दूसरी तिमाही में कितनी रहेगी भारत की विकास दर? रेटिंग एजेंसी ने बताए आंकड़े

1 hour ago

Last Updated:November 12, 2025, 17:49 IST

Indian Economy Growth : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के विकास दर के आंकड़े जल्‍द ही सामने आने वाले हैं. इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने दूसरी तिमाही की विकास दर के आंकड़ों का अनुमान बता दिया है. एजेंसी का कहना है कि जुलाई-सितंबर में भी निजी खपत मजबूत बनी रहेगी.

दूसरी तिमाही में कितनी रहेगी भारत की विकास दर? रेटिंग एजेंसी ने बताए आंकड़ेभारत की विकास दर के आधिकारिक आंकड़े 28 नवंबर को जारी होंगे.

नई दिल्‍ली. आपको याद है न कि अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने पिछले दिनों दावा किया था कि भारत और रूस की इकनॉमी डेड है. इस दावे के बाद भारत के विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ खूब हो-हल्‍ला मचाया था. लेकिन, अब जल्‍द ही दूध का दूध और पानी का पानी होने वाला है. नवंबर के आखिर में चालू वित्‍तवर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के विकास दर के वास्‍तविक आंकड़े सामने आने वाले हैं. इससे पहले ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्‍स एंड रिसर्च ने दूसरी तिमाही की विकास दर का अनुमान बताया है.

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्तवर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी के 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जिसमें सबसे ज्‍यादा असर निजी खपत में वृद्धि का दिखेगा. वित्‍तवर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 8 फीसदी से भी ज्‍यादा रही थी. एक साल पहले के आंकड़े देखें तो वित्तवर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारतीय अर्थव्यवस्था 5.6 फीसदी की दर से बढ़ी थी.

5 तिमाहियों में सबसे तेज विकास दर
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चालू वित्तवर्ष में पांच तिमाहियों में सबसे तेज गति यानी 7.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. वास्तविक जीडीपी, आधार वर्ष 2011-12 पर आधारित होती है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 28 नवंबर को वित्तवर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि अनुमानों पर आधिकारिक आंकड़े जारी करेगा.

विकास दर पर किसका ज्‍यादा असर
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वित्तवर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.2 फीसदी पर मजबूत बनी रहेगी. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के अर्थशास्त्री एवं कार्यकारी निदेशक पारस जसराय ने कहा कि मांग पक्ष से निजी खपत, उच्च और निम्न आय वाले दोनों परिवारों की स्थिर वास्तविक आय में बढ़ोतरी के कारण वृद्धि का एक प्रमुख चालक है. विनिर्माण क्षेत्र में अनुकूल आधार-आधारित माल निर्यात वृद्धि के साथ-साथ मजबूत सेवा क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के दौरान आपूर्ति पक्ष ने जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा दिया.

प्राइवेट कंजप्‍शन में 8 फीसदी उछाल
रेटिंग एजेंसी ने बताया कि वित्तवर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में निजी खपत सालाना आधार पर 8 फीसदी की दर से बढ़ेगी. पहली तिमाही में यह 7 फीसदी और दूसरी तिमाही में 6.4 फीसदी रही थी. बजट में घोषित आयकर कटौती से भी उपभोग मांग को बल मिला है. अगर माल एवं सेवा कर (जीएसअी) की दरों को युक्तिसंगत बनाने के कारण खरीदारी के फैसले स्थगित नहीं किए गए होते तो निजी उपभोग और भी तेजी से बढ़ता. दूसरी तिमाही में निवेश की मांग सालाना आधार पर 7.5 फीसदी की मजबूत दर से बढ़ी है. इसमें सरकारी पूंजीगत व्यय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 12, 2025, 14:06 IST

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