है. लोजपा हर बार दूसरे स्थान पर रही, जबकि 2020 में कांग्रेस, जो राजद नीत महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ी थी, मात्र 13.3% वोट के साथ तीसरे स्थान पर रही.जेडीयू ने इस सीट पर 2000 से लेकर 2020 तक कब्जा बरकरार रखा है. हरिनारायण सिंह ने लगातार तीन बार जीतकर इस सीट को जेडीयू का अजेय किल्ला साबित किया है.

हरनौत में कुर्मी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है, जो नीतीश कुमार के लिए एक मजबूत आधार रहे हैं. यह जेडीयू के लिए सबसे बड़ा सकारात्मक बिंदु है. हरनौत सीट पर कुर्मी मतादाताओं के साथ-साथ यादव और मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं. कांग्रेस के उम्मीदवार अरुण कुमार इन्हीं वोटों और 25 साल की लगातार जीत के कारण पैदा हुई एंटी-इनकम्बेंसी के सहारे इस गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश करेंगे.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

November 14, 2025, 07:56 IST

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